उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कानपुर में लव जिहाद के मामलों की जाँच के लिए अगस्त में एक विशेष जाँच दल (SIT) का गठन किया था। पुलिस ने 14 केस में से आधे की जाँच पूरी कर ली है। इन 14 मामलों में कुछ चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। बता दें हाल ही में लव-जिहाद के मामलों पर सख्त रुख दिखाते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि लव जिहाद वाले नहीं सुधरे तो उनकी ‘राम नाम सत्य’ वाली यात्रा निकल जाएगी।
एनबीटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, एसआईटी के गठन के बाद इस्लाम धर्म कबूल कर निक़ाह करने वाले सारे मामलों पर संज्ञान लिया गया था। जिनमें 12 धर्मांतरण के मामले पहले के थे, वहीं 11 मामले मात्र तीन महीनों के अंदर इसी साल सामने आए थे। जिनमें सबसे ज्यादा चर्चित मामला शालिनी से फिजी फातिमा बनी युवती का था।
मीडिया को सूत्रों से जानकारी मिली है कि पुलिस ने जाँच दौरान जबरन इस्लाम कबूलवाने वाले 14 मामलों को एक अलग श्रेणी में रखा था। इनमें से 9 मामले एसआईटी को ऐसे मिले है जिसमें हिंदू लड़कियों को जबर्दस्ती धर्म परिवर्तन करवाने के ठोस सबूत भी सामने आए है।
रिपोर्ट के अनुसार, आईजी रेंज मोहित अग्रवाल को लव जिहाद के इस घिनौने खेल की रिपोर्ट 1 हफ्ते के भीतर सौंप दी जाएगी। रिपोर्ट की जो बाहरी जानकारी सामने आई है उसमें कहा गया है कि भोली भाली दूसरे समुदाय की लड़कियों को मुस्लिम समुदाय के युवकों द्वारा अपनी धार्मिक पहचान छिपाकर पहले प्रेम मोहब्बत की बात करके अपने झाँसे में लिया जाता था। इसके बाद उनका ब्रेनवॉश, जबरन इस्लाम धर्म कबूल करवाकर निकाह किया जाता था।
वहीं लव-जिहाद के कई मामलों में देखा गया है कि आरोपित ज्यादातर सोशल मीडिया के जरिए युवतियों से संपर्क बनाते है। ये सभी आसपास के ही रहने वाले होते है। उनसे प्यार भारी बातें और पानी की तरह पैसों को बहा कर उनका पहले विश्वास जीतते है। फिर उनसे प्रेम संबंध बनाते है। प्रेम जाल में फँसाने के बाद तमाम तरह के इमोशनल बातें कर उन्हें अपनों के खिलाफ बरगलाया जाता है। इसके बाद बहला-फुसलाकर अपने भगा ले जाते हैं और जबरन इस्लाम धर्म कबूल कराया जाता है।
सोशल मीडिया पर अपने परिवार वालों पर ही संगीन आरोप लगाने वाली शालिनी यादव से फिजा फातिमा बनकर निकाह करने वाली युवती ने वीडियो बवाल खड़ा कर दिया था। जिसके बाद हिंदूवादी संगठनों और युवती के भाई ने इसके पीछे लव जिहाद के खेल को रचने वाले एक पूरे गैंग का खुलासा किया था। वहीं कई पीड़ित परिवार भी सामने आकर लव जिहाद का शिकार हुई अपनी बेटियों के बारे बताया था। आरोप लगाया गया था कि कानपुर में लव जिहाद की जड़ें मजबूत होती जा रही हैं। शहर में एक संगठित गिरोह सक्रिय है, जो दूसरे समुदाय की लड़कियों को प्रेमजाल में फँसाकर जबरन निकाह कराता है।
गौरतलब है कि गरीब घर से होने के बावजूद मुस्लिम युवक इन कारनामों को आसानी से अंजाम दे रहे थे। जिनमें लवजिहाद के पाँच आरोपित एक ही कॉलोनी के पाए गए थे जिन्होंने 5 हिंदू लड़कियों से निकाह किया था। ये पाँचो लड़के आपस में दोस्त भी थे। वहीं जब इन सभी लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया तो सभी ने एक से बढ़कर एक महँगे वकीलों को अपने समर्थन में खड़ा कर दिया था।
वहीं कुछ दिन पहले इस मामले में पैसों का कनेक्शन देखते हुए पुलिस ने जब इसकी जाँच की तो इस घिनौने खेल के पीछे पाकिस्तानी संगठन का पता चला था। यह संगठन मुस्लिम युवकों को हिंदू लड़कियों का ब्रेनवाश और धर्मांतरण करने के लिए फंडिंग करता था। साथ ही इस पूरे मामले की साजिश के पीछे एक मस्जिद का भी नाम सामने आया था।
एजेंसी की जाँच में 50 हज़ार से अधिक फॉलोवर्स वाले पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी का पता चला था। ये फॉलोवर्स पूरे शहर में घूम घूम कर अपने समुदाय के लोगों को इस्लाम धर्म के प्रति कट्टर बनाने और हिंदुओं के प्रति नफरत भरने और उन्हें बरगलाने का काम कर रहे थे। एजेंडे के तहत उनके द्वारा भोली-भाली हिन्दू लड़कियों को फँसाने, इस्लाम कबूल करवाने के साथ ही कई हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा था।