Monday, November 18, 2024
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कोर्ट ने खारिज की ज्ञानवापी शिवलिंग की पूजा वाली याचिका, जज को पत्र से पहले इंटरनेशनल कॉल से भी हत्या की धमकी

प्रशासन ने इन धमकियों को गंभीरता से लिया है। इन धमकियों के बाद वाराणसी पुलिस ने सिविल जज के साथ ही जिला जज एके विश्वेशा की सुरक्षा भी बढ़ा दी है।

ज्ञानवापी विवादित ढाँचे के सर्वे का आदेश देने वाले सिविल जज रवि दिवाकर को जान से मारने की धमकी भरे पत्र से पहले भी एक धमकी भरा इंटरनेशनल कॉल आया था। ये कॉल 29 मई को आया था और मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूरे मामले की जाँच गोपनीय तरीके से की जा रही थी वहीं अब पत्र मिलने से पूरे मामले से पर्दा हटा है। वहीं ज्ञानवापी से ही जुड़े दूसरे मामले में ‘शिवलिंग’ की पूजा के अधिकार की माँग वाली स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की याचिका को कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है।

बता दें कि इस धमकी भरे प्रकरण बारें में पत्र मिलने के बाद जज रवि दिवाकर ने अपर मुख्य सचिव गृह को धमकी भरी चिट्ठी और अनजान कॉल के बारे में जानकारी दी थी। वहीं सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर को धमकियाँ मिलने के बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

दरअसल, जज रवि दिवाकर ने वाराणसी में ज्ञानवापी विवादित ढाँचे में एडवोकेट कमिश्‍नर की कार्यवाही का आदेश दिया था। वहीं अपने फैसले के बाद उन्‍होंने खुद को इस प्रकरण को लेकर परिवार में चिंता की बात भी पहले ही कही थी। जज रवि दिवाकर को इस्लामिक आजाद मूवमेंट नामक संस्‍था की ओर से धमकी भरा पत्र मंगलवार को दिन में मिला था जिसकी जानकारी उन्होंने शाम को गृह सचिव को दी थी।

मामले में कमिश्नर ए सतीश गणेश ने कहा कि मंगलवार (7 जून, 2022) को दिन में जज रवि दिवाकर को धमकी भरा एक पत्र रजिस्टर्ड पोस्ट से मिला है, जिसमें कुछ और भी कागज संलग्न हैं। मामले की जाँच डीसीपी वरुणा को सौंपी गई है। हालाँकि इसकी जानकारी उन्होंने बाद में पुलिस को दी।

वहीं धमकी भरे पत्र में लिखा गया है, “अब न्यायाधीश भी भगवा रंग में सराबोर हो चुके हैं। फैसला उग्रवादी हिंदुओं और उनसे जुड़े संगठनों को प्रसन्न करने के लिए सुनाते हैं। इसके बाद ठीकरा विभाजित भारत के मुसलमानों पर फोड़ते हैं। आप न्यायिक कार्य कर रहे हैं। आपको सरकारी मशीनरी मिली है, फिर आपकी पत्नी व माँ को डर कैसा है? आजकल न्यायिक अधिकारी हवा का रूख देखकर चालबाजी दिखा रहे हैं। आपने वक्तव्य दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का निरीक्षण एक सामान्य प्रक्रिया है। आप भी तो मूर्तिपूजक हैं। आप मस्जिद को मंदिर घोषित कर देंगे। कोई भी काफिर मूर्तिपूजक हिंदू न्यायाधीश से मुसलमान सही फैसले की उम्मीद नहीं कर सकता।”

बता दें कि प्रशासन ने इन धमकियों को गंभीरता से लिया है। इन धमकियों के बाद वाराणसी पुलिस ने सिविल जज के साथ ही जिला जज एके विश्वेशा की सुरक्षा भी बढ़ा दी है। पुलिस के मुताबिक, सिविल जज रवि कुमार दिवाकर की सुरक्षा में नौ पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। वहीं, वाराणसी जिला जज की सुरक्षा का जिम्‍मा 10 पुलिसकर्मियों को दिया गया है। दोनों जजों की सुरक्षा बढ़ाने का आदेश वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने दिया है।

गौरतलब है कि एक दूसरे मामले में ज्ञानवापी विवादित ढाँचे के वजूखाने में मिले ‘शिवलिंग’ के पूजन और जलाभिषेक को लेकर अड़े स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। वाराणसी जिला कोर्ट ने अविमुक्तेश्वरानंद की कथित शिवलिंग के पूजन के अधिकारकी माँग वाली याचिका को खारिज कर दिया।

बता दें कि याचिका खारिज करने का आदेश जिला जज ने दिया है। वहीं अविमुक्तेश्वरानंद पिछले पाँच दिनों से पूजा करने को लेकर अनशन पर बैठे थे और उन्होंने आज बुधवार (8 जून, 2022) को ही अपना अनशन खत्म किया था। इससे पहले मंगलवार को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने ऐलान किया था कि वे अब धर्म सेना का गठन करेंगे। साथ ही उन्होंने जिलाधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना कर रहे हैं, इसके साथ ही उन्होंने जिलाधिकारी पर भी मामला दर्ज करवाने की बात भी कही थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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