जम्मू-कश्मीर में सिख लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है। इसी मामले में मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर और बिजनेसमैन जफर सरेशवाला पर कट्टरपंथियों की करतूत पर पर्दा डालने का आरोप लगा है। सरेशवाला ने सिख लड़कियों के धर्मान्तरण पर दावा किया कि एक सिख लड़की 27 साल की है। 37 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति से 7 साल से प्यार करती थी और अपनी मर्जी से इस्लाम में परिवर्तित हुई।
हालाँकि, सरेशवाला का यह प्रोपेगेंडा ज्यादा देर नहीं चल सका। लेखक अमन बाली ने अपने ट्वीट में जफर सरेशवाला द्वारा किए गए दावों का खंडन कर दिया। बाली ने जफर के दावों को फर्जी करार दिया और कहा कि वह दो सिख लड़कियों के कथित जबरन धर्म परिवर्तन को व्हाइटवॉश करने के लिए दो अलग-अलग मामलों को आपस में जोड़ रहे हैं।
बाली ने ट्वीट किया, “झूठ। यह सत्य नहीं है। दो मामले हैं। रैनवारी मामले में लड़की उम्र 18 साल है और वह मानसिक तौर पर अस्थिर है। मेहजूर नगर वाले मामले में लड़की 32 साल की है। अपराध पर पर्दा डालने की यह कैसी कोशिश है।”
Fake 🚨 This is not true. There are two cases. The girl in case of Rainawari is 18yr old and unstable. The girl in case of Mehjoor Nagar is 32yrs Old. What’s the urge to whitewash the crime when people on ground have already accepted the cases? https://t.co/deZir0A8bE
— Amaan (@amaanbali) June 28, 2021
बाली ने यह ट्वीट जफर सरेशवाला के उस ट्वीट के जवाब में किया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि जबरन धर्म परिवर्तन पर लोगों का गुस्सा पहले से प्रेरित है। जफर ने दावा किया था कि उन्होंने कश्मीर में ‘महत्वपूर्ण लोगों’ से बात की है, जिनसे उन्हें इस बात का पता चला है कि सिख महिला के जबरन धर्मांतरण और निकाह की कहानी में कोई सच्चाई नहीं है।
The Sikh Girl is 27, Muslim Boy is 37 and they were in Love for the past 7 years ! The Girl in the open court in front of the Magistrate declared her love and said she has converted on her own will! Now Venom Spreaders Go Home & REST
— zafar sareshwala 🇮🇳 (@zafarsareshwala) June 28, 2021
सरेशवाला ने ट्वीट किया, “सिख लड़की 27 साल की है, मुस्लिम लड़का 37 साल का है और वे पिछले 7 सालों से प्यार में थे। मजिस्ट्रेट के सामने अदालत में लड़की ने अपने प्यार का इजहार किया और कहा कि उसने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन किया है। अब जहर फैलाने वाले घर जाएँ और आराम करें।”
सिख लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन का मामला
जम्मू-कश्मीर में इसी महीने 26 जून 2021 को दो सिख लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कश्मीर के बडगाम जिले की रहने वाली एक 18 वर्षीय सिख लड़की को बहला-फुसलाकर उससे इस्लाम कबूल करवा लिया गया। इसी कड़ी में दूसरा मामले श्रीनगर के महजूर का सामने आया। उस मामले में सिख लड़की अपने मुस्लिम दोस्त के साथ एक कार्यक्रम में शामिल हुई। वहाँ से कथित तौर पर उसे किडनैप कर उसकी शादी एक मुस्लिम से करा दी गई। लड़की बालिग थी।
इस मामले के सामने आने के बाद इंटरनेट पर काफी हंगामा खड़ा हुआ। मामले में लोगों ने आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करने की माँग की। शिरोमणि अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने भी इस मुद्दे को जोर-शोर से सोशल मीडिया पर उठाया और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल से मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।
इस मामले में बडगाम गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार संतपाल सिंह के मुताबिक, उस लड़की की दिमागी हालत ठीक नहीं थी। उन्होंने कहा कि एक मुस्लिम युवक ने प्यार और शादी का झाँसा देकर उसे फँसाया। उन्होंने कहा कि एक सिख लड़की को जबरन इस्लाम कबूल करवा दिया गया। उन्होंने कहा कि ये स्पष्ट रूप से ‘लव जिहाद’ का मामला है और सरकार इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।”
सरदार संतपाल ने कहा कि उन्होंने बताया कि एसपी ने लिखित में आश्वासन दिया था कि सिख लड़की को खोज कर परिवार के हवाले किया जाएगा, लेकिन कोर्ट का आदेश उनके खिलाफ आ गया। उन्होंने कहा, “पुलिस निरीक्षक ने हमें लिखित में आश्वासन दिया था कि लड़की को कोर्ट में पेश करने के बाद उसे उन्हें सौंप दिया जाएगा। हालाँकि, जज ने मुस्लिम पक्ष के हक़ में फैसला दिया और लड़की को उसे ही सौंप दिया।”