उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ के टप्पल के नूरपुर गाँव की बड़ी मस्जिद में मदरसा चलाया जा रहा है। पिछले दिनों यह गाँव कुछ घरों पर ‘मकान बिकाऊ है’ लिखे जाने के बाद विवादों में आया था। अब यहाँ पर कोरोना के नियमोंं को दरकिनार कर मदरसे में बच्चों को तालीम दी जा रही है। सैकड़ों छोटे बच्चों को उर्दू और अरबी की शिक्षा दी जा रही।
नूरपुर गाँव की बड़ी मस्जिद में बुधवार (जून 23, 2021) को मौलाना सैकड़ों बच्चों को तालीम दे रहे थे। इस दौरान न तो किसी ने मास्क पहना हुआ था न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा था। नूरपुर मामले को प्रमुखता से उठाने वाले मीडियाकर्मी केशव ने जब मदरसे में पहुँच वहाँ स्थित मौलाना से सरकारी नियमों और कोविड महामारी का जिक्र किया तो उनकी बोलती बंद हो गई। कैमरे के सामने मौलाना ने माना कि मदरसे को खोलने संबंधित कोई नियम सरकार की ओर से अभी तक नहीं आया है।
बच्चों को पढ़ाने के सवाल पर मौलाना ने बताया कि पूर्ण लॉकडाउन के समय बच्चों को आने से मना कर दिया गया था, लेकिन कोरोना का प्रकोप कम हुआ तो बच्चों को बुलाना शुरू कर दिया। मस्जिद में पढ़ने वाली छात्रा खुशनुमा ने बताया कि पिछले करीब 15-20 दिनों से तालीम दी जा रही है। गाँव के काफी बच्चे यहाँ आते हैं।
खुशनुमा ने बताया कि उन्हें न तो मास्क पहनने के लिए कहा गया है और न ही वहाँ सैनिटाइजर की व्यवस्था है। टप्पल पुलिस का कहना है कि मामला संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसा है तो मामले की जाँच कराई जाएगी। हालाँकि एसडीएम ने आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।
गौरतलब है कि यह गाँव दलितों के कुछ घरों पर ‘मकान बिकाऊ है’ लिखे जाने के बाद से विवादों में है। टप्पल थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला यह गाँव मुस्लिम बहुल है। रिपोर्ट के मुताबिक गाँव में लगभग 800 मुस्लिम परिवार रहते हैं। हिन्दुओं के 125 परिवार हैं, जिनमें अधिकतर आबादी जाटव समाज (अनुसूचित जाति) की है।
पिछले दिनों नूरपुर गाँव में 150 हिंदू परिवारों के पलायन की खबर के बाद AIMIM ओवैसी की यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष सैयद नाजिम अली ने धमकी देते हुए कहा था कि नूरपुर में नमाज तो होगी, लेकिन हिंदुओं को वहाँ बारात नहीं निकालने दिया जाएगा।
बता दें कि 26 मई 2021 को एक दलित घर में दो बेटियों की एक साथ बारात जा रही थी। आरोप है कि बारात लाते वक्त बीच में मस्जिद पड़ी। वहाँ मुस्लिम समुदाय से जुड़े कुछ लोगों ने बारातियों के साथ मारपीट शुरू कर दी। बारातियों से कहा कि अगर बारात ले जाना है तो मस्जिद से पैदल ही जाना होगा। इस पर बारात वापस लौट गई। घटना के बाद से नूरपुर में रहने वाले 150 हिंदू परिवारों ने अपने घर बेचकर पलायन का ऐलान कर दिया। इन लोगों ने अपने घर के बाहर ‘मकान बिकाऊ है’ का बोर्ड भी लगा दिया था।