विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने सोमवार (जुलाई 08, 2019) को बयान जारी कर पत्रकारों और ‘सेक्युलर’ नेताओं के गठजोड़ पर हिन्दुओं के खिलाफ दंगे भड़काने की साजिश का आरोप लगाया है। विहिप के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर जारी इस बयान में आरोप लगाया गया है कि यह गठजोड़ न केवल समुदाय विशेष के डरे हुए होने का झूठा नैरेटिव बना रहा है, बल्कि कट्टरपंथियों को उकसा कर हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा कराना भी इसका ध्येय है। विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल को इस लिखित बयान में हस्ताक्षरकर्ता बताया गया है।
प्रेस वक्तव्य:
— Vishva Hindu Parishad -VHP (@VHPDigital) July 8, 2019
मॉब लिंचिंग का दुष्प्रचार है दंगों की साजिस : विहिप
….1/4 pic.twitter.com/BJQWfUCtHl
‘हिन्दू शांतिप्रिय न होते तो इतने मंदिर तोड़े जाने पर…’
अंग्रेजी और हिंदी में जारी बयान में विहिप ने सवाल किए हैं कि क्या ये लोग (खान मार्केट पत्रकार, सेक्युलर गैंग आदि) आगामी चुनावों को प्रभावित करने के लिए देश को दंगों की आग में झोंकना चाहते हैं? परिषद ने समुदाय विशेष के नेताओं से मंदिरों को तोड़ने निकले जिहादी तत्वों पर रोक लगाने की पहले के लिए भी अपील की। यह भी कहा कि अगर हिन्दू समाज शांतिप्रिय न होता तो मंदिरों में होने वाले हमलों की इतनी घटनाओं के बाद प्रतिक्रिया क्या होती, इसकी कल्पना की जा सकती है।
अपने संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन के हवाले से परिषद ने कहा कि पूरी दुनिया जानती है मॉब-लिंचिंग हिन्दुओं का स्वभाव नहीं है। ‘सम्प्रदाय विशेष’ पर कटाक्ष करते हुए विहिप ने यह भी कहा कि इतिहास और वर्तमान की घटनाएँ स्पष्ट कर देतीं हैं कि गैर-मतावलम्बी का रक्तपात किसकी प्रवृत्ति और मज़हबी कर्त्तव्य हैं। मजहबी नेताओं को भी इतिहास से सीख लेने की नसीहत देते हुए उन्होंने पूछा कि हिंसक कार्यवाही से उनका क्या भला होगा?
Press Statement:
— Vishva Hindu Parishad -VHP (@VHPDigital) July 8, 2019
Mob lynching false propaganda conspiring to instigate riots: VHP
…2/4 pic.twitter.com/CCjoN2i2B5
5-6 अर्धसत्य ही समूचा आधार
हिन्दू संस्था ने यह आरोप लगाए कि 5-6 घटनाओं के अर्धसत्य को आधार बना कर जिस प्रकार हिन्दू-विरोधी माहौल बनाया जा रहा है, वह एक राष्ट्र-विरोधी षड्यंत्र का हिस्सा प्रतीत होता है। परिषद ने पत्रकारिता के समुदाय विशेष और ‘सेक्युलर’ राजनीतिज्ञों से पूछा है कि अगर मस्जिदों पर ऐसे ही हमले होते तो कथित अल्पसंख्यक समाज, इन पत्रकारों और नेताओं की क्या प्रतिक्रिया होती। इन सभी से विहिप ने यह भी पूछा कि जिहादियों के कारनामों पर पर्दा डालकर और हिन्दू समाज को बदनाम कर आखिर वे देश को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं।
‘मॉब लिंचिंग और साम्प्रदायिक हत्या हिन्दुओं की भी होती है… उस पर चुप्पी क्यों?’
विहिप ने चावड़ी बाजार (दिल्ली) के दुर्गा मंदिर, अटाली (हरियाणा), मुजफ्फरनगर आदि का उदाहरण देकर दावा किया कि हिंसक भीड़ द्वारा हमले के शिकार असल में हिन्दू और उनके धार्मिक स्थल हैं। उन्होंने इसे हिन्दुओं को उकसाने वाली कार्यवाही बताया। गुरुग्राम, बेगूसराय, कानपुर आदि में समुदाय विशेष पर भीड़ द्वारा हमले की घटनाओं के नकली निकलने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इनके नकली निकलने पर भी दुष्प्रचार जारी रखना ऐसा करने वालों के इरादे साफ कर देता है।
हिन्दुओं की मॉब-लिंचिंग का मामला उठाते हुए विहिप ने यह भी पूछा कि लिबरल गैंग आखिर इस पर चुप क्यों रहता है? कश्मीर में पंडितों के सामूहिक हत्याकाण्ड को हिन्दुओं की मॉब-लिंचिंग का सबसे बड़ा उदाहरण विहिप ने बताया। अन्य जिन घटनाओं का उसने ज़िक्र किया, वह थीं अरुण माहौर की हत्या, दिल्ली में ध्रुव त्यागी और अंकित सक्सेना की हत्याएँ आदि। विहिप ने पूछा कि दादरी को अपना ‘तीर्थ स्थल’ बनाने वाले पत्रकार इन घटनाओं पर चुप्पी क्यों साध लेते हैं? विहिप ने हिन्दू-विरोधी हिंसक घटनाओं का एक नमूना संग्रह भी ट्वीट किया।
Press release contd…
— Vishva Hindu Parishad -VHP (@VHPDigital) July 8, 2019
Incidents of Islamic Jihadi attacks on Hindus
…3/4 pic.twitter.com/ArWODKuZ8H
Press release cont’d….
— Vishva Hindu Parishad -VHP (@VHPDigital) July 8, 2019
Incidents of Islamic jihadi attacks on Hindus in Bharat….
…4/4 pic.twitter.com/9L56qDG7vm