दिल्ली को संयुक्त राष्ट्र भी ‘पॉल्यूशन कैपिटल’ के रूप में देखता है लेकिन अरविन्द केजरीवाल की सरकार इस छवि को बदलने की बजाए आरोप-प्रत्यारोप में लगी हुई है, भले ही इससे देश की बदनामी ही क्यों न हो। ईस्ट दिल्ली के गाजीपुर में भारत का सबसे बड़ा कूड़ा-करकट का पहाड़ है, देश का सबसे बड़ा कचरे का ढेर। केजरीवाल की पार्टी ने इसकी तुलना उन पवित्र पर्वतों से की है, जिसकी लोग पूजा करते हैं। इसी क्रम में AAP ने गाजीपुर के कचरे के ढेर की तुलना उत्तराखंड की नंदा देवी से कर दी, जो राज्य की इष्ट देवी भी हैं।
आगे बढ़ने से पहले उस कचरे के पहाड़ के बारे में बता दें कि वो 40 फुटबॉल पिच से भी अधिक के क्षेत्र में फैला हुआ है। आवारा कुत्ते और गाय वहाँ घुमते रहते हैं। जानवर बीमार पड़ते हैं। 1 साल पहले ही इसकी ऊँचाई 213 फ़ीट थी। ऊँचाई में ये इस्लामी आक्रांताओं द्वारा बनाए गए ताजमहल और कुतुब मीनार को टक्कर दे रहा है। सुप्रीम कोर्ट तो यहाँ तक कह चुका है कि कुछ दिनों बाद वहाँ से गुजरने वाले हवाई जहाजों के लिए अलर्ट जारी करना पड़ेगा।
अब आते हैं आम आदमी पार्टी (AAP) की करतूत पर, जिसने गाजीपुर के उस कुड़े के पहाड़ की तुलना तीन पवित्र पर्वतों से की। उसने लिखा कि सिक्किम में कंचनजंघा सबसे बड़ा पर्वत है। इसके बाद उसने तस्वीरें डालते हुए लिखा कि इसी तरह उत्तराखंड में नंदा देवी और कामेट पर्वत शहर सबसे ऊँचा है। लेकिन इन तीनों के साथ ही उसने गाजीपुर के कचरे के पहाड़ की तस्वीर भी डाल दी और लिखा कि इसे भाजपा के एमसीडी ने बनाया है।
आम आदमी पार्टी ने अपने आधिकारिक हैंडल से ऐसा किया। इसके बाद सोशल मीडिया में आलोचना का दौर शुरू हो गया। बता दें कि आम आदमी पार्टी (AAP) ने जिन पर्वतों का जिक्र किया, वो न सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए पवित्र हैं बल्कि पूरा देश उन पर गर्व करता है और उन्हें पूजता है। भारत में हिमालय को भी देवता माना गया है, जिसके घर माँ पार्वती का जन्म हुआ था। ऐसे में AAP का ये मजाक लोगों को नागवार गुजरा। उत्तराखंड में तो नंदा देवी का विशेष महत्व है।
To what extent is it appropriate to compare the Nanda Devi mountain to the garbage dumpYard in Delhi? . We worship Maa Nanda Devi “You” do not prowl the holy sites of “Devbhoomi” with your dirty political thinking. https://t.co/Xr6MqG7wnD
— The Sanatan (@TheSanatanTimes) August 30, 2020
भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय मीडिया सह-प्रभारी नेहा जोशी ने कहा कि AAP और अरविन्द केजरीवाल ने हमेशा उत्तराखंड और यहाँ के निवासियों का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि नंदा देवी उत्तराखंड की इष्ट देवी हैं और उनके अपमान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने केजरीवाल से इस मामले में माफ़ी माँगने को कहा। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे सीएम केजरीवाल ने बाटला हाउस एनकाउंटर में बलिदान हुए मोहन चंद्र शर्मा के शौर्य पर सवाल उठाया था।
नेहा जोशी ने आरोप लगाया कि सस्ती लोकप्रियता के लिए केजरीवाल और उनकी पार्टी ने जो दुस्साहस किया है, उन्हें उस हर एक व्यक्ति से माफ़ी माँगनी चाहिए, जो माँ नंदा की उपासना करते हैं। वहीं उत्तराखंड के एक अन्य ट्विटर हैंडल ‘सनातन टाइम्स’ ने पूछा कि जिन माँ नंदा देवी की हम पूजा करते हैं, उनका अपमान करना कहाँ तक उचित है? उसने AAP को सलाह दी कि वो देवभूमि को अपनी गन्दी राजनीति से दूर रखे।
.@AamAadmiParty और @ArvindKejriwal जी ने हमेशा उत्तराखंड और उत्तराखंडियों का अपमान किया है । लेकिन इस बार हमारी इष्ट देवी माँ नंदा का अपमान कर उन्होंने सारी हदें पार कर दीं । इस बात के लिए उत्तराखंड आपको कभी भी माफ़ नहीं करेगा । सामने आइए और माफ़ी माँगिए । #Uttarakhand pic.twitter.com/wbEtHTc1z0
— Neha Joshi (@The_NehaJoshi) August 30, 2020
नंदा देवी का अर्थ है वो देवी, जो आनंद प्रदान करती हैं। 1983 में ही नंदा देवी और इसके चारों तरफ की पहाड़ियों को पर्वतारोहण के लिए बंद कर दिया था, क्योंकि स्थानीय लोगों के लिए इसका बड़ा ही धार्मिक महत्व है। नंदा देवी नेशनल पार्क तो यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज में आता है। इसे उत्तराखंड में सुनंदा देवी के नाम से भी पुकारते हैं। पूरे उत्तराखंड के लोग नंदा देवी को अपना इष्ट मानते हैं।
नंदा देवी पर्वत की तुलना दिल्ली के कूड़े के ढेर से करने के बाद सोशल मीडिया पर हो रहे विरोध के बाद आम आदमी पार्टी ने अपने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया है। गौरतलब है कि कुछ ही हफ्तों पहले आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविन्द केजरीवाल ने यह भी घोषणा की थी कि वह उत्तराखंड के आगामी विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी।