उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में हिंदू नाइयों की एक यूनियन बनी है। ये नाई लोगों के घरों में जा-जाकर उनके बाल काट रहे हैं। दरअसल लॉकडाउन की वजह से देश की सभी नाई की दुकान बंद है। इसलिए ये नाई लोगों के बुलाने पर उनके घर जाकर उनके बाल काटते हैं।
पर्वतजन ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने अपनी एक्सक्लुसिव स्टोरी में बताया है कि नाई की दुकान बंद होने और अधिकतर जमातियों के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद से लोग मुस्लिम समुदाय के नाइयों से बाल कटवाने से बचने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि उन्हें भी कोरोना हो जाएगा।
अब लोग हिंदू धर्म से आने वाले सैनी समुदाय के लोगों से बाल कटवाने को तरजीह दे रहे हैं। यही कारण है कि देहरादून में हिंदू नाइयों ने मिलकर एक यूनियन बनाया है। इतना ही नहीं, इस यूनियन ने एरिया के आधार पर मोबाइल नंबर के साथ एक पीडीएफ भी जारी किया है। ताकि लोग अपने क्षेत्र के नाई को फोन करके उन्हें अपने घर बुला सकें। यह पीडीएफ सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसका नाम दिया गया है- “हिंदू बार्बर शॉप्स इन देहरादून।”
बता दें कि पीडीएफ की इस लिस्ट में 61 नाइयों को नाम, फोन नंबर और पते दिए गए हैं। ये नाई अपने साथ सिर्फ कैंची, ब्रश और कंघी लेकर चलते हैं और बाकी पानी, बाल काटने के लिए कपड़ा आदि घर के लोगों से ही माँग लेते हैं। इससे संक्रमण का खतरा भी कम रहता है।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले मध्य प्रदेश के रायसेन का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें शेरू मियाँ नाम का एक शख्स थूक लगा कर फल बेचता हुआ दिखा था। इसी तरह दक्षिणी मध्य प्रदेश के बैतूल बाजार में अब्दुल रफीक, सादी अहमद, रितेश मधाना ऑटो रिक्शा से तरबूज बेच रहे थे। ये तीनों चाकू पर थूक लगाकर तरबूज काट रहे थे। इस तरह की कई और वीडियो और घटनाएँ सामने आई हैं, जिसकी वजह से लोगों के मन में ये डर बैठ गया है।