समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को केंद्रीय जाँच एजेंसी (सीबीआई) ने बुलाया है। सीबीआई ने समन जारी कर 29 फरवरी को पूछताछ में शामिल होने के लिए कहा है। सीबीआई का ये समन अवैध खनन मामले से जुड़ा है, जिसमें उन्हें बतौर गवाह बुलाया गया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने अखिलेश को सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नोटिस जारी किया है। उन्हें ये नोटिस 21 फरवरी को नोटिस जारी किया गया था।
जानकारी के मुताबिक, अखिलेश यादव को जनवरी 2019 में दर्ज की गई सीबीआई की उस एफआईआर के संबंध में तलब किया गया है, जो हमीरपुर में 2012-2016 के बीच कथित अवैध खनन से संबंधित है। बता दें कि इस मामले में 5 जनवरी 2019 को CBI ने 12 जगहों पर छापेमारी भी की थी।
अखिलेश यादव ने कहा कि पिछले चुनाव से पहले भी एक नोटिस आया था और इस चुनाव में भी एक नोटिस आया है। बताया जा रहा है कि ये मामला साल 2012 से 2017 के बीच का है, जब अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, साथ ही उनके पास खनन मंत्रालय भी था।
इसी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 28 जुलाई 2016 को आदेश दिया था जिसके बाद सीबीआई की ओर से मामला दर्ज किया गया था। डीएम हमीरपुर, जियोलॉजिस्ट, माइनिंग ऑफिसर, क्लर्क, लीज होल्डर और प्राइवेट और अज्ञात लोगों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं 120 बी, 379, 384, 420, 511, प्रिवेंशन ऑफ करप्शन की धारा 13(1), (d) के तहत केस दर्ज किया था। इस मामले में माइनिंग लैंड की फ्रेश लीज और रिन्युअल आदि शामिल है। अवैध खनन के मामले में सीबीआई ने उस उसय उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले की तत्कालीन डीएम के लखनऊ आवास पर भी छापेमारी की थी। टीम ने उनके आवास से कई अहम दस्तावेज भी जब्त किए थे।
इस मामले की जाँच में जुटी सीबीआई ने 5 जनवरी 2019 को 12 जगहों पर छापेमारी के दौरान काफी मात्रा में कैश और गोल्ड की बरामदगी की थी। अब बतौर गवाह अखिलेश को सीबीआई ने सीआरपीसी 160 के तहत तलब किया है। इस एफआईआर में लिखा है कि आपराधिक साजिश में सरकारी कर्मचारियों ने निविदा प्रक्रिया का पालन किए बिना अवैध रूप से नए पट्टे और नवीकरण पट्टे दिए। लोगों को अवैध रूप से खनन की अनुमति दी गई।