उत्तर प्रदेश का बरेली जिला लव जिहाद की घटनाओं को लेकर चर्चा में है। जिले में लव जिहाद की बढ़ती घटनाएँ चिंता का विषय हैं। इस साल जनवरी 2022 से 10 जुलाई तक जिले में लव जिहाद के 46 मामले सामने आ चुके हैं। तेजी से बढ़ रही ये घटनाएँ एक प्रकार की सुनियोजित साजिश की ओर इशारा कर रही हैं। जागरण की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह के मामलों में भी पुलिस ने कई मामले रंगदारी के तौर पर दर्ज किए हैं, हालाँकि, पीड़ितों के बयान कुछ और ही कहानी बयाँ कर रहे हैं।
इस मामले में एक्शन लेते हुए बाल कल्याण समिति ने ग्रूमिंग जिहाद के पीड़ितों के बयान दर्ज किए हैं। समिति के अधिकारियों के अनुसार, अधिकांश लड़कियों ने अपने बयानों में कहा कि उन्हें अंधेरे में रखा गया और बाद में जबरन इस्लाम कबूल कराया गया। आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक, इस तरह के मामलों में 250 से अधिक केस ऐसे थे, जिनमें पीड़ित नाबालिग थे। इसमें से 46 लड़कियों को मुस्लिमों ने झूठ बोलकर या नाम बदलकर पहले अपने जाल में फँसाया और बाद में उन्हें इस्लामिक धर्मान्तरण के लिए मजबूर किया। बरेली में औसतन हर महीने कम से कम सात लड़कियों को लव जिहाद का शिकार बनाया गया है। इनमें से अधिकतर ने किसी न किसी दबाव में आकर इस्लाम कबूल कर लिया।
बाल कल्याण समिति ने दावा किया है कि कम से कम आठ लड़कियों ने ऑन रिकॉर्ड ये स्वीकार किया है कि मुस्लिम लड़कों ने हिन्दू नाम रखकर उन्हें रिश्ते में फंसाया। उन्हें अपने वास्तविक धर्म के बारे में घर से बाहर निकलने के बाद ही पता चला। इतना ही इस्लामवादियों ने लड़कियों को अपने जाल में फँसाने के बाद पाँच लड़कियों से उनके ही घरों में चोरी करने के लिए मजबूर किया। दरअसल, घर से भगाने से पहले इन मुस्लिमों ने लड़कियों से उनके घरों से नकदी और जेवर चोरी कर लाने को कहा था। इन पीड़ितों में एक स्थानीय नेता की भी बेटी है।
बताया जाता है कि दाउद नाम का एक मुस्लिम युवक उसके घर में सीसीटीवी की फिटिंग करने के लिए आया था। उसी दौरान किशोरी के साथ उसके संबंध बन गए। उसके झाँसे में आकर 26 जून को रात में नकदी व जेवरात लेकर पीड़िता घर से घर से निकली थी। दाऊद ने उसे अपने घर में रखा था। हालाँकि, 28 जून को पुलिस ने उसे ट्रैक कर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। बाद में पुलिस को पीड़िता ने बताया कि इसमें उसके घर वाले भी शामिल हैं। दाऊद को पोक्सो एक्ट के तहत जेल भेज दिया गया।
निकाह के लिए पंजाब ले गए हिन्दू लड़की को
इसी तरह के एक अन्य मामले में आमिर नाम के मुस्लिम युवक ने 15 साल की हिन्दू नाबालिग लड़की को फँसाया। उसने पीड़िता से हिन्दू बनकर जान पहचान की। दोनों एक ही थाना क्षेत्र में रहते थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आमिर ने कई मौकों पर उससे बात करने की कोशिश की। वह इलाके का चक्कर लगाता था और गिफ्ट के तौर पर एक मोबाइल फोन भी दिया था। फोन देने के बाद उन दोनों की बातचीत शुरू हुई और आरोपित ने उसका ब्रेनवॉश कर दिया। उसने उसे दुनिया घुमाने और रानी की तरह रखने का लालच दिया।
एक दिन वो पीड़िता को लेकर पंजाब चला गया और वहाँ उससे निकाह करने को कहा। जब लड़की ने कहा कि वो तो एक हिन्दू है तो भी उसने उसे निकाह के लिए मना लिया। इस बीच आरोपित ने पीड़िता का उसके परिवार से बात करना भी बंद करवा दिया। किशोरी गर्भवती भी थी। इसी बीच एक दिन मौका देखकर उसने अपने माता-पिता से बात कर उन्हें सारी सच्चाई बताई। बाद में उसके माता-पिता पंजाब गए और उसे वापस ले आए। आमिर के खिलाफ लड़की के परिजनों के केस दर्ज कराया है। जबकि लड़की अब 5 महीने की गर्भवती है।
किशोरी को उसकी सहेली के प्रेमी के जरिए फँसाया
बरेली में ही बारिश नाम के एक मुस्लिम आरोपित ने हिन्दू लड़की को फँसाने के लिए उसकी सहेली के ब्वॉयफ्रेंड का इस्तेमाल किया। लड़की की दोस्त के प्रेमी से वो हिन्दू बनकर मिला और उसके जरिए लड़की से संपर्क साधा। आखिरकार वो अपने मकसद में सफल हो गया। उसने पीड़िता का ब्रेनवॉश कर उसे अपने साथ रहने के लिए मना लिया। इतना ही नहीं घर से अपने साथ भागने से पहले उसने लड़की से उसके ही घर में चोरी भी करवाई। एक रात लड़की घर से कैश और जेवरात लेकर निकल गई। हालाँकि, बाद में आरोपित पकड़ा गया और उसके खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की गई।