Friday, May 9, 2025

हिंदू प्रोफेसर देबाशीष ने कलमा पढ़कर बचाई अपनी और परिवार की जान: पहलगाम आतंकी हमले के दौरान बिजनेसमैन संतोष नहीं पढ़ पाए आयतें, आतंकियों ने मार दी गोली

कश्मीर के पहलगाम में हुए इस्लामी आतंकी हमले में असम विश्वविद्यालय के बंगाली भाषा विभाग के प्रोफेसर देबाशीष भट्टाचार्य बाल-बाल बच गए। इस आतंकी हमले में देबाशीष ने ‘कलमा पढ़कर’ अपनी और अपने परिवार की जान बचा ली। वहीं, 54 वर्षीय संतोष जगदाले कलमा नहीं सुना पाए तो आतंकियों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी।

देबाशीष भट्टाचार्य ने नेटवर्क 18 को बताया कि आतंकी लोगों से कलमा सुनाने के लिए कह रहे थे। एक आतंकवादी ने उनके बगल में सो रहे एक व्यक्ति को गोली मार दी। इसके बाद वह उनके पास आया और पूछा, “क्या कर रहे हो?” इसके बाद तो उन्होंने और जोर से कलमा पढ़ना शुरु कर दिया। कलमा सुनकर आतंकवादी उन्हें छोड़कर आगे बढ़ गया।

मौका देखकर भट्टाचार्य अपनी पत्नी और बेटे के साथ वहाँ से भाग निकले। लगभग दो घंटे तक पैदल चलने के बाद वे अपने होटल सुरक्षित पहुँच गए। देबाशीष भट्टाचार्य और उनका परिवार फिलहाल राजधानी श्रीनगर में हैं। इस हमले में आतंकियों ने 28 लोगों की जान ले ली है। प्रारंभिक जाँच में पता चला है कि तीन आतंकवादियों ने लोगों को इकट्ठा किया और उन्हें गोली मार दी।