पश्चिम बंगाल सरकार ने U से UGLY का मतलब समझाने के लिए एक काले व्यक्ति के चित्र को प्रयोग करने वाली वर्धमान म्युनिसिपल गर्ल्स हाई स्कूल की प्रधान शिक्षिका और एक अन्य शिक्षिका को बृहस्पतिवार (11 जून,2020) को निलंबित कर दिया गया।
मीडिया द्वारा इस मामले को उठाने के बाद इसपर तुरंत एक्शन लिया गया। घटना को संज्ञान में लाने के लिए शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने मीडियाकर्मियों को धन्यवाद भी दिया। उन्होंने बताया कि यह दुर्भावनापूर्ण और आपराधिक मामला है। जिसको लेकर स्कूल की दो शिक्षकों श्रावणी मंडल और बरणाली दास को सस्पेंड कर दिया गया हैं।
West Bengal suspends two at Bardhaman school after book terms dark-skinned as ‘ugly’
— ANI Digital (@ani_digital) June 12, 2020
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शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने मीडिया से कहा, “यह पुस्तक शिक्षा विभाग द्वारा निर्दिष्ट पाठ्यपुस्तकों का हिस्सा नहीं है। स्कूल ने स्वयं यह किताब शामिल की है। छात्रों के मन में पूर्वाग्रह स्थापित करने वाले किसी भी कृत्य को हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
क्या था मामला
दरअसल, पश्चिम बंगाल के बर्दवान जिले के एक प्राथमिक स्कूल में वर्णमाला और शब्दों का ज्ञान देने वाली बच्चों की किताब में U का अर्थ UGLY बताया गया और UGLY का मतलब समझाने के लिए इसमे एक काले व्यक्ति के चित्र को प्रयोग में लाया गया। काले रंग को बदसूरती का पर्याय बताने वाले चित्र को पाठ्यक्रम की किताबों में देखते हुए,पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता ने उनकी किताब में दर्शाए गए एक चित्रण को लेकर विरोध किया था।
यह किताब पश्चिम बंगाल के पूर्वी बर्दवान जिले के बर्दवान शहर में स्थित सरकारी सहायता प्राप्त म्युनिसिपल गर्ल्स हाई स्कूल के प्री-प्राइमरी डिपार्टमेंट की थी।
इस पुस्तक में ब्लैक मैन को लेकर यह विवाद उस समय सामने आया, जब अमेरिका के मिनियापोलिस में पुलिस हिरासत में एक काले व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद दुनिया, विशेष रूप से अमेरिका में नस्लवाद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, इस संबंध में कोलकाता ईवनिंग कॉलेज के शिक्षक सुदीप मजूमदार ने कहा, “मेरी बेटी इस नगर निगम हाई स्कूल में पढ़ रही है। मैं अपनी बेटी को पढ़ाते हुए इस विषय पर आया था। इस तरह से एक काले व्यक्ति को बदसूरत कहकर बच्चों को शिक्षित करना पूरी तरह से गलत है।”
उन्होंने कहा, “इस किताब को जल्द ही वापस ले लिया जाना चाहिए। किसी भी स्थिति में, बच्चों को अश्वेतों के नाम पर दी जा रही शिक्षा उनके कोमल दिलों को हीन भावना से भरने और अश्वेतों के साथ भेदभाव करने का काम करेगी। यह गलत है।”
इसके बाद स्कूल प्राथमिक शिक्षा के जिला निरीक्षक स्वप्न कुमार दत्त ने भी इस हरकत को गलत बताया था। वहीं, इस मामले पर जिला इंस्पेक्टर ने भी कहा था कि “इस तरह की किताब स्कूल द्वारा दी गई आधिकारिक किताब नहीं है। हम इसके बारे में अभी स्कूल से बात करेंगे। अगर जरूरत हो तो किताब बदलनी चाहिए। ”
गौरतलब है कि बंगाल के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई जाने वाली किताबों में ऐसी त्रुटि पहली बार सामने नहीं आई है। इससे पहले पश्चिम बंगाल के ही एक स्कूल की किताब में फ्लाइंग सिख के नाम पर फरहान अख्तर की तस्वीर दिखाई गई थी। जबकि ये बात सर्वविख्यात है कि फ्लाइंग सिख की उपाधि भारतीय एथलीट मिल्खा सिंह को मिली