उत्तर प्रदेश के बागपत में महिला हेड कॉन्स्टेबल से यौन उत्पीड़न के आरोपित मौलाना जुबैर को पुलिस ने शुक्रवार (अक्टूबर 4, 2019) को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित बागपत के मोमिन मस्जिद में मौलाना है। उस पर बेटे को ठीक करने के बहाने करीब एक साल से महिला कॉन्सटेबल का यौन उत्पीड़न कर ब्लैकमेल करने का आरोप है।
बागपत पुलिस ने एक बयान में इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपित मौलाना को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली गई है।
महिला आरक्षी का शोषण करने वाले मौलाना की गिरफ़्तारी के सम्बन्ध मे पुलिस अधीक्षक द्वारा दी गई बाईट। @Uppolice @dgpup @adgzonemeerut @igrangemeerut #uppolice #baghpatpolice @News18UP pic.twitter.com/Xu0jYrw2jf
— Baghpat Police (@baghpatpolice) October 4, 2019
बागपत पुलिस स्टेशन में तैनात महिला हेड कॉन्स्टेबल को उसके बेटे के इलाज के बहाने मौलाना जुबैर कथित तौर पर एक साल से बलात्कार और ब्लैकमेल कर रहा था। यह भी पता चला है कि मौलवी ने पीड़िता से उसके बेटे के इलाज और घर में शांति बनाए रखने के नाम पर लाखों रुपए भी ऐंठे।
जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2006 में अपने पति की मृत्यु के बाद बिजनौर निवासी पीड़ित महिला को आश्रित कोटे में एक कॉन्स्टेबल के रूप में नौकरी मिली, जो बाद में बागपत पुलिस स्टेशन में हेड कॉन्स्टेबल बन गईं। पिछले साल 29 जून को महिला कॉन्स्टेबल का छोटा बेटा सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था। बेटे का कई महीनों तक आईसीयू में इलाज भी चला। बेटे की हालत में सुधार न देख महिला अंधविश्वास के फेर में पड़ गई। वह 30 जुलाई 2018 को अपने बेटे के इलाज के लिए मोमिन मस्जिद के मौलाना जुबैर के पास पहुँची।
मौलाना ने हेड कॉन्स्टेबल के अंधविश्वास का पूरा फायदा उठाया और पीड़िता को विश्वास दिलाया कि उसका बेटा उसके मृत पति के पास है। बेटे का इलाज करने का आश्वासन देकर मौलाना शारीरिक संबंध बनाने के लिए महिला को मजबूर करने लगा। आरोपित मौलाना, शारीरिक संबंध न बनाने पर महिला हेड कॉन्स्टेबल को उसके बेटे की मौत की चेतावनी देकर डराता-धमकाता था।
लगभग एक साल तक मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना से तंग आकर हेड कॉन्स्टेबल ने बागपत पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद मौलाना को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मौलाना के खिलाफ आईपीसी की धारा-376 सहित संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इसके साथ ही मौलाना पर एससी/ एसटी एक्ट भी लागू किया गया है, क्योंकि महिला दलित समुदाय से है।