कृषि कानून के विरोध में चल रहे ‘किसान’ आंदोलन के प्रदर्शन स्थल से चौंकाने वाला मामला आया है। खबर है कि टिकरी बॉर्डर के पास एक व्यक्ति को शहीद बताकर जिंदा जला दिया गया और बाद में उसे लेकर जातीय टिप्पणी की गई। अब मृतक के भाई के बयान पर मामला दर्ज हुआ है।
प्रदर्शन के नाम पर हुई ये भयानक घटना बहादुरगढ़ बाईपास पर स्थित गाँव कसार के पास बुधवार (जून 17, 2021) रात 3 बजे की है। मुकेश कसार का ही रहने वाला था और शाम को घूमते हुए प्रदर्शन में शामिल होने आया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुकेश को पहले शराब पिलाई गई। फिर लड़ाई-झगड़ा होने पर उसे शहीद बता कर उस पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी गई।
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स बता रहे हैं कि कसार ब्राह्मणों का गाँव है और मुकेश पर कृष्ण व एक अन्य आरोपित ने आग यह कह कर लगाई कि ब्राह्मण किसान आंदोलन में नहीं आते।
टिकरी बॉर्डर के पास ब्राह्मणों के कसार गांव के मुकेश शर्मा नाम के एक सक्ष को कल देर रात कृष्ण और प्रदीप नाम के 2 आंदोलनकारीयों ने तेल छिड़कर यह कहकर आग लगा दी की ब्राह्मण किसान आंदोलन मे नही आते l
— विप्र एम.के. अत्री (@vipramk) June 17, 2021
हद हो गई अन्याय की 😢😭@DineshRaneja@AzadSenaChief@PankajDhavraiyy pic.twitter.com/rCznY9vfw0
That man was from.the nearby village( kasaar)of tikri border who died…the alleged farmer was from.jind….this is the post of sarpanch on fb..
— pk sharma (@karnshpk) June 17, 2021
He is my relative. .. pic.twitter.com/NfZZaB00ES
इलाज के दौरान मौत
घटना के बाद मुकेश को फौरन पास के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उनका इलाज चला और फिर हालत गंभीर देख उन्हें रेफर कर दिया गया। इसके बाद परिजन उन्हें ब्रह्मशक्ति संजीवनी अस्पताल लेकर गए। लेकिन कुछ घंटों बाद वहाँ उनकी मौत हो गई। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस को दी शिकायत में मुकेश के भाई मदनलाल ने बताया,
“मेरा भाई मुकेश बुधवार शाम लगभग 5 बजे घर से घूमने के लिए निकला था। घूमते-घूमते वह किसान प्रदर्शनकारियों के पास पहुँच गया। मुझे फोन कॉल से पता चला कि भाई पर आंदोलनकारियों ने जान से मारने की नीयत से तेल छिड़क कर आग लगा दी। मैं तुरंत पूर्व सरपंच टोनी को लेकर मौके पर पहुँचा तो मेरा भाई मुकेश गंभीर रूप से झुलसा हुआ था। उसे हम तुरंत सिविल अस्पताल लेकर आए। यहाँ उपचार के दौरान मुकेश ने बताया कि आंदोलन में कृष्ण नामक एक व्यक्ति (सफेद कपड़े पहने हुए था) ने पहले शराब पिलाई और फिर उसे आग लगा दी। इससे वह बुरी तरह झुलस गया।”
मुकेश की मृत्यु के बाद पुलिस ने मदनलाल के बयान के आधार पर मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है। आरोपित फिलहाल फरार है। पुलिस दावा कर रही है कि उसे जल्द पकड़ा जाएगा। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें आरोपित जातिगत टिप्पणी करता दिख रहा है। मुकेश के भाई का कहना है कि इसी व्यक्ति ने उनके भाई को शराब पिलाई और बाद में तेल छिड़क कर उनको आग के हवाले कर दिया।
मृतक मुकेश के गाँव कसार के लोगों ने एक स्थानीय न्यूज टीम को इस मामले से संबंधित कई जानकारियाँ दीं। उनके अनुसार जले हालात में भी मुकेश ने उसे बचाने आए गाँव वालों को बताया कि किसने उसके साथ ऐसा किया। ‘किसान’ आंदोलन से जुड़ा कृष्ण नामक व्यक्ति (जिसकी फोटो ऊपर है, जो मुकेश को जिंदा जलाने का आरोपित भी है) ने ही जातिसूचक शब्द का भी प्रयोग किया। साथ ही वो यह भी कह रहा था कि इसे शहीद हो जाने दो, इसके परिवार वालों को कुछ (पैसे) मिल जाएगा।
डीएसपी पवन कुमार ने बताया कि इस संबंध में पहले संदीप और कृष्ण नाम के दो आरोपितों के खिलाफ जान से मारने के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था। मगर मौत होने के बाद हत्या की धारा भी जोड़ दी गई है।
पुलिस मामले की जाँच कर रही है। शव का सिविल अस्पताल में पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। मृतक की उम्र 42 साल थी। वह दस साल की एक बेटी के पिता थे। उनके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए बहादुरगढ़ के नागरिक अस्पताल में रखा गया है। अस्पताल में काफी संख्या में ग्रामीण जुटे हुए हैं।