Sunday, November 24, 2024
Homeदेश-समाज'दिल्ली की 16 मस्जिदों में नहीं पढ़ने दी गई शब-ए-बारात की नमाज': जफरुल इस्लाम...

‘दिल्ली की 16 मस्जिदों में नहीं पढ़ने दी गई शब-ए-बारात की नमाज’: जफरुल इस्लाम ने कहा- ये ठीक बात नहीं है, 50 साल में ऐसा पहली बार हुआ

जफरुल इस्लाम ने कहा कि मस्जिद वालों से कहा जा सकता था कि वे देर से नमाज पढ़वा दें। जुमे (शुक्रवार) की नमाज एक से दो बजे होती है, जिसे तीन बजे तक कराया जा सकता था, लेकिन उन्होंने (पुलिस) ने इसे पूरा ही बंद करा दिया, जो ठीक नहीं है।

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान (Zafarul Islam Khan) ने रविवार (20 मार्च 2022) को उर्दू अखबार की एक कटिंग ट्वीट कर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, “शब-ए-बारात के दिन दिल्ली के पंचशील इलाके की 16 मस्जिदों में पुलिस ने नमाज नहीं पढ़ने दी।”

इस्लाम ने कहा कि मस्जिद वालों से कहा जा सकता था कि वे देर से नमाज पढ़वा दें। जुमे (शुक्रवार) की नमाज एक से दो बजे होती है, जिसे तीन बजे तक कराया जा सकता था, लेकिन उन्होंने (पुलिस) ने इसे पूरा ही बंद करा दिया, जो ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि यह केवल मस्जिद की बात नहीं है। कल इसी तरह मंदिर, गिरिजाघर या गुरुद्वारा को भी वे बंद करा सकते हैं।

जफरुल इस्लाम यही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि हम समझ सकते हैं कि शब-ए-बारात और होली एक ही दिन थी। इसलिए हो सकता है कि पुलिस ने विवाद होने के डर से यह निर्णय लिया हो, लेकिन मेरी व्यक्तिगत राय है कि यदि उस दिन मस्जिद के सामने पुलिस वाले होते तो जुमे की नमाज पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं होती। वहीं, पंचशील पुरानी मस्जिद के इमाम हबीब इलाही का कहना है कि हमारे यहाँ जुमे के दिन मस्जिद को नमाज के लिए बंद करा दिया गया। पचास साल में ऐसा पहली बार हुआ है, जब हमें यहाँ नमाज पढ़ने से रोका गया।

दूसरी ओर जफरुल इस्लाम के आरोपों पर दिल्ली पुलिस ने अपना स्पष्टीकरण दिया है। पुलिस ने कहा कि इससे पहले कई बार शब-ए-बारात के मौके पर बाइकर्स हुड़दंग करते देखे गए हैं, जिससे कानून-व्यवस्था बिगड़ने का डर बना रहता है। शुक्रवार को शब-ए-बारात के साथ होली भी थी। भले ही कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए थे, लेकिन कानून-व्यवस्था को देखते हुए ही लोगों को देर शाम इन इमारतों में दाखिल नहीं होने दिया गया।

दिल्ली पुलिस की पीआरओ सुमन नलवा का कहना कि जफरुल इस्लाम जिन मस्जिदों की बात कर रहे हैं, वे सभी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की निगरानी वाले स्मारक हैं। इनमें सूरज उगने से पहले और दिन ढलने के बाद प्रवेश नहीं करने दिया जाता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में वोट जिहाद की थी तैयारी, पर RSS ने हिंदुओं को बँटने नहीं दिया: जमीन पर अतुल लिमये ने सबको रखा ‘एक’, नतीजों...

महाराष्ट्र में भाजपा की अगुवाई वाली महायुति की प्रचंड जीत में RSS की रणनीति और जमीनी स्तर पर काम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके सूत्रधार अतुल लिमये रहे हैं।

हिंदू बन मंदिर आए, ब्लेड से करने वाले थे संत की हत्या… CM योगी ने खोली मुस्लिम युवकों की साजिश, जानिए कैसे मौलाना चला...

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, "अभी 3 महीने पहले कोर्ट ने एक कुख्यात मौलवी और उसके साथियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सजा इसलिए नहीं दी गई थी कि वो मौलवी था, बल्कि वो छद्म तरीके से धर्मांतरण करता था।"
- विज्ञापन -