कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग में केंद्र सहित सभी राज्य सरकारें युद्ध स्तर पर जुटी हैं। वहीं दूसरी ओर वर्ग विशेष के कुछ लोग जाँच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। कोरोना से लोगों को बचाने में लगे डॉक्टर, नर्स और पुलिस टीम पर हमले की कई घटनाएँ चुकी है। अब उत्तर प्रदेश के बरेली में नर्स पर हमला हुआ है।
यहाँ सर्वे करने गई नर्स को निशाना बनाया गया। नर्स ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। आरोपितों की संख्या 20-25 बताई जा रही है। इससे पहले यूपी के मुरादाबाद में स्वास्थ्य विभाग की टीम पर हमला किया गया था।
नर्स का आरोप है कि बरेली के फरीदपुर तहसील के ऊँचा मोहल्ला में वह सर्वे करने गई थी। इस दौरान लोगों ने उसका रजिस्टर और मोबाइल छीन लिया और बदतमीजी की। नर्स ने किसी तरह वहाँ से भागकर जान बचाई।
जानकारी के मुताबिक, प्रवासी और संदिग्ध लोगों के बारे में सर्वे करने के लिए फतेहगंज पूर्वी के नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात एएनएम महादेव और ऊँचा मोहल्ले में गई थी। नर्स के अनुसार कई परिवारों ने अपना नाम और पता बताया, लेकिन कुछ लोग जानकारी देने से इनकार करने लगे।
मोबाइल छीना, रजिस्टर फाड़े और अभद्रता की
नर्स मोहल्ले से बाहर आई तो इमामबाड़ा के पास काफी लोगों ने उसे घेर लिया और तरह-तरह के सवाल करने लगे। आईडी कार्ड की माँग की। आरोप है कि आईडी कार्ड दिखाने के बाद भी भीड़ में शामिल कई लोगों ने उससे रजिस्टर छीन लिया, उसे फाड़ने का प्रयास किया और मोबाइल भी झपट लिया। उनसे अभद्रता करने लगे। इसके बाद वह रजिस्टर और मोबाइल को लेकर किसी तरह अपनी जान बचाकर भागी।
एएनएम ने उच्च अधिकारियों को घटना की जानकारी दी। फरीदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर वासित अली मौके पर पहुँचे। लोगों से जानकारी लेकर रिपोर्ट अफसरों को दी। इसके बाद विभाग की ओर से कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ फरीदपुर थाना कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस मामले की जाँच में जुटी हुई है। घटना अंजाम देने के संदेह में पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है।
एसएसपी शैलेश पाण्डेय ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों के साथ अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो भी बदसलूकी करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आशा कार्यकर्ता से अभद्रता के मामले में जाँच कर दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
पहले भी हो चुके हैं स्वास्थ्यकर्मी और पुलिस पर हमले
गौरतलब है कि इससे पहले मुरादाबाद में मेडिकल टीम पर हमले का ऐसा ही मामला सामने आया था। वहाँ डॉक्टरों समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। जाँच दल के साथ पत्थरबाजी की घटना में चोटिल डॉ. एससी अग्रवाल ने कहा, “हम मुरादाबाद के नवाबपुरा में एक COVID-19 पॉजिटिव मरीज के 4 परिवार वालों को लेने गए थे। जैसे ही हमने उन्हें एम्बुलेंस में बिठाया, कुछ लोगों ने हमें घेर लिया और विवाद शुरू हो गया। लोगों ने हम पर हमला कर दिया।”
कुछ दिनों पहले बेंगलुरु के सादिक मोहल्ले में कोरोना संक्रमण के लक्षणों की जाँच पड़ताल करने और नमूने लेने के लिए गई नर्स और आशा कार्यकर्ता पर मुस्लिम भीड़ ने हमला कर दिया था। आशा वर्कर ने बताया कि मस्जिद से घोषणा करने के बाद तकरीबन 100 लोगों की भीड़ ने आकर उन्हें घेर लिया। इस हमले के बाद से हेल्थ वर्कर्स को लेकर लोगों की चिंताएँ भी बढ़ गई हैं। वहीं कश्मीर में कोरोना संदिग्ध की जाँच करने पहुँची मेडिकल टीम को स्थानीय लोगों ने बंधक बना लिया था। जब पुलिस उन्हें छुड़ाने पहुँची तो उन पर भी पथराव किया गया।