उत्तराखंड में भूमि धँसने (Uttarakhand Landslide) की घटनाओं के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) शनिवार (7 जनवरी 2023) को जोशीमठ पहुँचे। शहर में जाकर लोगों से मिलने से पहले उन्होंने इलाके का हवाई सर्वेक्षण भी किया। उन्होंने कहा कि लोगों की जान बचाना प्राथमिकता है। इसी बीच ज्योतिर्मठ के शिवलिंग में दरार और एक पौराणिक मंदिर के गिरने की भी खबर है।
जोशीमठ में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए NDRF की टीम को तैनात किया गया है। वहीं, वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों की टीम घर-घर जाकर सर्वे का काम कर रही है। यहाँ के 700 से अधिक घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। वहीं, खतरनाक हालत में हालत में पहुँच गए घरों के परिवारों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा रहा है।
Uttarakhand: CM Dhami arrives in Joshimath to inspect 'sinking' town, meet families
— ANI Digital (@ani_digital) January 7, 2023
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राज्य सरकार 600 परिवारों को तत्काल वहाँ से हटाने का आदेश दिया है। इसके लिए सरकार ने NTPC और HCC में प्रत्येक को 2000 घर अस्थायी घर बनाने के लिए कहा है, ताकि लोगों को उसमें अस्थायी तौर पर रखा जा सके। वहीं, जो लोग किराए पर अन्य जगह रहना चाह रहे हैं, उन्हें 4,000 रुपए प्रतिमाह देने की घोषणा की गई है। यह किराया अगले 6 महीने तक दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ पहुँचकर प्रभावित हिस्सों के लोगों से मुलाकात की। यहाँ पहुँचने से पहले उन्होंने शुक्रवार (6 जनवरी 2023) को वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों से लेकर विशेषज्ञों से राय-मशविरा किया, ताकि समस्या का जल्द से जल्द हल निकाला जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह की आपदाओं से निपटने के लिए एक दीर्घकालीन योजना बना रही है।
उन्होंने कहा, “जोशीमठ हमारा पौराणिक शहर है। उत्तराखंड सरकार इस मामले को लेकर अलर्ट पर है। हमारा मकसद सबको बचाना है। प्रभावितों के विस्थापन के लिए वैकल्पिक जगह की तलाश जारी है।” इस बीच जमीन धँसने के कारण माँ भगवती का एक पौराणिक मंदिर भरभरा कर एक मकान के ऊपर गिर गया, जिससे मकान की छत पर दरारें आ गई।
भू-धंसाव की चपेट में ज्योतिर्मठ परिसर के बाद शंकराचार्य माधव आश्रम मंदिर के शिवलिंग में दरार आ गई है। परिसर के लक्ष्मी नारायण मंदिर के आसपास बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं। मठ के प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानंद ने बताया कि मठ के प्रवेश द्वार, लक्ष्मी नारायण मंदिर और सभागार में दरारें आई हैं। इसी परिसर में टोटकाचार्य गुफा, त्रिपुरसुंदरी राजराजेश्वरी मंदिर और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य का गद्दीस्थल है।
कहा जा रहा है कि वैज्ञानिकों की समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जोशीमठ में भू-धँसाव और घरों में दरारें पड़ने की क्रिया तेज हुई है। इसको देखते हुए पूरे शहर को विस्थापित करने के बाद ही उपचारात्मक कदम उठाए जाने चाहिए। वैज्ञानिकों की समिति ने पिछले वर्ष अगस्त में जोशीमठ का दौरा किया था। इस समिति ने सितंबर 2022 में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी।
जोशीमठ की तरह ही कर्णप्रयाग और उत्तरकाशी में भी घरों में दरार आने की घटनाएँ सामने आई हैं। इन घटनाओं ने सरकारी की चिंता बढ़ा दी है। हालात को देखते हुए पूरे चमोली जिले में सभी निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हेलंग बाईपास निर्माण कार्य, एनटीपीसी तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के के तहत जारी निर्माण कार्य तथा नगरपालिका क्षेत्र के अंतर्गत निर्माण कार्यों रोक दिया गया है। इसके साथ ही प्रशासन द्वारा जोशीमठ-औली रोपवे का संचालन भी रोक दिया है।
उधर, केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने शुक्रवार (6 जनवकी 2023) को जोशीमठ में भू-धंसाव का तेजी से अध्ययन करने के लिए एक पैनल का गठन किया। इस पैनल में पर्यावरण और वन मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन के प्रतिनिधि शामिल हैं।