लोकसभा चुनाव के महासंग्राम में सियासी घमासान तेज़ी से बढ़ता जा रहा है। इसमें राजनीतिक पार्टियाँ तो अपना दम-खम लगा ही रही हैं, साथ ही सिनेमा जगत भी इससे पीछे नहीं रहा। कुछ दिनों पहले, 600 से अधिक थिएटर कलाकारों और मशहूर हस्तियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर लोगों को आगामी लोकसभा चुनावों में सत्ता से बाहर कट्टरता, घृणा और उदासीनता को वोट करने के लिए कहा था। हस्ताक्षरकर्ताओं ने दावा किया कि संविधान और विभिन्न संस्थान निरंतर ख़तरे में हैं और वर्तमान स्थिति के तहत उनका दम घुट गया है।
बता दें कि इस बयान पर हस्ताक्षर करने वाले कुछ प्रमुख व्यक्तित्वों में अमोल पालेकर, अनुराग कश्यप, डॉली ठाकोर, लिलेट दुबे, नसीरुद्दीन शाह, अभिषेक मजुमदार, अनमोल हकर, नवतेज जोहर, एमके रैना, महेश दत्तानी, कोंकणा सेन शर्मा, रथ पाठक पाठक और संजना कपूर जैसे नाम शामिल हैं।
इसके अलावा कॉन्ग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी एक ऐसा वीडियो शेयर किया गया जिसमें फ़िल्मी हस्तियों ने जनता से वोट डालने की अपील की गई थी। कहने को तो इस वीडियो में फ़िल्मी हस्तियों ने जनता से वोट डालने की अपील की थी, लेकिन बढ़ती असहिष्णुता, फासीवाद और घृणा जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर वो मोदी विरोधी ज़हर उगलने की गुप्त चाल भी चल रहे थे।
Bollywood has one message to the people of India: Vote karo, magar soch samajh ke. pic.twitter.com/ibnK78hArf
— Congress (@INCIndia) April 9, 2019
एक तरफ, फ़िल्म जगत में ऐसे लोग हैं जो नफ़रत फैलाकर अप्रत्यक्ष रूप से कॉन्ग्रेस का प्रचार कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ इनका जवाब देने के लिए रणवीर शौरी जैसे अभिनेता भी हैं जो भ्रमित कर देने वाले वीडियो का खुलकर विरोध करते हैं। आज उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो अपलोड किया, जिसमें उन्होंने कॉन्ग्रेस के 60 साल शासन पर कटाक्ष किया और जनता से सोच-समझकर वोट डालने की अपील की।
My fellow Indians, in the fine tradition of entertainers talking politics, here is my pre #Elections2019 special. Watch and share. Jai Hind. pic.twitter.com/VXyglWAJZb
— रanviर_ डhoरeय_ (@RanvirShorey) April 10, 2019
इससे पहले भी एक ख़बर फैलाई गई थी कि फ़िल्म उद्योग से जुड़ी 100 से अधिक हस्तियों द्वारा मोदी सरकार के ख़िलाफ़ वोट देने संबंधी एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए गए थे। संयुक्त बयान की यह लिस्ट आर्टिस्ट यूनाइटेड इंडिया नाम की वेबसाइट पर जारी की गई थी। इस फेक लिस्ट का पता तब चला जब अभिनेत्री और फ़िल्म निर्माता आरती पटेल ने इस ऐसे किसी भी प्रकार के बयान पर हस्ताक्षर न किए जाने की बात का ख़ुलासा किया। बता दें कि आरती पटेल का नाम लिस्ट में दूसरे नंबर पर दर्ज था। पूरा मामला पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।
कहना होगा कि जनता को भरमाने का काम चारों तरफ से जारी है। कोई फ़िल्मी डॉयलाग का इस्तेमाल करता है, तो कोई चुनावी जुमलेबाजी करता दिखता है। कोई पैसा बाँटने के नाम पर ठगने का प्रयास करता है, तो कोई पीएम मोदी पर सीधा निशाना साधकर उन पर व्यक्तिगत टीका-टिप्पणी करता है। अपनी हद पार करते हुए कॉन्ग्रेस अपने चेले-चपाटों के ज़रिए ऐसा कोई पैंतरा बाक़ी नहीं छोड़ती जिससे पीएम मोदी को घेरा न जा सके। विरोध की इस बयार में फ़िल्म जगत भी अछूता नहीं रहा।
जो कॉन्ग्रेस अपनी सबसे लंबी पारी में देश की जड़ें केवल खोखली करती आई, वो जब NYAY की बात करती है, तो आश्चर्य होता है। अच्छा होता अगर मोदी सरकार का विरोध करते इन नामी चेहरों ने कॉन्ग्रेस का प्रचार करने के बजाए देश को एकजुट करने की बात कही होती, असहिष्णुता की जगह भारत की जनता को एकसूत्र में बाँधने की कोशिश की होती। कॉन्ग्रेस की परिवारवाद की छवि से जनता को अवगत कराया होता तो बेहतर होता।
आज इन हस्तियों को अपने ही देश में ऐसा दुष्प्रचार करते देखना बेहद दु:खद एहसास है। काश! कि ये नामी चेहरे विकास के नाम पर अगर कुछ बात कर लेते तो थोड़ा देशहित का काम ही हो जाता और जनता को अपने मतदान का सही इस्तेमाल करने में कुछ मदद मिल जाती। जनता को मतदान करने की नसीहत देने वालों से अगर पूछा जाए कि जिस कॉन्ग्रेस का वो छिपकर समर्थन कर रहे हैं उसके शासनकाल में कौन-से चार चाँद लग गए थे, जो मोदी सरकार में नहीं लगे। पिछले पाँच सालों में देश का ऐसा कौन-सा अहित हो गया जिससे तरक्की की राह में रोड़े पैदा हो गए। जबकि यह जगज़ाहिर है कि देश ने बीते पाँच वर्षों में तरक्की की नई बुलंदियों को छुआ है। अब यह बात अलग है कि कॉन्ग्रेस के इन चहेतों को गाँधी-वाड्रा परिवार के घोटाले नहीं दिखाई देते।
60 सालों तक राज करने वाली पार्टी की मजबूरी है कि वो सत्ता से दूर है, और यह दूरी रात-दिन बढ़ती जा रही है। सत्ता पाने की यही लालसा उससे नए-नए हथकंडे आजमाने का दुष्चक्र चलवाती है। लेकिन जब बड़े और नामी चेहरे भी इस धूर्तता का हिस्सा बनने लगते हैं तो अफ़सोस होता है कि आख़िर कैसे देश को इन चालबाज़ो से बचाया जाए।