जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में ‘विनायक दामोदर सावरकर मार्ग’ वाले बोर्ड को फिर से ठीक कर दिया गया है, जिसके साथ वामपंथियों ने आपत्तिजनक हरकतें की थी। तब तक इस मार्ग का सिर्फ़ मौख़िक रूप से विरोध होता दिख रहा था। लेकिन रात भर में ये मामला ओछी हरकतों पर पहुँच गया। पहले मालूम चला कि इस मार्ग के बैनर पर जहाँ वीर सावरकर मार्ग लिखा था, वहाँ उनका नाम छिपाकर उसके ऊपर बड़ा-बड़ा बीआर अंबेडकर लिख दिया गया और बाद में उस पर भी कालिख पोत दी गई और वहाँ सीधे जिन्ना की तस्वीर चस्पा दी गई। जिस पर मोहम्मद अली जिन्ना मार्ग लिखा था।
दरअसल, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में सुबनसर हॉस्टल के नजदीक एक सड़क का नाम बदलकर वीर सावरकर मार्ग कर दिया गया था। इसे देखने के बाद जेएनयू के वामपंथी छात्र काफी नाराज हुए थे। वामपंथी छात्रों के संघ ने इस कदम को शर्मनाक कहा था। साथ ही सावरकर के नाम पर मार्ग का नाम रखे जाने की निंदा की थी।
जेएनयूसएसयू की अध्यक्ष आइशी घोष ने अपने ट्विटर हैंडल से इसकी एक तस्वीर शेयर की थी और इस तस्वीर में साफ दिखा था कि सुबनसर हॉस्टल को जाने वाली सड़क को वीडी सावरकर मार्ग नाम दिया गया है।
आइशी घोष ने इसी पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए लिखा था, “ये जेएनयू की विरासत के लिए शर्म की बात है कि इस आदमी का नाम इस विश्वविद्यालय में रखा गया है। सावरकर और उनके लोगों के लिए विश्वविद्यालय के पास न कभी जगह थी और न ही कभी होगी।”
A place of learning where only one kind view is welcome, is not a university but a conformity.
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) March 17, 2020
Who are the heroes of those in JNU who vandalised the Savarkar signboard? I suggest a few names, on @TimesNow with @RShivshankar. #JNUSignsInJinnah pic.twitter.com/j5XcgMbxM4
आइशी द्वारा शेयर की गई तस्वीर में जिन्ना की चस्पा हुई तस्वीरें नहीं थीं। लेकिन सोशल मीडिया पर बोर्ड पर चिपकी जिन्ना वाली तस्वीरें तेजी से शेयर की जा रही थीं। यूजर्स का कहना था कि JNUSU में बैठे जिन्ना के वंशजों ने वीर दामोदर सावरकर मार्ग बोर्ड को छतिग्रस्त कर जिन्ना अली मार्ग का पोस्टर लगा दिया था। अभिव्यक्ति की आड़ में पाकिस्तान परस्ति अब खुल कर सामने आने लगी है।