बेंगलुरु के AI इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या केस में पुलिस ने उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया और साले अनुराग सिंघानिया को गिरफ्तार कर लिया है। अब अतुल के भाई ने सवाल पूछा है कि उनका भतीजा कहाँ है। अतुल के भाई विकास मोदी ने कहा कि हम सब ये जानना चाहते हैं कि मेरा भतीजा यानि कि अतुल सुभाष का बेटा किस कंडीशन में है, उसको सार्वजनिक रखा जाए। अगर हो सके, तो उसे हमें दिया जाए। हम उसे अपने पास रखने के लिए तैयार हैं। इस बीच, ये जानकारी सामने आ रही है कि अतुल सुभाष के लैपटॉप से जरूरी फोल्डर गायब हैं, खासकर सुसाइड नोट से जुड़ी फाइल और वीडियो।
अतुल के भाई विकास मोदी ने पुलिस को धन्यवाद दिया, लेकिन कहा कि यह गिरफ्तारी न्याय का अंत नहीं है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि इस केस में पुरुषों के साथ हो रहे उत्पीड़न पर भी ध्यान दिया जाए। विकास ने कहा, “हमेशा महिलाओं के अधिकारों की बात होती है, लेकिन पुरुषों के अधिकारों पर कोई चर्चा नहीं होती।” विकास मोदी ने कहा कि निकिता की गिरफ्तारी के बाद अब भी कई सवाल बाकी हैं। सबसे बड़ा सवाल है कि अतुल का बेटा कहाँ है। उन्होंने कहा, “निकिता की तस्वीर में हमारा भतीजा नहीं दिख रहा। हम जानना चाहते हैं कि वह किस हाल में है।”
परिवार की अपील: पोते की कस्टडी चाहिए
अतुल के पिता पवन कुमार मोदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य नेताओं से अपील की है कि उनके पोते को सुरक्षित उनके पास लाया जाए। उन्होंने चिंता जताई, “हमें नहीं पता कि हमारा पोता जिंदा है या उसे मार दिया गया है। हमें उसके बारे में कुछ नहीं पता। एक दादा के लिए उसका पोता उसके बेटे से भी ज्यादा मायने रखता है।” पवन कुमार ने बताया कि निकिता ने पोते के नाम पर उनके खिलाफ एक और मामला दर्ज कर दिया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वे पोते की परवरिश खुद करना चाहते हैं, ताकि उसे एक सुरक्षित और अच्छा जीवन मिल सके।
पवन कुमार मोदी ने कहा कि अतुल को शादी के बाद से ही लगातार परेशान किया जा रहा था। उन्होंने बताया, “मेरे बेटे को झूठे आरोपों और केसों में फंसाकर इतना प्रताड़ित किया गया कि उसने जान दे दी। कानून को इस तरह के मामलों पर ध्यान देना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो कई और अतुल सुभाष इस अन्याय का शिकार होंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और सख्ती की जरूरत है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले को गंभीरता से लेने की अपील की।
अतुल के परिवार ने कहा कि उनकी प्राथमिकता अब अतुल के बेटे को अपने पास लाने की है। उन्होंने पुलिस से अपील की कि बच्चे की स्थिति सार्वजनिक की जाए। विकास मोदी ने कहा, “हम तैयार हैं कि पोते की परवरिश हम करें। पुलिस और कोर्ट को सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चा हमारे पास सुरक्षित लौट आए।”
गुरुग्राम से हुई पत्नी की गिरफ्तारी
पुलिस ने निकिता को गुरुग्राम के एक पीजी से गिरफ्तार किया। बताया जा रहा है कि निकिता ने पीजी में अपने नाम पर रजिस्ट्रेशन कराया था और एक महीने का किराया भी भरा, लेकिन वहाँ रुकी नहीं। पुलिस के मुताबिक, निकिता के सामान अब भी उस पीजी में मौजूद हैं। वहीं, निकिता की माँ निशा और भाई अनुराग को प्रयागराज के एक होटल से गिरफ्तार किया गया। तीनों को कोर्ट में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
अतुल के लैपटॉप से गूगल ड्राइव गायब
इस बीच, इस मामले से जुड़ी नई जानकारी निकल कर सामने आई है। दावा किया जा रहा है कि अतुल सुभाष की आत्महत्या के लगभग एक सप्ताह बाद, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी निकिता और उसके परिवार के सदस्यों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था, उनकी मृत्यु से पहले उनके द्वारा साझा किए गए Google Drive लिंक में कई फ़ाइलें रहस्यमय तरीके से गायब हो गई हैं। जो फाइलें गायब हुई हैं, उनमें उनका 24-पृष्ठ का सुसाइड नोट और ‘टू मिलॉर्ड्स’ शीर्षक वाला एक पत्र शामिल है। इस फाइल में न्याय प्रणाली की आलोचना की गई थी।
क्या हुआ था अतुल के साथ?
बेंगलुरु में एक प्राइवेट कंपनी में डिप्टी जनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत रहे अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर 2024 को आत्महत्या की। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि उनकी पत्नी और ससुराल वाले उन्हें बार-बार परेशान कर रहे थे। निकिता 2021 में घर छोड़कर अपने बेटे को लेकर चली गई थी और झूठे आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराए थे। अतुल ने यह भी आरोप लगाया कि उनके केस की सुनवाई कर रहे एक जज ने रिश्वत माँगी थी। उन्होंने कहा था कि उनकी पत्नी ने उनके बेटे को उनसे दूर कर दिया और उन्हें आत्महत्या करने पर मजबूर किया।
अतुल ने डेढ़ घंटे का वीडियो और 23 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़कर खुदकुशी की थी, जिसमें उन्होंने पत्नी और ससुरालवालों पर उत्पीड़न और झूठे केसों का आरोप लगाया। अतुल ने अपने सुसाइड नोट और वीडियो में शादी के बाद से लेकर आत्महत्या के दिन तक के सभी घटनाक्रम विस्तार से बताए थे। उन्होंने कहा था कि उनकी पत्नी और ससुराल वाले उन्हें दहेज उत्पीड़न, हत्या और जबरन वसूली जैसे झूठे केसों में फंसा रहे हैं। अतुल ने एक जज पर भी पाँच लाख रुपये की रिश्वत माँगने का आरोप लगाया था।
पुलिस ने इस मामले में चार आरोपितों की पहचान की थी, जिनमें से तीन की गिरफ्तारी हो चुकी है। निकिता के चाचा सुशील अभी फरार हैं, और पुलिस उनकी तलाश में जुटी है।