Sunday, December 22, 2024
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इंडी गठबंधन में दरार: एमपी में कॉन्ग्रेस के ‘हाथ’ अपमानित हुए अखिलेश यादव, बोले- भ्रम में रखा, अब गठबंधन का बाद में देखेंगे

अखिलेश यादव ने कहा कि इस बात पर सहमति बनने के बाद भी कॉन्ग्रेस ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए और समाजवादी पार्टी के लिए जगह ही नहीं छोड़ी। अखिलेश यादव ने कहा है कि केंद्र के चुनाव के लिए चीजें बाद में देखी जाएँगी।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को कॉन्ग्रेस के हाथों अपमानित होना पड़ा है। उन्हें मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस ने पूरी तरह से अपमानित करते हुए कोई भाव नहीं दिया और वादे के मुताबिक 6 सीटें छोड़िए, एक भी सीट नहीं दिया। इसके बाद अब अखिलेश यादव ने कहा है कि अगर उन्हें पता होता कि राज्यों के स्तर पर गठबंधन नहीं है, तो वो कभी किसी बैठक में जाते ही नहीं।

गुस्से में अखिलेश यादव, खतरे में इंडी गठबंधन

जी हाँ, एमपी में कॉन्ग्रेस के हाथों अपमानित हुए अखिलेश यादव गुस्से में दिख रहे हैं। दरअसल, एमपी में पूर्व कॉन्ग्रेसी मुख्यमंत्री (कमलनाथ या दिग्विजय सिंह, अभी कंफर्म नहीं) के साथ बैठक के बाद समाजवादी पार्टी ने अपने प्रदर्शन का आँकड़ा उनके साथ साझा किया था। कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने रात में 1 बजे तक सपा नेताओं के साथ बातचीत की और आखिर में कहा कि वो 6 सीटें मध्य प्रदेश में देने को तैयार हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि इस बात पर सहमति बनने के बाद भी कॉन्ग्रेस ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए और समाजवादी पार्टी के लिए जगह ही नहीं छोड़ी। अखिलेश यादव ने कहा है कि केंद्र के चुनाव के लिए चीजें बाद में देखी जाएँगी। अगर उन्हें पता होता कि राज्यों में गठबंधन नहीं है, तो वो किसी बैठक में शामिल ही नहीं होते और न ही कोई लिस्ट कॉन्ग्रेस के साथ साझा करते।

एमपी में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा

समाजवादी पार्टी ने भी मध्य प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है और कई 31 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रभारी व्याजी गोंड ने कहा है कि समाजवादी पार्टी सभी 230 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने की कोशिश कर रही है। अभी तक 31 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की जा चुकी है।

राज्यों में नहीं है कोई गठबंधन

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अगर ये मुझे पहले दिन पता होता कि विधानसभा स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है, I.N.D.I (इंडी अलायंस) का, तो हम कभी मिलने ही नहीं जाते। न ही हमारी पार्टी के लोग जाते और न ही हम कभी कॉन्ग्रेस के लोगों के साथ अपनी सूची साझा करते। अभी लोकसभा चुनाव के लिए कोई गठबंधन होगा, केंद्र के लिए, तो हम उस पर विचार करेंगे।

बता दें कि इंडी गठबंधन की घोषणा के बाद से ही पार्टियों में दरार दिख रही है। पंजाब में आम आदमी पार्टी और कॉन्ग्रेस आमने सामने हैं, तो दिल्ली में दोनों पार्टियाँ एक राउंड भिड़ चुकी हैं। पश्चिम बंगाल में कॉन्ग्रेस और टीएमसी के बीच नोकझोंक हो चुकी है, तो केरल में सत्ताधारी और विपक्षी पार्टियाँ दोनों ही इंडी गठबंधन के हिस्से में हैं। अब उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी इंडी गठबंधन का बुरा हाल दिख रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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