मुफ्त कल्चर का कितना बुरा असर होता है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें ये बताया गया है कि राजस्थान (Rajasthan) में सब्सिडी कल्चर बहुत की खतरनाक है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मुफ्त कल्चर के कारण कई राज्यों की हालत पूरी तरह से खराब हो चुकी है।
आरबीआई की रिपोर्ट में जिन राज्यों की हालत को खस्ता बताया गया है, उनमें पंजाब, राजस्थान, केरल, झारखंड, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक समेत 10 राज्यों ने मुफ्त की रेवड़ियाँ जमकर बाँटी और अब हालात बिगड़ गए हैं। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इन सभी राज्यों की आय और खर्च की व्यवस्था भी सही नहीं है। बैंक ने राज्यों को सलाह दी है कि अगर राज्य वित्तीय घाटा करना है तो सबसे पहले सब्सिडी को कम करना होगा। हाल ही में पीएम मोदी ने फ्री वाले लालच को ‘रेवड़ी कल्चर’ बताते हुए इसके विरोध की अपील की थी।
सबसे बुरी स्थिति है राजस्थान की
आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे खस्ता हालत राजस्थान सरकार की है। हाल ही में 50 यूनिट तक की फ्री बिजली देने का ऐलान किया है, जिससे ये प्रस्तावित था कि गहलोत सरकार के इस कदम के बाद खजाने पर अतिरिक्त 6000 करोड़ रुपए वित्तीय बोझ आना तय है। जबकि सहकारी बैंकों से किसानों की कर्जमाफी करने पर 7000 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च और राज्य 1.33 करोड़ महिलाओं को फ्री मोबाइल बांटने का ऐलान किया था, जिसका बजट 12,000 करोड़ रुपए रखा गया था।
जानकारी के मुताबिक, मुफ्त कल्चर के कारण इस बार राजस्थान का कुल चालू घाटा राज्य की जीडीपी का 40 फीसदी हो जाएगा। केवल महामारी के दौर में ही राज्य का घाटा 16 % तक बढ़ गया था। जबकि राज्य की विकास दर केवल 1 प्रतिशत पर ही टिकी हुई है। आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल में सरकारी खर्चे के लिए एक लाख 91 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। अब तक की सरकारों द्वारा लिए गए लोन का अकेले 30 फीसदी तो अशोक गहलोत की सरकार ने लिया है।
खास बात ये है कि अब तक प्रदेश पर कुल 4 लाख 71 हजार करोड़ रुपए का कर्ज हो चुका है। यानि कि राजस्थान के प्रत्येक नागरिक पर 71000 करोड़ रुपए का कर्ज हुआ है।