प्रोपेगेंडा परस्त पत्रकारिता से अपनी पहचान बनाने वाले बीबीसी ने इस बार अपने लेख में पत्थरबाजों द्वारा सुरक्षाबलों को मारने वाली कोशिशों को और बीते दिनों घाटी में हुई ट्रक ड्राइवर की हत्या को जस्टिफाई करने का प्रयास किया। अपने लेख में बीबीसी उर्दू ने कश्मीर में हुई उस घटना पर सफाई पेश की जिसमें एक ट्रक ड्राइवर को पत्थरबाज ने सुरक्षाबल का जवान समझकर बेहरमी से मार दिया।
अपने लेख में बीबीसी ने लिखा, “सेना के जवान बड़ी तादाद में ट्रक में ट्रैवल करते हैं, जिससे वहाँ के जवानों ने यह समझ लिया कि ट्रक में सुरक्षाबल है।” हालाँकि, कुछ देर बाद बीबीसी ने अपने आर्टिकल में से इस लाइन को हटा लिया, लेकिन जम्मू-कश्मीर के पुलिस अधिकारी इम्तियाज हुुसैन ने इस स्टोरी में उस लाइन का स्क्रीनशॉट ले लिया और ट्विटर पर शेयर कर दिया। भाषा उर्दू थी तो कई लोगों ने इसे रिट्वीट और कमेंट करके अनुवाद किया।
@BBCUrdu website has deleted the controversial line from the story now. I had taken the screenshot though. pic.twitter.com/sNrdTIaqUI
— Imtiyaz Hussain (@hussain_imtiyaz) August 27, 2019
अपनी ट्वीट की सीरीज में पहले इम्तियाज ने बीबीसी को दुत्कारते हुए लिखा “बीबीसी उर्दू के पत्रकार ने पत्थरबाज की तरफ से खुद ही समझ लिया कि ट्रक में सिक्योरिटी फोर्स का कोई आदमी था, इसलिए उन्होंने उसे मारा। एक पत्रकार द्वारा हत्या का क्या घटिया आँकलन हैं। आज शर्म को भी शर्म से मर जाना चाहिए!! RIP पत्रकारिता।”
In this @BBCUrdu story the reporter presumes on behalf of rioters that truck would be carrying security forces,thus killed the truck driver. What a shameful justification of murder by learned journalist!
— Imtiyaz Hussain (@hussain_imtiyaz) August 27, 2019
Shame needs to die of shame. RIP Journalism. https://t.co/IavSNwRCs8
इस मामले पर अपने लास्ट ट्वीट में इम्तियाज ने लिखा, “ये जरूरी है कि कश्मीर की असल तस्वीर लोगों के सामने पेश की जाए क्योंकि बहुत से पाकिस्तानी लड़के है जो सोशल मीडिया पर वायरल होती ऐसी स्टोरी को पढ़ रहे है, आतंकी संगठन ज्वाइन करने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं और फिर कश्मीर आकर परेशानी का कारण बन रहे हैं।”
It’s important to portray a truthful picture of Kashmir situation because a lot of Pakistani boys reading these BBC Urdu exaggerated stories widely shared on social media get motivated to join terrorist ranks & come to Kashmir creating trouble. https://t.co/kYFb8zOLEu
— Imtiyaz Hussain (@hussain_imtiyaz) August 27, 2019
उल्लेखनीय है कि पुलिस अधिकारी के अलावा बीबीसी को उसकी हरकत के लिए सोशल मीडिया पर कई यूजर्स दुत्कार रहे हैं। लेख की डिलीट हुई विवादित लाइन का भी बढ़-चढ़कर अनुवाद किया जा रहा है। साथ ही संस्थान के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कराने की भी माँग हो रही हैं। इसके अलावा कुछ लोगों का कहना ये भी है कि बीबीसी में पत्रकारों के नाम पर सिर्फ़ कट्टरपंथी लोग हैं, जो खुद की ‘घटिया’ सोच को पत्रकारिता कहकर पेश कर रहे हैं।
Please register an FIR against @BBCNews they need to face prosecution.
— Contrarian (@c_ontrarian) August 27, 2019
बता दें बीते रविवार को दक्षिण कश्मीर के बिजेबेहरा इलाके में नूर मोहम्मद नाम के ट्रक ड्राइवर की पत्थरबाजों ने पत्थर मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद पुलिस ने जल्द ही उस पत्थरबाज को खोजकर उस पर हत्या के मामले में केस दर्ज किया था। हालाँकि, उस समय भी कई मीडिया रिपोर्ट्स का कहना था कि पत्थरबाज ने ट्रक को सिक्योरिटी फोर्स की गाड़ी समझकर उस पर हमला किया। लेकिन बीबीसी की तरह जस्टिफिकेशन किसी ने नहीं दिया था।