उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों में चार्जशीट दाखिल होने के बाद आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन का बचाव किया है। ताहिर के कुकृत्यों पर मजहब का पर्दा डालने की उसने कोशिश की है।
अमानतुल्लाह खान ने ट्वीट कर कहा, “दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में ताहिर हुसैन को दिल्ली दंगों का मास्टरमाइंड बनाया है, जबकि पूरा देश जनता है कि दंगे किसने कराए। असल दंगाइयों से अभी तक पुलिस ने पूछताछ तक नहीं की। मुझे लगता है कि ताहिर हुसैन को सिर्फ मुस्लिम होने की सज़ा मिली है।”
दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्ज शीट में ताहिर हुसैन को दिल्ली दंगों का मास्टर माइंड बनाया है, जबकि पूरा देश जनता हैं कि दंगे किसने कराये असल दंगाइयों से अभी तक पुलिस ने पूछ ताछ तक नही की, मुझे लगता है कि ताहिर हुसैन को सिर्फ मुस्लिम होने की सज़ा मिली है।
— Amanatullah Khan AAP (@KhanAmanatullah) June 4, 2020
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया है, “अमानतुल्लाह खान, दिल्ली पुलिस ने अभी ताहिर हुसैन को पकड़ा है तो इतनी बौखलाहट। तब क्या हाल होगा तुम्हारा जब पर्दे के पीछे के असली किरदार पकड़े जाएँगे। चिंता मत करो, दिल्ली पुलिस ईमानदारी से कार्य कर रही है। दिल्ली जलाने वाले 1 भी व्यक्ति को छोड़ेंगे नहीं।”
अमानतुल्लाह खान, दिल्ली पुलिस ने अभी तो ताहिर हुसैन को पकड़ा है तो इतनी बौखलाहट, तब क्या हाल होगा तुम्हारा जब पर्दे के पीछे के असली किरदार पकड़े जाएंगे । चिंता मत करो,दिल्ली पुलिस ईमानदारी से कार्य कर रही हैं,दिल्ली जलाने वाले 1 भी व्यक्ति को छोड़ेंगे नही । https://t.co/jzEWqMsVlM
— Adesh Kumar Gupta (@adeshguptabjp) June 4, 2020
बता दें, 2 जून को दिल्ली पुलिस ने दंगों के मामले में 2 चार्जशीट दायर की थी। इस चार्जशीट में ताहिर को मुख्य आरोपित बनाया गया है। चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कहा है दंगे कराने के लिए ताहिर हुसैन ने करोड़ों ख़र्च किए थे। इस दौरान वह जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद से लगातार संपर्क में था।
उसने उमर खालिद से कहा था कि जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत आने वाले हैं, तब कुछ बड़ा होने वाला है, जिसके लिए सबको तैयार रहना है। उसने अपने समर्थकों को ‘बड़े एक्शन’ के लिए तैयार रहने को कहा था। उसने सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच भी रुपए बाँटे थे।
बता दें कि अमानतुल्लाह ने इससे पहले भी मार्च महीने में एक ट्वीट कर ताहिर का बचाव किया था। जिसमें उन्होंने ताहिर के खिलाफ़ होती कार्रवाई को देखकर कहा कि ये सब इसलिए हो रहा है क्योंकि ताहिर एक मुस्लिम है।
अमानतुल्लाह ने कहा था, “आज ताहिर हुसैन सिर्फ इस बात की सजा काट रहा है कि वो एक मुस्लिम है। शायद आज हिंदुस्तान में सबसे बड़ा गुनाह मुस्लिम होना है। ये भी हो सकता है कि आने वाले वक्त में ये साबित कर दिया जाए कि दिल्ली की हिंसा ताहिर हुसैन ने कराई है।”
हालाँकि, स्पष्ट हो कि न्यायिक प्रक्रियाओं के बीच अपने मजहब को लाने वाले अमानतुल्लाह जैसे लोग आज तक यह साबित नहीं कर सके हैं कि अगर सिर्फ मुस्लिम होने के कारण किसी को निशाना बनाया जाता है तो फिर उन्हीं के जैसे दंगाई मानसकिता के लोग बाहर खुले घूमकर इस तरह का जहर कैसे उगलते आ रहे हैं।
गत फरवरी माह में पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए हिन्दू विरोधी दंगों की लगभग सभी परतें खुल चुकी हैं। इसमें यह भी स्पष्ट हो चुका है कि किस तरह से शाहीनबाग से लेकर जामिया, JNU के उग्रवादियों ने इसमें अहम भूमिका निभाई।
वही शाहीनबाग, जहाँ ‘फक हिंदुत्व’ से लेकर गाय और गोमूत्र के बहाने हिंदुओं की आस्था का उपहास बनाया गया। फ़ैज़ और इकबाल के बहाने काफिरों के खिलाफ तमाम बातें की गईं।
जब यही शाहीनबाग दंगों के रूप में बाहर आया, तब ‘काफिरों’ पर तमाम क्रूरता की हदों को लांघा गया। महज 20 साल के दिलबर नेगी के हाथ और पाँव काटकर शरीर के भाग को जिंदा जलती आग में झोंक दिया गया। IB अधिकारी अंकित शर्मा को इसी दंगाई ताहिर हुसैन के घर के बाहर मारा गया। उनके शरीर पर घाव के 51 गहरे निशान थे।