उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राज्य के 51 हिन्दू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने का निर्णय लिया है। CNN News 18 की रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने यह निर्णय उस विरोध के चलते लिया है जो सरकार द्वारा मंदिरों के प्रबंधन को अपने अधिकार क्षेत्र में लेने के फैसले के बाद शुरू हुआ था।
Uttarakhand CM Tirath Singh Rawat announces to free 51 temples from Govt’s control.@AnupamTrivedi26 shares details @ShivaniGupta_5 pic.twitter.com/7PaEruYs7v
— News18 (@CNNnews18) April 9, 2021
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में जनवरी 2020 में राज्य के मंदिरों के प्रबंधन के लिए उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम बोर्ड के गठन का निर्णय लिया गया था। राज्य सरकार ने चारधाम श्राइन मैनेजमेंट बोर्ड ऐक्ट 2019 भी पारित किया था जिसके अंतर्गत यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ समेत 51 मंदिरों का प्रबंधन सरकार के अधिकार क्षेत्र में आ गया था।
सरकार के इस निर्णय के बाद पुजारियों द्वारा इसका भारी विरोध शुरू हो गया था जो अभी भी चल रहा था। सीएम तीरथ सिंह रावत का निर्णय ऐसे समय आया है जब पूरे देश में हिन्दू मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त कराने की माँग उठ रही है।
तीरथ सिंह रावत ने कहा कि वो पूरे अधिनियम की जाँच करेंगे और 51 मंदिरों को इस अधिनियम के अधिकार क्षेत्र से बाहर लाने के लिए कदम उठाएँगे। भाजपा ने तमिलनाडु चुनावों में भी यह वादा किया है कि राज्य में उनकी सरकार बनने के बाद मंदिरों के प्रबंधन के लिए एक अलग बोर्ड का गठन किया जाएगा।
उत्तरखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत का यह निर्णय विश्व हिन्दू परिषद के दल से उनकी मुलाकात के बाद आया है। संयोग से 9, अप्रैल सीएम रावत का जन्म दिवस भी है।