Tuesday, November 5, 2024
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यूपी में पुलिस ने चौराहों पर टाँगे दंगाइयों के पोस्टर, 8 अप्रैल तक जुर्माना नहीं भरा तो संपत्ति होगी कुर्क

मजिस्ट्रेट जाँच में 57 लोग दोषी पाए गए थे। इन सभी से हिंसा के दौरान हुए एक करोड़ 55 लाख रुपए के नुकसान की वसूली होनी है। इनमें शिया चाँद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड उपाध्यक्ष कल्बे सादिक के बेटे सिब्तैन नूरी का नाम भी शामिल है।

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की आड़ में उत्तर प्रदेश हिंसा करने वालों से योगी सरकार सख्ती से निपट रही है। राजधानी लखनऊ में सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुॅंचाने वाले दंगाइयों के चेहरे सार्वजनिक कर दिए गए हैं। इनके पोस्टर चौराहों पर लगाए गए हैं। दंगाइयों पर जुर्माना सरकार पहले ही लगा चुकी है। हिंसा के बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि नुकसान की भरपाई दंगाइयों से की जाएगी।

यूपी पुलिस ने लखनऊ के प्रमुख चौराहों पर 57 दंगाइयों के पोस्टर लगाए हैं। दंगाइयों को संपत्ति के नुकसान की वसूली का नोटिस भी दिया गया है। इस मामले में लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश का कहना है कि हिंसा फैलाने वाले सभी उपद्रवियों के लखनऊ में पोस्टर और बैनर लगाए जाएँगे। नोटिस के बाद जुर्माना नहीं देने पर इनकी संपत्ति कुर्क की जाएगी।

प्रशासन ने दोषियों को नोटिस जारी करते हुए है कि अगर आठ अप्रैल तक जुर्माने की धनराशि जमा नहीं की गई तो उनकी सम्पत्ति कुर्क कर जुर्माने की रकम वसूली जाएगी। मजिस्ट्रेट जाँच में 57 लोग दोषी पाए गए थे। इन सभी से हिंसा के दौरान हुए एक करोड़ 55 लाख रुपए के नुकसान की वसूली होनी है।

आपको बता दें कि आदेश के अनुसार ठाकुरगंज में 14 और कैसरबाग में 15 आरोपी बनाए गए थे। ठाकुरगंज में चार और कैसरबाग में 9 आरोपियों पर सुनवाई के दौरान दोष सिद्ध नहीं हो सका। वहीं ठाकुरगंज से 10 और कैसरबाग से 6 आरोपियों को दोषी मानते हुए कुल 69 लाख 48 हजार 900 रुपए हर्जाना तय किया गया है। इनमें शिया चाँद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड उपाध्यक्ष कल्बे सादिक के बेटे सिब्तैन नूरी का नाम भी शामिल है।

दरअसल सीएए के नाम पर प्रदर्शनकारियों ने 19 दिसंबर को लखनऊ में हिंसा की घटना को अंजाम दिया था। इस दौरान दंगाइयों ने शहर में हिंसा फैलाते हुए सरकार की करोड़ों रुपए की सम्पत्ति को तहस-नहस कर दिया था। लखनऊ में 19 दिसंबर को हुई हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डीजीपी ओपी सिंह ने कहा था कि वे हिंसा में किसी भी निर्दोष को हाथ नहीं लगाएँगे, लेकिन जिन्होंने हिंसा की है, उन्हें किसी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि प्रदेश में सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुँचाया गया है, उसकी भरपाई उपद्रवियों की संपत्ति से ही की जाएगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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