उत्तर प्रदेश के संभल स्थित श्रीकल्कि धाम पीठ के मुख्य महंत आचार्य प्रमोद कृष्णम् के सुर आजकल बदले-बदले लग रहे हैं। वो राज्य में कॉन्ग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं में से एक हैं और प्रियंका गाँधी के करीबी माने जाते हैं। टीवी चैनलों पर भी अक्सर उन्हें पार्टी के पक्ष में बहस करते हुए देखा जा सकता है। क्या राजनीति में गहरी रुचि लेने वाले महंत का अब कॉन्ग्रेस पार्टी से मोहभंग हो रहा है? ऐसा इसीलिए, क्योंकि उनके कुछ ट्वीट्स ऐसे सामने आए हैं जो इसी तरफ इशारा करते हैं।
असल में कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘कॉन्ग्रेस वर्किंग कमिटी’ का नए सिरे से गठन किया है, जिसमें 39 सदस्य हैं। साथ ही 32 परमानेंट इंवाइटिज और 13 स्पेशल इंवाइटिज के नामों की भी घोषणा की गई। हालाँकि, इसमें आचार्य प्रमोद कृष्णम् को जगह नहीं मिली। जब एक पत्रकार ने पूछा कि आखिर एक हिन्दू संत को CWC में जगह क्यों नहीं दी, तो कल्कि धाम पीठाधीश्वर के दिल का छिपा हुआ दर्द बाहर आ गया और उन्होंने ट्वीट के जरिए ही पार्टी पर निशाना साधा।
उन्होंने लिखा, “पार्टी के कुछ बड़े नेताओं को मेरी वेशभूषा और तिलक से चिढ़ है, जिन्हें मैं इस जन्म में नहीं छोड़ सकता।” यानी, उन्होंने न सिर्फ बता दिया है कि वो हिन्दू धर्म की पहचान को नहीं छोड़ सकते, बल्कि ये भी खुलासा कर दिया है कि पार्टी में कुछ लोग साधु-संतों की वेशभूषा और तिलक से नफरत करते हैं। हालाँकि, कई ट्वीट्स के माध्यम से उन्होंने होने उन साथी नेताओं को बधाई दी, जिन्हें CWC में शामिल किया गया है। पवन खेड़ा, शशि थरूर, सलमान खुर्शीद, जयराम रमेश, जितेंद्र सिंह अलवर, कुमारी शैलजा, राजीव शुक्ला और दीपेंद्र हुड्डा को उन्होंने बधाई दी।
पार्टी के कुछ बड़े नेताओं को
— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) August 20, 2023
मेरी “वेशभूषा” और “तिलक” से चिढ़ है, जिन्हें मैं इस जन्म में नहीं छोड़ सकता. https://t.co/Ok6JHHOmgL
वहीं एक अन्य ट्वीट के माध्यम से उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी निशाना साध दिया। अशोक गहलोत ने विमान में कुछ दस्तावेजों के साथ तस्वीर डालते हुए लिखा था कि वो ‘मिशन 2030’ की तैयारी में लगे हुए हैं। इस पर कटाक्ष करते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने लिखा, “भ्रष्टाचार, बलात्कार, लूट खसोट और खनन, नासिर-जुनैद की हत्या ‘लाल डायरी’ और गमन।” यानी, उन्होंने इस ट्वीट के माध्यम से भविष्यवाणी कर दी है कि राजस्थान में कॉन्ग्रेस हार रही है और अशोक गहलोत का ‘गमन’ होगा।
भ्रष्टाचार,बलात्कार “लूट खसोट”
— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) August 21, 2023
और खनन, नासिर-जुनैद की हत्या “लाल डायरी”
और गमन. https://t.co/aARnmVzRbN
यहाँ यह बढ़ाना ज़रूरी है कि राजस्थान में कॉन्ग्रेस के मंत्री रहे राजेंद्र सिंह गुढ़ा को बरख़ास्त कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने महिला अपराध में राजस्थान के नंबर-1 होने को लेकर विधानसभा में अपनी ही सरकार पर तंज कसा। इसके बाद उन्होंने बताया कि सीएम अशोक गहलोत एक ‘लाल डायरी’ को जाँच एजेंसियों से छिपाना चाहते थे, जिसमें उनके भ्रष्टाचार का पूरा लेखा-जोखा है। उन्होंने कहा था कि इसी डायरी में लिखा है कि किसे कितने पैसे दिए गए। साथ ही विधानसभा में उन्होंने कॉन्ग्रेस के नेताओं पर मारपीट करते हुए ये डायरी छीनने का आरोप भी लगाया था।
ये भी जानकारी देते चलें कि उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि धाम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने निर्माण पर लगी रोक को असंवैधानिक बताया है। मुस्लिमों की आपत्ति के 2016 में निर्माण पर जिलाधिकारी ने रोक लगा दी थी। उस समय उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा की सरकार थी। मुस्लिमों की आपत्ति के बाद संभल के तत्कालीन डीएम ने कानून-व्यवस्था बिगड़ने का हवाला देकर मंदिर निर्माण पर रोक लगा दी थी।