प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री (MoS-PMO) डॉ. जितेन्द्र सिंह के भाषण के बाद दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के दक्षिणपंथी और वामपंथी गुटों के छात्र आपस में भिड़ गए। दोनों तरफ़ से जमकर हुई नारेबाजी से शुरू हुआ बवाल हाथापाई तक जा पहुँचा। आलम यह था कि देखने वालों को हाल ही में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के साथ जाधवपुर विश्वविद्यालय में हुई बदसलूकी के दोहराए जाने की आशंका लगने लगी।
Delhi: Scuffle broke out between two groups of students during a seminar on #article370 in Jawaharlal Nehru University campus, today. Union Minister Jitendra Singh was speaking at the seminar. pic.twitter.com/v6Wlr5JIxA
— ANI (@ANI) October 3, 2019
मीडिया की खबरों में बताया जा रहा है कि डॉ. जितेन्द्र सिंह JNU में जम्मू-कश्मीर से हटाए गए अनुच्छेद 370 पर आयोजित एक सेमिनार में वक्तव्य देने पहुँचे थे। वहाँ उनके भाषण के पहले वामपंथी छात्र संगठनों ने जम कर नारेबाजी की और बवाल काटा। उल्लेखनीय है कि JNU वामपंथी विचारधारा और राजनीति का गढ़ माना जाता है। विरोध-प्रदर्शन स्थल पर सरकार के विरोध के अलावा “आरएसएस मुर्दाबाद” और “ABVP हो बर्बाद” के भी नारे लगे। जवाब में कुछ छात्रों को “भारत माता की जय” का घोष करते हुए भी सुना जा सकता है।
#WATCH: Scuffle broke out between two groups of students during a seminar on #Article370 at Jawaharlal Nehru University campus in Delhi, today. Union Minister Jitendra Singh was speaking at the seminar. pic.twitter.com/KOLU18Cyo7
— ANI (@ANI) October 3, 2019
यह बवाल बाबुल सुप्रियो के साथ हुई हिंसा की याद दिलाने वाला था। पिछले दिनों केन्द्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के साथ भी वामपंथी छात्रों ने जाधवपुर विश्वविद्यालय में बदसलूकी हुई थी, जो आगे बढ़कर हाथापाई तक पहुँच गई थी। इसके बाद ABVP वालों ने भी जाधवपुर में जमकर तोड़फोड़ की थी।
आज तक की खबर के अनुसार जब वामपंथी संगठन AISA के छात्रों ने जितेन्द्र सिंह के भाषण के बीच में टोकाटाकी और नारेबाजी की, तो जवाब में ABVP वालों ने भी “कश्मीर से कन्याकुमारी, भारत माँ एक हमारी” का नारा लगाना शुरू कर दिया। गौरतलब है कि गत 5 अगस्त को भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था। इसके अलावा राज्य का पूर्ण राज्य का दर्जा खत्म कर उसे दो केंद्र-शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था।