पूरी दुनिया में कहावत है, कि ‘जब रोम जल रहा था, तब नीरो बाँसुरी बजा रहा था।’ नीरो कौन था, ये हर कोई जानता है। लेकिन आज हम जिस नीरो की बात कर रहे, वो राजा नहीं है, बल्कि ‘पिडी’ है। ‘पिडी’ को तो जानते ही होंगे आप। कई सारे पिडी बाजार में यूट्यूबर बने घूम रहे हैं। मालिक जो बोलता है, उसे दोहराने तक ही उनका मुँह चलता है। और मालिक के चुप होते ही वो भी भाग खड़े होते हैं। खैर, यहाँ जिस रोम की बात हो रही है, वो लोकसभा सांसद संख्या रूपी साम्राज्य तो पिडी के मालिक का 2014 से ही जल रहा है, लेकिन उसके ‘पिडी’ रूपी नीरो सांत्वना देने और फर्जी हवा भरने के ही काम आ रहे हैं। ऐसे ही ‘पिडी’ में से हैं रवीश कुमार, जिनके बारे में बताने की बहुत जरूरत है भी नहीं। फिर भी, अब चूंकि छुट्टी पर जा रहे हैं, मालिक की तरह… तो बता ही देते हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 में सातों चरण के मतदान हो चुके हैं। 4 जून को नतीजे आ जाएंगे। एग्जिट पोल्स में भी विपक्षी दल कहीं नहीं टिके हैं और जमीन पर भी कमोवेश यही हालात हैं। लेकिन रवीश कुमार जैसे यू-ट्यूबर 1 जून को दिल्ली में इंडी गठबंधन की एक तस्वीर दिखा कर ये बता रहे हैं कि विपक्षी गठबंधन लोकसभा चुनाव 2024 को 295+ महारथियों के जुटान से जीत रहा है। ये शब्द तो मालिक के हैं, लेकिन मालिक भी ‘मुखौटा’ है, ऐसे में ‘पिडी’ बाबू जीत का ये ऐलान कर रहे हैं। क्योंकि न्यूज चैनल पर आने वाली खबरों को कोई नहीं देखता, लोग देखते हैं तो सिर्फ ‘पिडी नीरो’ कुमार का यूट्यूब चैनल।
खैर, इन सब बातों को लिखने का सिर्फ एक ही मतलब है कि रात में कमबख्त यूट्यूब ने सजेस्ट किया कि ये ‘शाबाश विपक्ष’ वाला वीडियो देख लीजिए मालिक, काहे से कि पिछला वीडियो भी देखे थे। ये वीडियो करीब 22 मिनट का है, जिसमें 8 मिनट मालिकों ने बक-बक की है, और 8-10 मिनट में मालिकों की बात को ‘पिडी मीडिया’ के स्वयंभू महारथी दोहराते दिखे। बाकी के मिनटों में वो ये बताते रहे है कि उनके चैनल के सब्सक्राइबर कितने हो गए और कितना चैनल देखा गया, साथ ही छुट्टियों पर जाने की बात। दुख तो साफ दिख रहा था कि वो टाई नहीं पहन पा रहे, और न्यूजरूम का हिस्सा नहीं बन पा रहे, लेकिन कुछ तो बोलना ही था, वाले तर्ज पर बोल गए कि खुश हैं।
इस वीडियो में रवीश कुमार कह रहे हैं कि 295+ सीटें आएँगी, ऐसा मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा है। कुल 2 दर्जन नेता दिल्ली में जुट गए, ये ऐतिहासिक मौका रहा। बाकी रवीश कुमार ने जिन बातों पर जोर दिया, वो सब सफेद झूठ रही।
सफेद झूठ- डटा रहा एकजुट विपक्ष
इस बात पर क्या ही बोला जाए? इंडी गठबंधन में होने का दावा करने वाली ममता बनर्जी ने कॉन्ग्रेस और लेफ्ट को पश्चिम बंगाल में लात मारकर भगा दिया। पंजाब में अरविंद केजरीवाल से ज्यादा भगवंत मान ने अपनी चलाई और कॉन्ग्रेस को यहां भी रुखसती दे दी, दिल्ली-गुजरात में दोनों साथ आए, लेकिन तब तक लड़ाई मुड़ चुकी थी। यूपी में गठबंधन हुआ, तो ममता ने बंगाल में भले ही एक भी सीट न छोड़ा हो, यूपी में अखिलेश से सेटिंग करके अपना आदमी सेट कर लिया। बेचारे अखिलेश एमपी में एक सीट पाए भी तो नामांकन रद्द हो गया। कॉन्ग्रेस के कहीं कैंडिडेट भाग गए, तो कहीं प्रस्तावक तक नहीं मिले। महाराष्ट्र में एनसीपी-शिवसेना के बचे हुए हिस्सों और कॉन्ग्रेस के बीच कितना तालमेल रहा, ये भी पूरी दुनिया ने देखा। कहाँ तो शरद पवार नेता बन रहे थे इंडी गठबंधन के, कहाँ तो उनके पास पार्टी ही नहीं रह गई, उद्धव ठाकरे का भी हाल हुआ।
ऐसे में मुझे समझ नहीं आता कि जिस नीतीश कुमार ने इंडी गठबंधन को बनाया, जिस ममता बनर्जी ने उसका नामकरण किया, अगर वही इस गठबंधन में नहीं, तो फिर जिस गठबंधन की एकता की बात ये ‘पिडी’ कह रहा है, वो है कहाँ?
बाकी खुद को टीआरपी से, न्यूजरूम की चकाचौंध से दूर रखने का जो अभिनय ‘पिडी’ कुमार कर रहे हैं, उसका मजा लूटने के लिए इन्होंने सड़क वाली पत्रकारिता ‘रवीश की रिपोर्ट’ खुद बंद की थी, ताकि प्राइम टाइम वाले स्पेस में ये सूट-बूट और टाई में बैठ सकें। एक दशक से ज्यादा ऐसा इन्होंने किया भी, अब खुद को निरीह और भिखारी दिखाकर लोगों से चैनल को लाइक, शेयर और कमेंट वाली यूट्यूब पत्रकारिता तक सिमटते देख दुखी हो रहे हैं।