पिछले एक महीने से कर्नाटक में लगातार सियासी उठापटक देखने को मिल रही है। इस उठापटक का नतीजा यह रहा कि सूबे में कॉन्ग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार गिर गई और इसका फ़ायदा बीजेपी को मिला। ऐसे ही कुछ बनते-बिगड़ते समीकरण महाराष्ट्र की राजनीति में भी देखने को मिल रहे हैं। ख़बर है कि महाराष्ट्र में बीजेपी, कॉन्ग्रेस-NCP (राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी) गठबंधन को एक बड़ा झटका देने की तैयारी में है।
सूबे में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने दावा किया है कि कॉन्ग्रेस और NCP के क़रीब 50 विधायक उनके सम्पर्क में हैं। ग़ौरतलब है कि महाराष्ट्र में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में इस दावे से सियासी गलियारे में हलचल तेज़ होना तय है।
बता दें कि गिरीश महाजन का यह बड़ा बयान ऐसे समय में आया है जब NCP के कई नेता पहले से ही पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। हाल ही में, NCP की वरिष्ठ नेता चित्रा वाघ का बयान आया था कि वो बीजेपी में शामिल होना चाहती हैं क्योंकि NCP का अब कोई भविष्य नहीं है। उन्होंने यह ख़ुलासा भी किया था कि उनसे कई अन्य विधायकों ने अनुरोध किया था कि वो विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल होना चाहते हैं।
इन दिनों NCP में इस्तीफ़ों का दौर भी जारी है। एक के बाद एक पार्टी के कई नेताओं ने अपना इस्तीफ़ा दिया, ज़ाहिर सी बात है इससे पार्टी कमज़ोर हुई है। 26 जुलाई को पार्टी की महिला विंग की अध्यक्ष चित्रा वाघ ने पार्टी के अंधकारमय भविष्य को देखते हुए इस्तीफ़ा दिया था। वहीं, पार्टी के मुंबई प्रमुख सचिन अहीर ने पहले से ही शिवसेना का दामन थाम लिया था। ख़बर तो यह भी है कि पूर्व मंत्री मधुकर पिचड के बेटे और NCP विधायक वैभव पिचड भी बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं। इन हालातों के मद्देनज़र यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि गिरीश महाजन के दावों में कितनी सच्चाई है।
फ़िलहाल, महाराष्ट्र में कॉन्ग्रेस के पाँव डगमगा रहे हैं और अगर यह स्थिति लगातार बनी रही तो निश्चित तौर पर NCP भी कमज़ोर हो जाएगी। इसके अलावा राज्य मंत्री गिरीश महाजन ने शरद पवार के उस दावे को भी ख़ारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि बीजेपी सरकार एजेंसियों का इस्तेमाल करके कॉन्ग्रेस और NCP के नेताओं को अपने खेमे में शामिल करने की कोशिश कर रही है।