उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए आईएएस, आईपीएस और इंजीनियर बनने की राह अब और आसान होने जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार अब हर जिले में अभ्युदय कोचिंग सेंटर खोलेगी। प्रतियोगी परीक्षाओं की नि:शुल्क तैयारी कराने वाली मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना को राज्य सरकार अब छोटे जिलों में भी लागू करने की तैयारी में है। अब छोटे जिलों के युवा भी इन प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करके ऑफिसर और इंजीनियर बन सकेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाज कल्याण विभाग को हर जिले में अभ्युदय कोचिंग शुरू करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है। सरकार की योजना छोटे जिलों के प्रतिभावान युवाओं को उनके आस पास ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए सबसे बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने की है।
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना फिलहाल 18 मंडल मुख्यालयों पर संचालित हो रही है। प्रतियोगी परीक्षाओं में यूपी के युवाओं की दमदार मौजूदगी को देखते हुए सरकार इसका दायरा बढ़ा कर प्रदेश के सभी 75 जिलों तक करने जा रही है।
समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव रविन्द्र नायक ने बताया कि मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना फिलहाल 18 मंडल मुख्यालयों पर संचालित हो रही है। इन महानगरों में अभ्युदय योजना से युवाओं को जबरदस्त फायदा मिला है। इसी को देखते हुए सरकार इसका दायरा बढ़ाकर प्रदेश के सभी 75 जिलों तक करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि मंडल मुख्यालयों के अलावा 18 और जिलों को चिह्नित कर लिया गया है। इनमें लखीमपुर खीरी, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, हमीरपुर, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, बलिया, जौनपुर, सोनभद्र, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, बहराइच, मथुरा, एटा, फर्रूखाबाद, जालौन, बदायूँ और बिजनौर शामिल हैं।
नीट, सीडीएस, जेईई, एनडीए और सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए ऑफलाइन माध्यम से 5,000 से अधिक और ऑनलाइन माध्यम से 10,000 से अधिक छात्रों को अभ्युदय कोचिंग के जरिए तैयार किया जा रहा है। ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही अध्ययन सामग्री के माध्यम से 1 लाख से अधिक छात्रों को योजना का लाभ मिल रहा है।
राज्य सरकार योजना के तहत चुने गए कुछ छात्रों को टैबलेट भी उपलब्ध कराने जा रही है, ताकि वे परीक्षाओं की तैयारी के लिए डिजिटल संसाधनों का उपयोग कर सकें। लखनऊ के मंडलायुक्त और अभ्युदय योजना के नोडल अधिकारी रंजन कुमार ने बताया कि जेईई एडवांस के अगले बैच में प्रवेश के लिए 3 अक्टूबर को परीक्षा आयोजित की जा रही है।
बता दें कि योगी सरकार की इस योजना का मकसद युवाओं की प्रतिभा को तराशना है। सरकार इन्हें आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। टैबलेट मुहैया कराने के पीछे भी सरकार की यही सोच है कि इससे युवा छात्र मात्र एक क्लिक में पूरी दुनिया की जानकारी बेहतर ढंग से ले पाएँ।
16 फरवरी 2021 से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सभी मंडल मुख्यालयों में अभ्युदय कोचिंग (http://abhyuday.up.gov.in/) की शुरुआत की गई है। शुरू में दो कक्षाएँ चलाई गई थीं, लेकिन अब इनमें विस्तार किया जा रहा है।