अयोध्या राम मंदिर निर्माण हेतु ‘भूमि पूजन‘ के लिए पीएम मोदी के अयोध्या दौरे पर जारी बहस और राजनीति के बीच, दिल्ली के वकील और कॉन्ग्रेस पार्टी समर्थक साकेत गोखले ने बुधवार (जुलाई 22, 2020) को कोरोना वायरस के दौरान ‘अनलॉक 2.0’ दिशानिर्देशों के मद्देनजर राम मंदिर भूमि पूजन के इस आयोजन पर रोक लगाने की याचिका (PIL) दायर की है।
#Breaking | PIL filed in Allahabad HC seeking a stay on the ‘Bhumi Pujan’ ceremony.
— TIMES NOW (@TimesNow) July 24, 2020
Amir Haque with details pic.twitter.com/jYz51PDJXV
कॉन्ग्रेस समर्थक साकेत गोखले द्वारा दायर इस PIL में कहा गया है कि अनुमान के अनुसार दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए 300 लोग घटना में शामिल होंगे। यदि याचिका स्वीकार की जाती है, तो मुख्य न्यायाधीश द्वारा तय की गई एक पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।
गौरतलब है कि साकेत गोखले सोशल मीडिया पर मोदी सरकार और इसके कामकाज को लेकर फेक और भ्रामक खबरें फैलाने के लिए जाने जाते हैं।
भूमि पूजन पर रोक की माँग को लेकर इलाहाबाद HC में PIL दायर
याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार केंद्र के दिशानिर्देशों के अनुसार आयोजन की अनुमति नहीं दे सकती है। ट्विटर पर साकेत गोखले ने लिखा है कि राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट और केंद्र सरकार, दोनों ही इस मुद्दे पर साथ हैं। इसके अलावा, गोखले ने गृह मंत्रालय पर एक आरटीआई भी दायर की है, जिसमें पूछा गया है कि क्या इसके लिए किसी अन्य आधार पर छूट दी गई थी?
I’ve filed a Letter PIL with the Allahabad High Court seeking a stay on the Ram Mandir event in Ayodhya in view of the Unlock 2.0 guidelines & in the interest of public health during a pandemic.
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) July 22, 2020
Dunno what comes out of it but we must not stop doing the right thing & speaking up. pic.twitter.com/LYBEwmJp2Q
प्रधानमंत्री मोदी शामिल होंगे भूमि पूजन में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे। राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र में 150 मेहमानों को आमंत्रित किया गया है – जिनमें शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, और गृह मंत्री अमित शाह शामिल हैं।
इस दौरान सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) के मानदंडों का पालन किया जाएगा। ट्रस्ट ने अनुमान लगाया है कि मंदिर का निर्माण 3-3.5 वर्षों में पूरा किया जाएगा, यानी वर्ष 2023 तक यह सम्पन्न हो जाएगा।