इंडिया टुडे के पत्रकार राहुल कँवल ने 29 जनवरी को अपना प्राइम टाइम शाहीन बाग से किया। राहुल ने पहले घूम-घूम कर प्रदर्शनकारियों से बात की और फिर शो के लिए बुलाए गए अतिथियों की साउंडबाइट ली। प्राइम टाइम में बतौर गेस्ट कथित पत्रकार सबा नकवी, वरिष्ठ पत्रकार जावेद मंसारी, पॉलिटिकल एनॉलिस्ट मनीषा परियम, वकील राघव अवस्थी और लेखक शांतनु गुप्ता शामिल थे।
चूँकि, राहुल कँवल लगातार प्रदर्शनकारियों का समर्थन कर रहे थे, तो वहाँ हर कोई उनसे बड़ी तहजीब से बात कर रहा था। लेकिन जब वकील राघव अवस्थी और लेखक शांतनु गुप्ता ने बोलना शुरू किया तो कुछ प्रदर्शनकारी उन पर चढ़ गए और उन्हें बोलने से रोकने लगे।
On Newstrack we go where the news is. At 10 pm tonight join me on @IndiaToday for a live broadcast from New Delhi’s Shaheen Bagh, which has now become the epicentre of the anti-CAA protests. What will be the impact of the Shaheen Bagh protests on the Delhi polls? pic.twitter.com/2RuuilHegL
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) January 29, 2020
प्रदर्शनकारियों के बर्ताव से भी ज्यादा शर्मनाक बात यह थी कि राहुल कँवल ने इस दौरान अपने गेस्ट के बात सुनने से ज्यादा प्रदर्शनकारियों की ओर माइक कर दिया। शांतनु गुप्ता और राघव अवस्थी को बोलने का मौका भी नहीं दिया।
29 जनवरी को हुए इस प्राइम टाइम में 15.45 सेकेंड के लेकर 18 मिनट तक के स्लॉट के बीच राहुल कँवल की इस हरकत को स्पष्ट देखा जा सकता है। हम देख सकते हैं कि किस तरह जब मनीषा परियम, सबा नकवी का पक्ष जानने के बाद राघव के बोलने का चांस आया, तो उन्होंने वहाँ प्रदर्शन पर बैठी सभी महिलाओं की सराहना की और कहा कि प्रदर्शनकारियों को शरजील जैसे लोगों को इस प्लोटफॉर्म का गलत इस्तेमाल नहीं करने देना चाहिए। यहाँ उन्होंने ये भी बताने की कोशिश की सीएए का भारतीय नागरिकों से लेना-देना नहीं है।
हालाँकि, राघव ने कैमरे पर कोई आपत्तिजनक बात नहीं कही थी। लेकिन, वीडियो को गौर से देखें तो पता चलेगा कि जैसे ही उन्होंने शरजील का नाम लिया भीड़ बदसलूकी पर उतर आई। उन्हें पीछे धकेल दिया गया और कई लोग जोर-जोर से नारे लगाने लगे। इसके बाद शांतनु गुप्ता ने वहाँ आकर उनकी बात को समझाने की कोशिश की। लेकिन राहुल कँवल तो प्रदर्शनकारियों की ओर माइक घुमा चुके थे।
राघव के अनुसार इस घटना के बाद वहाँ मौजूद लोग एक-दूसरे को उनकी पहचान करवाने लगे कि ये लंबे बाल वाला वही शख्स है जिसने शरजील का नाम लिया। उनके मुताबिक शांतनु के बीच में आने के कारण उन्हें भी वहाँ मौजूद लोग कहने लगे कि ये आदमी भी उस लंबे बाल वालों के साथ था।
राघव के मुताबिक, वहाँ कई प्रदर्शनकारियों ने उनकी ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्होंने शरजील का नाम लिया, इसलिए उन्हें पकड़ लेना चाहिए। इसके बाद राघव और शांतनु दोनों को धक्का देकर वहाँ से चले जाने को कहा गया। लेकिन राघव ने जाने से मना कर दिया। उन्हें और शांतनु दोनों को डर था कि अगर वो अकेले गए, तो पता नहीं उनके साथ क्या होगा। उन्हें आशंका थी कि प्रदर्शनकारी नुकसान पहुँचा सकते हैं।
राघव बताते हैं कि इस घटना के दौरान, वरिष्ठ पत्रकार जावेद मंसारी ने भी प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की थी कि आखिर वो क्या कहना चाह रहे हैं। लेकिन उनकी बात भी शायद किसी ने नहीं सुनी। बाद में दोनों पैनलिस्टों को स्टेज के पीछे से उतारा गया। इस दौरान पुलिस ने उनकी सुरक्षा के लिए बैरिकेड्स लगाए हुए थे।
अब, सोचिए एक लेखक और वकील के लिए वह स्थिति कितनी भयावह हो गई। वो भी तब जब वो एक मीडिया समूह के साथ थे। लेकिन, राहुल कँवल को देखकर लगता है कि उनका इन सबसे क्या लेना-देना। वो तो अपना एजेंडा साधने गए थे। अब प्रदर्शनकारी उनके पैनलिस्टों के साथ कुछ भी करें।
शर्म की बात है कि इतना सब होने के बावजूद उन्होंने अपने ट्विटर पर इस घटना का जिक्र तक नहीं किया। उन्होंने सिर्फ़ शाहीन बाग की महिलाओं से बातचीत के बारे में अपने फॉलोवर्स को बताया। इसे देख राघव अवस्थी आहत हो गए और उन्हें जवाब दिया कि अगर वे उक्त घटना के बारे में भी ट्वीट करते तो कितना अच्छा होता।
राहुल कँवल के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए राघव ने राहुल से कहा कि को अपने शो में आए अतिथियों की सुरक्षा का इंतजाम करना चाहिए था और कैमरा घुमाकर उन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए था।
Rahul when you invite someone to your show you are not supposed to ignore them when they are being shoved and dragged off camera. Would have been nice if you had tweeted about that too. @shantanug_ and I were your guests. Do release footage of how I was prevented frum speaking 2 https://t.co/oXBcV1DFUP
— Raghav Awasthi (@raghav355) January 29, 2020
राघव के अलावा शांतनु ने भी इस घटना का जिक्र करते हुए ट्वीट किया और सबा नकवी समेत जावेद मंसारी को डिबेट के बीच में आकर उनकी मदद करने के लिए धन्यवाद दिया।
लेकिन, इतने के बावजूद भी इंडिया टुडे के पत्रकार राहुल कँवल ने दोनों पैनलिस्टों की शिकायत पर सफाई देने की बजाए या उनकी स्थिति के लिए माफी माँगने की जगह, उनकी प्रतिक्रिया को terrible कह दिया। बाद में कई लोगों ने इंडिया टुडे की वीडियो से क्लिप काटकर उसे शेयर किया।
It was quite scary at one point. When they took us off camera and someone was shouting – Kaun bool ra tha, Kaun bool ra tha?
— Shantanu Gupta (@shantanug_) January 29, 2020
While we were escorted out – someone shouted – ye bade baal wala hai (pointing to @raghav355)
Then someone said ye bhi sath mein hai (pointing me)
बाद में शांतनु ने उनके ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि ये उनके और राघव का सिर्फ़ पक्ष सुनने की बात नहीं थी। बल्कि वहाँ उनके साथ हुए बर्ताव की बात थी। शांतनु ने शिकायत की कि जब लोग उन्हें पहचानकर पकड़ने की बात कर रहे थे, गुस्से से आगे बढ़ रहे थे, तब आखिर क्यों इंडिया टुडे का कोई शख्स भीड़ को सँभालने नहीं आया।
.@RanvirShorey Video only shows verbal heckling. @rahulkanwal & ? moved to the female protestors. Me & @raghav355 were identified & pushed towards right side of the stage with angry gestures by a group. There was no one frm @IndiaToday team. Fellow Panelists somehow took us out. https://t.co/Y4z7GaNHES
— Shantanu Gupta (@shantanug_) January 30, 2020
ऑपइंडिया से बात करते हुए राघव ने इंडिया टुडे को सलाह दी कि उन्हें कुछ पेशेवर रवैया दिखाना चाहिए और अपने पैनलिस्टों की इस तरह शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों द्वारा लिंच होने के लिए नहीं छोड़ना चाहिए।
राघव ने बताया कि वे जब जर्मनी में थे तब उन्हें White Supremacist rally में शामिल होने की बहुत इच्छा थी। लेकिन जब वहाँ की रैली ने चिल्लाना शुरू किया कि ये हमारी जमीन है, तब बतौर brown man उन्हें असहज महसूस हुआ था, बिलकुल वैसे ही जैसे शाहीन बाग में हुआ।