राजनीति में अक्सर एंटी इनकंबेंसी फैक्टर की चर्चा होती रहती है। लेकिन 2014 से प्रधानमंत्री होने के बावजूद नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) इससे अछूते हैं। 53 फीसदी भारतीय उन्हें अगले प्रधानमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं। लोकप्रियता के मोर्चे पर उनके मुकाबले में कोई भी दूसरा नेता नहीं टिकता।
यह तथ्य इंडिया टुडे और सी वोटर के हालिया सर्वे से उभरकर सामने आया है। इसके मुताबिक यदि आज लोकसभा के चुनाव हुए तो फिर से भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए की ही सरकार बनेगी। विपक्षी नेताओं में सबसे आगे राहुल गाँधी हैं। उन्हें 9 फीसदी भारतीय अगले प्रधानमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 7 फीसदी लोगों की पसंद हैं।
Who is best suited to be next PM? Who is best suited to lead the Opposition#MoodoftheNation| @rahulkanwal @sardesairajdeep pic.twitter.com/Gcb6DCTKWH
— IndiaToday (@IndiaToday) August 11, 2022
सर्वे यह भी बताता है कि केवल 23 प्रतिशत लोगों को ही लगता है कि राहुल गाँधी कॉन्ग्रेस को फिर से खड़ा करने में सक्षम हैं। प्रियंका गाँधी पर इस तरह का भरोसा केवल 9 प्रतिशत लोगों को है। इस मामले में मनमोहन सिंह (16%) और सचिन पायलट (14%) भी उनसे आगे हैं। 34 प्रतिशत लोग यह भी मानते हैं कि बतौर विपक्ष कॉन्ग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा है। केवल 40 प्रतिशत लोगों ने विपक्ष के तौर पर उसकी भूमिका को सराहा है।
यह सर्वे इस साल फरवरी से 10 अगस्त के बीच किया गया। इस दौरान 1,22,016 लोगों से उनकी राय पूछी गई। सर्वे के अनुसार, अगर आज चुनाव होते हैं तो एनडीए की सरकार तय है। हालाँकि बिहार में नीतीश कुमार के पाला बदलने से उसे कुछ सीटों का नुकसान हो सकता है। सर्वे के मुताबिक 1 अगस्त तक जुटाए गए आँकड़े बताते हैं कि लोकसभा चुनाव होने पर एनडीए (NDA) को 543 सीटों में से 307 सीटें मिल सकती है। यूपीए (UPA) को 125 और अन्य पार्टियों को 111 सीटें मिलने का अनुमान है।
लेकिन बिहार में सरकार बदलने के बाद एनडीए को 21 सीटों का नुकसान होने का अनुमान है। ऐसी स्थिति में एनडीए को 286 सीटें मिल सकती है। यह बहुमत से अधिक है। नीतीश के साथ आने से यूपीए का आँकड़ा 146 सीटों तक जाने का अनुमान है। बता दें कि नीतीश कुमार ने 11 अगस्त को 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। तेजस्वी यादव उनकी नई सरकार में डिप्टी सीएम बने हैं। जदयू ने भाजपा का साथ छोड़ते हुए राजद, कॉन्ग्रेस और वाम दलों के साथ सरकार बनाई है।