Thursday, November 14, 2024
Homeदेश-समाजAIIMS में भेदभाव, प्रियंका गाँधी के घायलों को दिए शॉल कॉन्ग्रेस समर्थकों ने लिए...

AIIMS में भेदभाव, प्रियंका गाँधी के घायलों को दिए शॉल कॉन्ग्रेस समर्थकों ने लिए वापस: JNU की जख्मी छात्रा का दावा

कृतिका सेन ने कहा कि प्रियंका गाँधी एक नेता हैं। ऐसे में अगर वो शाम को हमला करने वाले लोगों पर सवाल कर रही हैं, तो फिर दिन में हमला करने वालों पर सवाल क्यों नहीं कर रही हैं? दिन में हमला करने वाले लोग कौन थे?

दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार को हुई हिंसा में घायल विश्विद्यालय की छात्रा कृतिका सेन ने इंडिया टुडे को बताया कि एम्स में डॉक्टरों ने विचारधारा के आधार पर घायल छात्रों के साथ भेदभाव किया।

आज तक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जेएनयू की छात्रा और एबीवीपी की सदस्य कृतिका सेन ने आरोप लगाया है कि जब घायल छात्रों को एम्स में भर्ती कराया जा रहा था, तो वहाँ के डॉक्टर प्रत्येक छात्र से पूछ रहे थे कि वे एबीवीपी से जुड़े हैं या फिर वामपंथी संगठन से। कृतिका ने मेडिकल स्टाफ द्वारा दुर्व्यवहार का भी आरोप लगाया है।

साथ ही कृतिका सेन ने यह भी कहा कि जेएनयू कैंपस में एबीवीपी के सदस्य वामपंथियों की तुलना में कम हैं, अल्पसंख्यक हैं। ऐसे में वो सुरक्षित नहीं हैं। उसने यह भी आरोप लगाया कि वह शाम 6 बजे एम्स में भर्ती हुई थी, जबकि जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष को 9 बजे भर्ती कराया गया था। लेकिन फिर भी घोष के समर्थकों का पहले इलाज किया गया था। उन्हें प्राथमिकता दी गई।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एम्स में इलाज करवाने वाले एबीवीपी सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया है कि जब कॉन्ग्रेस नेता प्रियंका गाँधी वाड्रा घायल छात्रों से मिलने एम्स गईं थी, तो उनके समर्थकों ने सबसे पहले घायल छात्रों से यही पूछा कि उनका संबंध किस विचारधारा से है। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्रियंका गाँधी ने कुछ छात्रों को शॉल दी, लेकिन बाद में उनके कार्यकर्ताओं ने शॉल वापस ले ली।

कृतिका सेन ने कहा कि प्रियंका गाँधी एक नेता हैं। ऐसे में अगर वो शाम को हमला करने वाले लोगों पर सवाल कर रही हैं, तो फिर दिन में हमला करने वालों पर सवाल क्यों नहीं कर रही हैं? दिन में हमला करने वाले लोग कौन थे?

गौरतलब है कि जेएनयू में रविवार को बड़े पैमाने पर हिंसा और अराजकता देखी गई थी जब नकाबपोश हमलावरों ने हॉस्टल में प्रवेश किया था और छात्रों को लाठी और डंडों से पीटा था। इसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई सौ पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। इस हिंसा के दौरान 30 से अधिक घायल हुए थे। बहरहाल इस हिंसा को लेकर लेफ्ट और एबीवीपी दोनों एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।

हालाँकि, बहुत सारी ऐसी खबरें चली थीं, जिसमें कहा गया था कि वामपंथियों ने छात्र समूहों पर हमला करने के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों को बुलाया था। जेएनयू प्रशासन ने एक लिखित बयान में कहा है कि आंदोलनकारी छात्र समूहों ने रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को रोकने के लिए कम्युनिकेशन रूम में सर्वर को क्षतिग्रस्त कर दिया था और गैर-आंदोलनकारी छात्रों को शैक्षणिक गतिविधियों के लिए अपने संबंधित संस्थानों में जाने से बलपूर्वक रोक दिया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कश्मीर को बनाया विवाद का मुद्दा, पाकिस्तान से PoK भी नहीं लेना चाहते थे नेहरू: अमेरिकी दस्तावेजों से खुलासा, अब 370 की वापसी चाहता...

प्रधानमंत्री नेहरू पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद सुलझाने के लिए पाक अधिकृत कश्मीर सौंपने को तैयार थे, यह खुलासा अमेरिकी दस्तावेज से हुआ है।

‘छिछोरे’ कन्हैया कुमार की ढाल बनी कॉन्ग्रेस, कहा- उन्होंने किसी का अपमान नहीं किया: चुनावी सभा में देवेंद्र फडणवीस की पत्नी को लेकर की...

कन्हैया ने फडणवीस पर तंज कसते हुए कहा, "हम धर्म बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं और डेप्युटी सीएम की पत्नी इंस्टाग्राम पर रील बना रही हैं।"

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -