महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद इम्तियाज जलील को पुलिस ने बुधवार (सितंबर 2, 2020) को हिरासत में ले लिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सांसद जलील कोविड-19 प्रतिबंधों को तोड़ते हुए एक मस्जिद में नमाज अदा करने जा रहे थे।
स्थानीय सांसद और पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष इम्तियाज जलील ने पिछले सप्ताह चेतावनी देते हुए कहा था कि आगामी 2 सितंबर को मस्जिदें खोल दी जाएँ। वह इसके लिए सार्वजनिक रूप से आह्वान करेंगे। लेकिन महाराष्ट्र सरकार अगर इस दिन मस्जिदें नहीं खोलती है तो वह सड़क पर नमाज़ पढ़ने बैठ जाएँगे।
अधिकारी ने बताया कि जलील को तब हिरासत में लिया गया जब वह शाहगंज मस्जिद की ओर जा रहे थे। इसके बाद उन्हें शहर पुलिस कमिश्नर के कार्यालय ले जाया गया। जलील ने कहा कि अगर राज्य सरकार धार्मिक स्थलों पर लगी रोक को नहीं हटाती है तो पूरे राज्य में ऐसी घटनाएँ होने लगेंगी।
अपने बयानों के चलते अक्सर सुर्ख़ियों में रहने वाले एआईएमआईएम सांसद ने पिछले हफ्ते एक समाचार चैनल से बात करते हुए चेतावनी भरे लहजे में यह भी कहा था कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों को बंद रखने के फैसले का कोई तर्क नहीं है। उन्होंने कहा था कि अगर सरकार 2 सितंबर को मस्जिदें बंद रखती है तो वो खुद औरंगाबाद की शाहगंज स्थित मस्जिद में नमाज़ पढ़ने जाएँगे। बता दें कि कोविड-19 महामारी के चलते राज्य में सभी धार्मिक स्थलों के खुलने पर रोक है।
पुलिश कमिश्नर चिरंजीव प्रसाद ने कहा कि जलील को उनके कार्यालय के पास से हिरासत में लिया गया था। उन्होंने कहा, “हमने जलील को राज्य सरकार की ओर से जारी ताजा दिशा-निर्देशों से अवगत करा दिया है। अगर आने वाले समय में जरूरत पड़ी तो हम कार्रवाई भी करेंगे।”
मंगलवार (सितंबर 1, 2020) को जलील ने ऐलान किया था कि वह खड़केश्वर मंदिर जाएँगे और अधिकारियों को मंदिर खोलने के लिए ज्ञापन सौंपेंगे। इसके बाद शहर में शिवसेना और एआईएमआईएम के कार्यकर्ता आमने सामने आ गए थे। जलील ने कहा था कि धार्मिक स्थलों को बंद रखना तर्कसंगत नहीं है।
एआईएमआईएम सांसद ने चेतावनी देते हुए कहा था, “हम आखिर कब तक इंतज़ार करेंगे? यह लोकशाही है, सरकार के निरर्थक फैसलों को जनता भी कब तक बर्दाश्त करेगी। तो हमने यह फैसला किया है कि एक तारीख़ (सितंबर) को महाराष्ट्र में गणेश विसर्जन किया जाता है। हिंदुओं के लिए बड़ा दिन होता है। मैं उन तमाम हिंदुओं से अनुरोध करना चाहता हूँ कि वह तमाम मंदिर और पूजा स्थल खुलवाने में लग जाएँ। फिर हम दो तारीख़ (सितंबर) को राज्य में स्थित तमाम मस्जिदों को खुलवाने का आह्वान करेंगे। सरकार अगर इजाज़त दे तो ठीक नहीं तो हम सड़क पर नमाज़ पढ़ेंगे।”