उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले का बंधक संकट खत्म हो गया है। पुलिस और एटीएस की टीम ने बच्चों को बंधक बनाने वाले सुभाष बाथम को देर रात मार गिराया। बंधक संकट करीब 8 घंटे चला। जिले के मोहम्मदाबाद के कठरिया गॉंव में सुभाष ने बच्चों को बंधक बना लिया था। उसे मार गिराने के बाद पुलिस ने सभी बच्चों को उसके घर से सुरक्षित निकाल लिया। घटना से नाराज लोगों की पिटाई से जख्मी हुई सुभाष की पत्नी ने भी अस्पताल मे दम तोड़ दिया।
यूपी पुलिस ने रात के करीब एक 1 बजे सिरफिरे को ढेर कर सभी बच्चों को सकुशल छुड़ा लिया। सुभाष पर हत्या का केस चल रहा था। वह हाल ही में जमानत पर बहार आया था। करीब 8 घंटे चले ऑपरेशन के बाद यूपी पुलिस 24 बच्चों की जिंदगी बचाने में कामयाब रही। गुरुवार (जनवरी 30, 2019) दोपहर करीब ढाई बजे से शुरू हुआ ये खौफनाक खेल सिरफिरे सुभाष बाथम की मौत के साथ खत्म हुआ। जानिए पूरा घटनाक्रम-
- यह सनसनीखेज वारदात जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के बरेली-इटावा हाईवे स्थित गाँव कठरिया में हुई।
- यहाँ का 40 वर्षीय सुभाष बाथम अपने मौसा मेघनाथ की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा पा चुका है।
- घर में चोरी की शिकायत पर उसने 2001 में मौसा की हत्या की थी।
- 2005 में उसे उम्रकैद हुई। 10 साल जेल में रहने के बाद हाई कोर्ट से उसे जमानत मिल गई।
- करीब 3 महीने पहले एसओजी ने फतेहगढ़ में हुई चोरी के आरोप में उसे जेल भेज दिया।
- वहाँ से डेढ़ माह पूर्व जमानत पर छूटा। खुद को फँसाने के शक में उसने पुलिस व ग्रामीणों से बदला लेने की योजना बना डाली।
- गुरुवार दोपहर अपनी एक साल की बेटी के जन्मदिन के बहाने गाँव के करीब दो दर्जन बच्चों को घर पर बुलाया और सभी को बंधक बना लिया।
- देर तक बच्चों के घर न लौटने पर पड़ोसी जब सुभाष के घर पहुँचे तो उसने फायरिंग कर दी। उसने चिल्ला-चिल्लाकर गाँव वालों पर फँसाने का आरोप लगाया।
- बच्चों को छुड़ाने पहुँचे थाना प्रभारी राकेश कुमार व यूपी 112 की टीम पर उसने घर के भीतर से बम फेंक दिया।
- इसमें थाना प्रभारी राकेश कुमार, यूपी-112 के दीवान जयवीर सिंह व सिपाही अनिल कुमार घायल हो गए। इसके बाद पुलिस व स्वाट टीम ने कई घरों की छतों की घेराबंदी की।
- क्षेत्रीय विधायक नागेंद्र सिंह व एसपी डॉ अनिल कुमार मिश्र ने लाउडस्पीकर से बाहर आने को कहा तो वह गालियाँ देने लगा।
- इस बीच सुभाष का एक दोस्त उसे समझाने गया तो उसने दरवाजे के नीचे से गोली चला दी। गोली उसके के पैर में लगी।
- मामला बढ़ता देख डीएम-एसपी भी मौके पर पहुँचे। पुलिस ने सुभाष के घर को घेर रखा था। गाँव वाले भी पुलिस वालों की मदद में लगे हुए थे। लेकिन सुभाष के घर से ना ही कोई डिमांड आ रही थी और ना ही वो बातचीत करने को तैयार था।
- रात करीब सवा 9 बजे एटीएस की टीम पहुँची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। ड्रोन के जरिए घर के अलग-अलग हिस्सों की तस्वीरें ली गईं। इन तस्वीरों में पाया गया कि अपराधी के पास मौजूद भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद मौजूद थे।
- घर में बच्चों के होने की वजह से पुलिस और एटीएस कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली से एनएसजी की टीम भी फर्रुखाबाद के लिए रवाना हुई।
- रात करीब 11 बजे सुभाष ने करीब 2 साल के एक बच्चे को पत्र लेकर घर से बाहर भेजा। यह पत्र टाइप किया हुआ था। जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि सुभाष ने अच्छे से प्लान करके यह हाई वोल्टेज ड्रामा रचा था। पत्र में उसने बताया कि वो काफी समय से सरकारी योजना के तहत घर और शौचालय की माँग कर रहा था, लेकिन अभी तक उसकी माँग पर कोई सुनवाई नहीं हुई।
- देर रात गाँव वालों ने सुभाष के घर पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस भी पूरी तरह से मुस्तैद थी। पुलिस ने बातचीत में सुभाष को व्यस्त रखा। जबकि एक टीम पीछे से गेट पर तैयार खड़ी थी। रात करीब सवा एक बजे गाँव वालों ने घर पर हमला बोल दिया और घर का मुख्य दरवाजा तोड़ दिया। इसके बाद पुलिस भी घर में घुस गई और एनकाउंटर में सुभाष को ढेर कर दिया।
- पुलिस कार्रवाई में सुभाष की मौत होने के बाद डाक्टरों की टीम ने सभी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। इस दौरान किसी को सुभाष के घर के अंदर नहीं जाने दिया। सभी अपने बच्चों को सकुशल देखने को परेशान थे।जब सभी बच्चों को स्वास्थ्य परीक्षण हो गया और सभी स्वस्थ्य थे तब बच्चों को पुलिस कर्मियों ने बाहर निकालकर एक-एक कर उनके माता पिता को सौंपा तो परिजनों ने अपने लाडले को सीने लगा लिया।
UP DGP OP Singh: The operation ran for around 8 hours. We tried to engage him constructively through talks but we got information that he had firing capability and there was possibility that he had explosives in his possession. He was threatening to carry out a blast. https://t.co/QMcp8pD9k0 pic.twitter.com/Nit6XlJgl2
— ANI UP (@ANINewsUP) January 30, 2020
UP Additional Chief Secretary&Principal Secretary Home Awanish K Awasthi: Chief Minister has announced an award of Rs 10 lakhs for UP police&its team that successfully carried out the operation. All personnel who took part in operation will be given certificate of appreciation. https://t.co/QMcp8pD9k0
— ANI UP (@ANINewsUP) January 30, 2020
इस मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद नजर रख रहे थे और उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठक कर उन्हें घटनास्थल पर रहने का निर्देश दिया था। यूपी अडिशनल चीफ सेक्रटरी और प्रिंसिपल सेक्रटरी (गृह) अवनीश अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए यूपी पुलिस और उनकी टीम के लिए 10 लाख रुपए के इनाम का ऐलान किया है। ऑपरेशन में शामिल हर पुलिसकर्मी को प्रशस्ति-पत्र भी दिया जाएगा।