उत्तर प्रदेश में कोरोना प्रोटोकॉल्स का उल्लंघन करते हुए पकड़े गए तबलीगी जमात के मरकज़ में शामिल 49 विदेशी नागरिकों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है, जिसके बाद बुधवार (फरवरी 24, 2021) को सुनवाई के दौरान यूपी कोर्ट ने इन्हें जेल में बिताई अवधि के कारावास और 1500 रुपए के जुर्माने से दंडित किया।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कोरोना महामारी की असामान्य परिस्थितियों में अभियुक्तों ने उस समय अपराध किया, जब समाज में अविश्वास व डर का माहौल था। इसलिए सभी विदेशी अभियुक्तों को दंडित किया जाता है।
मालूम हो कि अदालत में आईपीसी की धारा 188, 269, 270, 271 व महामारी अधिनियम, पासपोर्ट अधिनियम, विदेशियों विषयक अधिनियम तथा आपदा प्रबंधन की अलग अलग धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
सुनवाई में अभियुक्तों ने भी स्वीकारा कि कोविड-19 महामारी एक असामान्य परिस्थिति थी। वे सभी विदेशी हैं जो टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे। उनके सभी कागजात वैध हैं और उन्होंने जानबूझकर कोई अपराध नहीं किया। वो बस अपने देश वापस जाना चाहते हैं इसलिए उन्हें कम से कम दंड से दंडित किया जाए।
गौरतलब है कि पिछले साल कोरोना की शुरुआत के समय जब सरकार इन कोशिशों में जुटी थी कि किसी प्रकार से ये कोरोना चेन टूट जाए उस समय दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में तबलीगी जमात के मजहबी कार्यक्रम हुए, जिसमें प्रशासन के दिशा-निर्देशों और लॉकडाउन का खुला उल्लंघन किया गया।
इसके बाद हज़ारों लोग अलग-अलग राज्यों में जाकर छिप गए। उन्हें खोजने गए पुलिसकर्मियों और उनकी स्क्रीनिंग के लिए गई मेडिकल टीम पर हमले हुए। ऐसी एक-दो नहीं बल्कि दसियों घटनाएँ हुईं। कई विदेशी इस दौरान अलग-अलग प्रदेशों में छिपे मिले। जिसके बाद इनके ख़िलाफ़ आवश्यक कार्रवाई हुई।
मामले के तूल पकड़ने के बाद गृह मंत्रालय ने भी आगे कुछ पाबंदियाँ लगाईं। वीजा उल्लंघन मामले का पता लगने के बाद मंत्रालय ने जमात से जुड़े 2200 से अधिक विदेशियों के 10 साल तक भारत में प्रवेश करने पर रोका।
अधिकारियों के मुताबिक किर्गिस्तान के 77 नागरिक, 75 मलेशियाई, 65 थाईलैंड, 12 वियतनाम, 9 सऊदी अरब और 3 फ्रांसीसी नागरिक भी वीजा नियमों का उल्लंघन करने वालों में शामिल थे। गृहमंत्रालय ने इन सभी विदेशियों के अगले 10 वर्षों के लिए भारत में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया।