उत्तरकाशी के सिलक्यारा से डंडालगाँव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में फँसे मजदूरों को निकालने की कोशिशें लगातार जारी हैं। इस बीच पता चला है कि अंदर फँसे श्रमिकों की संख्या 40 नहीं 41 है। इन सभी मजदूरों को बचाने के लिए कल तक सुरंग में ड्रिलिंग का काम हो रहा था। हालाँकि आज के अपडेट में पता चला कि जो अमेरिकी मशीन वहाँ ड्रिल कर रही थी वो काम करना बंद कर दी थी, इस कारण बचाव कार्य को रोकना पड़ा।
कुछ रिपोर्ट्स ने यह भी जानकारी दी है शनिवार (18 नवंबर 2023) को बचाव कार्य पर रोक इसलिए लगाई गई है क्योंकि सुरंग से कुछ चटकने की आवाज आई थी। जिसके बाद ये डर फैल गया कि कहीं सुरंग का कोई और हिस्सा न धँस जाए। इस आवाज के आने के बाद सरकार की हाईवे और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी ने बयान दिया कि सुरंग के और धँसने की आशंका के चलते बचाव अभियान को रोक दिया गया है।
सबसे ज्यादा ध्यान 2 पाइपों को आपस में जोड़ते वक्त देना पड़ रहा है। केवल इसी काम में डेढ़ से 2 घंटे लग रहे हैं। वहीं सुरंग में भी जब ऑगर मशीन डाली जा रही है तो उसके कंपन से संतुलन बिगड़ रहा है इसलिए काम रुक-रुक के हो रहा है। अमेरिकी मशीन के करीब होने के बाद वायु सेना की मदद से इंदौर से देहरादून करीब 22 टन महत्तवपूर्व उपकरणों को पहुँचाया गया है। इस मशीन को बैकअप के लिए इस्तेमाल किया जाना है।
वहीं रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद देने के लिए रेल विकास निगम लिमिटेड की ऑस्ट्रेलिया की कंसल्टेंसी कंपनी के एक्सपर्ट भी उत्तरकाशी पहुँचे हैं। नॉर्वे से भी मदद माँगी गई है। इधर प्रदेश मुख्यमंत्री लगातार अधिकारियों से रेस्क्यू मिशन की पल-पल की जानकारी ले रहे हैं तो वहीं PMO के डिप्टी सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी रेस्क्यू वाली जगह पर भी पहुँचे और अभियान के बारे में जानकारी ली। सुरंग में फँसे लोगों के लिए बाहर एक मंदिर भी बनाया गया है।
#WATCH | Uttarakhand: Uttarkashi tunnel rescue operation | A temple has been built at the main entrance of the tunnel to pray for the stranded victims pic.twitter.com/avPwTeJQ4z
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 18, 2023
PMO के पूर्व सलाहकार भास्कर खुलबे ने कहा, “हम कोई भी रास्ता तलाशने की एक भी संभावना नहीं छोड़ेंगे क्योंकि जो लोग यहाँ कई दिनों से फँसे हुए हैं उन तक पहुंचना हमारी प्राथमिकता है। हमारे पास किसी भी संसाधन, विकल्प और विचारों की कमी नहीं है, हमें बस कुछ समन्वित कार्रवाई की जरूरत है और हम कोशिश कर रहे हैं टीमें बनाएँ और किसी तरह वहाँ पहुँचें…हम वर्टिकल ड्रिलिंग का विकल्प भी तलाश रहे हैं…हमें विदेशी सलाहकारों से भी मदद मिल रही है…पीएम मोदी का संदेश है कि यह ऑपरेशन जल्द से जल्द किया जाए।”
#WATCH | Uttarakhand: Uttarkashi tunnel rescue | Former Advisor PMO Bhaskar Khulbe visits the incident site; says, "We'll not leave a single possibility to explore any way since it's our priority to reach those who are stuck for days here. We don't lack any resources, options and… pic.twitter.com/KNmETuw3NH
— ANI (@ANI) November 18, 2023