अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने के मोदी सरकार के फैसले पर कॉन्ग्रेस में विभाजन साफ-साफ दिख रहा है। कॉन्ग्रेस के कई बड़े नेताओं के बाद पार्टी की लीगल सेल ने भी जम्मू-कश्मीर पर केन्द्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है। पार्टी की सुप्रीम कोर्ट, मानवाधिकार और आरटीआई यूनिट ने एक प्रेस नोट जारी कर इस मामले पर पार्टी से अलग स्टैंड दिखाया है।
Supreme Court Unit of the AICC (All India Congress Committee) Legal, human rights and RTI department endorses and supports “the decision whereby the two union territories of Ladakh and Jammu & Kashmir have been created.” pic.twitter.com/PdhRtqAIzH
— ANI (@ANI) August 9, 2019
पार्टी की इस यूनिट के अध्यक्ष अनूप जॉर्ज चौधरी के हस्ताक्षर वाले प्रेस नोट में कहा गया है कि अनुच्छेद 370 एक आस्थायी प्रावधान था और इसे हटाकर केन्द्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का सही मायनों में भारत के साथ विलय कर दिया है।
इससे पहले दीपेंद्र हुड्डा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जर्नादन द्विवेदी, मिलिंद देवड़ा आदि भी अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने और जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधयेक को पारित करने के फैसले का स्वागत कर चुके हैं।
कॉन्ग्रेस पार्टी की सुप्रीम कोर्ट यूनिट ने अनुच्छेद 35-A और राज्य को दो हिस्सों में बाँटने के फैसले का भी समर्थन किया है। कॉन्ग्रेस की इस यूनिट का मानना है कि राज्य को दो हिस्सों में बाँटने से राजनीतिक शक्तियों का सही रूप से बँटवारा हो सकेगा जो वहाँ की जनता के हित में है।
गत सोमवार को भुवनेश्वर कालिता ने कश्मीर मुद्दे पर व्हिप जारी करने से इनकार करते हुए राज्यसभा और कॉन्ग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा था कि देश का मिजाज पूरी तरह से बदल चुका है और पार्टी का इस मसले पर स्टैंड जन भावना के खिलाफ है।