सब को सब कुछ नहीं पता होता। ज़ाहिर है, आपसे अगर कोई पूछेगा कि अमेरिका में अरबपति जॉर्ज सोरोस को लेकर क्या कॉन्स्पिरेसी थ्योरी चल रही है, तो शायद ही आप इसका जवाब दे पाएँ। या फिर हो सकता है कि आपने ख़बरें देखी हों और आप इसका जवाब दे दें। जवाब देने वाले केस में आप जानकर कहे जा सकते हैं लेकिन जवाब न देने वाले केस में आपको कोई मूर्ख नहीं कह सकता, बशर्ते आप कोई इंटरनेशनल रिपोर्टर हों जो कि अमेरिका कवर कर रहा हो। इसी तरह सोनाक्षी सिन्हा के साथ भी कुछ ऐसा हुआ, जिसका स्पष्टीकरण देने में उन्होंने उससे भी बड़ी भूल कर दी।
दरअसल, हुआ यूँ कि अमिताभ बच्चन के शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में सोनाक्षी सिन्हा पहुँचीं और उनसे रामायण को लेकर सवाल पूछा गया क्योंकि सोनाक्षी के दोनों भाइयों का नाम लव और कुश है। भगवान श्रीराम के दोनों बेटों का नाम लव और कुश ही था, जिसके आधार पर शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने बेटों का नाम रखा। इसीलिए सोनाक्षी से यह अपेक्षा तो थी ही कि वो रामायण से जुड़े एक आसान सवाल का जवाब दे देंगी। हाँ, सबको सबकुछ नहीं पता होता और सबको रामायण के बारे में भी सबकुछ नहीं पता होगा लेकिन सोनाक्षी से जो सवाल किया गया, वह कठिन नहीं था।
सोनाक्षी सिन्हा से पूछा गया कि हनुमान किसके लिए संजीवनी बूटी लेने गए थे? अच्छा हुआ सोनाक्षी से यह नहीं पूछा गया कि हनुमान संजीवनी बूटी नामक आयुर्वेदिक दवा लेने कहाँ गए थे, नहीं तो वह बाबा रामदेव के पतंजलि स्टोर का नाम भी ले सकती थीं। जिसनें रामायण नहीं पढ़ी है, रामचरितमानस नहीं पढ़ा है और पूरी कहानी ठीक से नहीं पता है, फिर भी इतना तो पता होगा ही कि भगवान राम ने रावण का वध किया था और रावण ने सीता का अपहरण किया था, जिसके बाद यह युद्ध हुआ।
Ghar ka naam (Ramayan)rakhne se dr nahi lagta saheb….. (Ramayan) padne se dr lagta hai
— harish ratra (@harishratra5) September 21, 2019
रामचरितमानस ने रामकथा को इतना लोकप्रिय बना दिया कि सोनाक्षी बिहार से हैं, अर्थात उत्तर भारत से, उत्तर भारत के घर-घर में इसका प्रचार-प्रसार हुआ और दादी-नानी ने अपने बच्चों को सबसे पहले रामायण की कहानी सुनाई। रामायण हमारी संस्कृति है। रामायण हमारा इतिहास है। रामायण से पूरा भारत प्रेरित है। और रामायण का भी सबसे लोकप्रिय हिस्सा है- सुंदरकांड। यही वो हिस्सा है, जिसकी लोकप्रियता रामायण से भी ज्यादा है और यही वो कारण है, जिससे हनुमान बच्चों-बच्चों के बीच लोकप्रिय हैं। अगर नायक राम को छोड़ दें तो हनुमान रामायण के सबसे लोकप्रिय, चर्चित और प्रमुख किरदार हैं।
These are so called Indians who quickly run away to foreign countries if any trouble comes to india. Also they live more westernised than Indian but wanna live in india bcoz only here people will give them attention..
— Kp (@Kp95527128) September 21, 2019
खैर, लंकाकाण्ड में युद्ध का वर्णन है। राम के भाई लक्ष्मण पर युद्ध के दौरान मेघनाद ने वीरघातिनी शक्ति बाण का प्रयोग किया और वे मूर्छित हो गए। इसका वर्णन तुलसीदास ने कुछ यूँ किया है;
बीरघातिनी छाड़िसि साँगी। तेजपुंज लछिमन उर लागी॥
मुरुछा भई सक्ति के लागें। तब चलि गयउ निकट भय त्यागें।।
बचपन से हमें सुनाया जाता रहा है कि हनुमान संजीवनी बूटी लाने के लिए हिमालय पर गए लेकिन वह माया के कारण बूटी को पहचान नहीं पाए। इसके बाद उन्होंने जो किया, वह एक ऐसी किवदंती बन गई, जो हज़ारों वर्षों से चर्चा का विषय बनती रही है। हनुमान पर्वत की पूरी चोटी उठा कर उड़ते हुए लंका पहुँच गए, जहाँ वैद्य ने बूटी की पहचान की और लक्ष्मण को मूर्छा से निकाला जा सका। यह कहानी सभी को पता है। अगर नहीं भी पता तो रामायण का इतना बेसिक ज्ञान तो होना ही चाहिए। इस प्रकरण का रामचरितमानस में यूँ वर्णन है:
देखा सैल न औषध चीन्हा। सहसा कपि उपारि गिरि लीन्हा॥
गहि गिरि निसि नभ धावक भयऊ। अवधपुरी ऊपर कपि गयऊ॥
अब यहाँ सवाल यह उठता है कि बॉलीवुड सेलेब्स को आख़िर आज के युवा रोल मॉडल क्यों मानते हैं? आलिया भट्ट और सोनाक्षी सिन्हा, जो सिनेमा इंडस्ट्री के स्थापित परिवारों की बेटियाँ हैं, उन्हें युवाओं का रोल मॉडल और प्रेरणा बताते हुए अवॉर्ड्स दिए जाते हैं। जब युवा उन्हें अनुसरण कर रहे होते हैं, ऐसे में उनके पास रामायण का बेसिक ज्ञान भी न होना चौंकाने वाला है। मैंने ख़ुद बचपन में बिहार बोर्ड की छठी की पुस्तक में रामायण (उस पर आधारित पुस्तक सिलेबस का हिस्सा थी) पढ़ी है और जिसनें न भी पढ़ी है, उसने दादी-नानी से तो सुन ही रखी है।
अब सोनाक्षी के स्पष्टीकरण की बात करते हैं। उन्होंने विरोध करने वालों को ट्रोल करार दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें पाइथागोरस थ्योरम, मर्चेंट ऑफ वेनिस, केमिस्ट्री का पीरिऑडिक टेबल और मुग़ल शासकों के नाम तक याद नहीं है। उन्होंने मज़ाक करते हुए लिखा कि उन्हें क्या-क्या याद नहीं है, ये भी उन्हें नहीं पता। साथ ही उन्होंने लिखा कि उन्हें मिम्स पसंद है। उन्होंने लोगों से और मिम्स बनाने की मज़ाकिया अपील की। ऐसा कर के वह ‘कूल’ तो बन गईं लेकिन उन्हें शायद नहीं पता कि भारत में रामायण ‘मर्चेंट ऑफ वेनिस’ नहीं है।
Dear jaage hue trolls.I don’t even remember the Pythagoras theorem,Merchant of Venice,Periodic Table,Chronology of the Mughal Dynasty,aur kya kya yaad nahi woh bhi yaad nahi. Agar aapke paas koi kaam nahi aur Itna time hai toh please yeh sab pe bhi memes banao na. I love memes ?
— Sonakshi Sinha (@sonakshisinha) September 21, 2019
इंग्लैंड के किसी लेखक द्वारा 16वीं शताब्दी में लिखे गए नाटक की तुलना भारतीय संस्कृति में हज़ारों वर्षों से समाहित कथा से करना सचमुच एक मजाक है। सोनाक्षी सिन्हा के पिता का नाम भी शत्रुघ्न है। राम के सबसे छोटे भाई का नाम। शत्रुघ्न के बाकी भाइयों के नाम भी रामायण पर आधारित हैं। सोनाक्षी के घर का नाम ‘रामायण’ है। सोनाक्षी के परिवार में तीन लोगों के नाम रामायण से आए हैं लेकिन उन्हें रामायण का बेसिक ज्ञान भी नहीं। अब ट्विटर पर लोगों ने ‘Yo Sonakshi So Dumb’ क्यों ट्रेंड कराया, वे ही जानें। लेकिन अपना और बेटों का नाम रामायण के किरदारों के नाम पर रखने वाले शत्रुघ्न ने बेटी को रामायण की कहानी नहीं सुनाई, लोगों का सवाल भी यही है।
क्या सोनाक्षी प्रकरण इस दलील को और मजबूत कर रहा है कि आजकल के युवा रामायण और महाभारत के बारे में जानना ‘कूल’ नहीं समझते या फिर पता भी हो तो ऐसा दिखाते हैं कि उन्हें नहीं पता? क्या यह किसी नए तरीके का फैशन है? रामायण की कलाकृतियाँ हमारे संविधान में भी हैं। उड़ते हुए हनुमान की कलाकृतियाँ हैं, राम दरबार की कलाकृतियाँ हैं। उन्हीं हनुमान के सबसे बड़े ‘एडवेंचर’ के बारे में सोनाक्षी को कोई आईडिया नहीं है। भारत के गाँव-गाँव में रामलीला का मंचन करने और देखने वाले लोगों को इससे निराशा तो हाथ लगेगी ही।
Here is the truth ?#YoSonakshiSoDumb #KBC11 pic.twitter.com/6Fy6VmWxzZ
— विक्रम प्रज्ञान (@acchajiofficial) September 21, 2019
भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक संरचना में रामायण इतना गहरा समाहित है कि सुंदरकांड, रामकथा आयोजन और रामलीला मंचन हमारे इतिहास का ऐसा हिस्सा रहे हैं, जो आज भी जारी हैं। शहरों में यह कम हो गया है लेकिन गाँवों ने इस परंपरा को अभी भी थाम रखा है। देश-विदेशों तक रमलीना का मंचन हो रहा है लेकिन भारत की एक लोकप्रिय अभिनेत्री को रामायण का ज्ञान नहीं। जब हमें ही अपनी संस्कृति का भान नहीं होगा तो हम किस मुँह से उसका विदेशों में प्रचार-प्रसार करने का दावा करते हैं?