राजस्थान में एक बार फिर खाकी को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। राज्य के मटीली थाने के सिपाही मनीराम पर कई बार बलात्कार करने का आरोप लगाकर एक महिला ने शुक्रवार (मई 28, 2021) को एफ माइनर नहर में कूदकर आत्महत्या कर ली। अपने आखिरी संदेश में महिला ने मनीराम और उसकी पत्नी को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक पूरा मामला केसरीसिंहपुर कस्बे का है। यहाँ 30 वर्षीय शादीशुदा महिला ने मनीराम नामक सिपाही द्वारा सताए जाने के बाद नहर में कूदकर आत्महत्या की। महिला के तीन बच्चे भी हैं। वीडियो के मुताबिक मनीराम ने उसका बार बार दुष्कर्म किया और सिपाही की पत्नी भी उसे तंग करती थी। अब पुलिस का कहना है कि महिला के पति की शिकायत पर मटीली थाने के सिपाही पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
एसपी राजन दुष्यंत ने बताया कि सिपाही मनीराम पर मुकदमा दर्ज कर उसको निलंबित कर दिया गया है। अभी वह थाने से फरार है। मामले में छानबीन के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी। पुलिस को दी रिपोर्ट में मृतिका के पति ने बताया कि उसका व उसकी पत्नी का सिपाही मनीराम के बीच कुछ दिनों से विवाद चल रहा था। इससे वह बेहद परेशान रहने लगी थी। इसको लेकर गाँव में कई बार पंचायत भी हुई, लेकिन समस्या का कोई हल नहीं निकल पाया। इससे दुखी होकर उसकी पत्नी ने नहर में कूदकर अपनी जान दे दी।
बता दें कि इस केस में महिला ने सुसाइड करने से पहले अपनी वीडियो बनाकर कहा, “मैं बस आज अपनी जिंदगी खत्म करने जा रही हूँ। सॉरी मम्मी-पापा, भैया-भाभी सबको। (रोते हुए) मैं आज अपने बच्चों को छोड़कर जा रही हूँ क्योंकि मैं अपनी जिंदगी से तंग आ गई हूँ। मेरे मरने की वजह मनीराम चौहान जो पुलिस में है और उसकी पत्नी दोनों हैं। सिर्फ और सिर्फ मैं उनकी वजह से आत्महत्या करने जा रही हूँ। मनीराम चौहान ने मेरा बार-बार दुष्कर्म किया, मुझे ब्लैक मेल किया। मेरा शारीरिक शोषण किया और उसकी पत्नी ने मुझे परेशान कर दिया। इसमें किसी की कोई गलती नहीं है। सिर्फ और सिर्फ मनीराम चौहान व उनकी पत्नी जिम्मेदार है। सबको मेरी तरफ से राम-राम।”
गौरतलब है कि राजस्थान में खाकी को शर्मसार करने वाला यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले ACP कैलाश बोहरा को एक रेप पीड़िता से रिश्वत माँगने और उसका यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और उससे पूर्व एक सब इंस्पेक्टर द्वारा शिकायत दर्ज कराने आई महिला का तीन दिन तक थाना परिसर में ही रेप करने का मामला सामने आया था। इसके अलावा 2019 में राजस्थान के चुरु जिले में एक दलित युवक की पुलिस हिरासत में हुई संदिग्ध मौत के मामले में भी पुलिस पर रेप के आरोप लगे थे। मृतक की 35 वर्षीय भाभी और परिजनों ने आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों पर सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया था।