महाराष्ट्र में शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सभी संस्थापकों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है और संस्थापक सदस्यों में अब अकेले पवार ही बच गए हैं। महाराष्ट्र में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को हार मिली थी। पिछले दोनों लोकसभा चुनाव में भी पार्टी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में विफल साबित हुई है। पूर्व में एनसीपी की महाराष्ट्र के अलावा बिहार और उत्तर पूर्व के राज्यों में भी अच्छी उपस्थिति थी लेकिन अब अपने गढ़ में ही पार्टी संघर्ष कर रही है।
20 वर्ष पूर्व कॉन्ग्रेस नेतृत्व के साथ संघर्ष के बाद शरद पवार ने पूर्व लोक सभाध्यक्ष पी. संगमा और बिहार के तारिक़ अनवर के साथ मिल कर एनसीपी की स्थापना की थी। पवार और संगमा की राहें तो 2004 में ही जुदा हो गई थीं और 2019 लोकसभा चुनाव से पहले तारिक़ अनवर ने भी पवार को झटका दिया और वापस कॉन्ग्रेस में शामिल हो गए। इन्हें एनसीपी के गठन का त्रिदेव कहा गया था। अब स्थिति यह है कि शरद पवार ने 2019 में लोकसभा चुनाव ही नहीं लड़ा।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के संस्थापक सदस्य गणेश नाइक, मधुकर पिचड़, अकोला से विधायक और पिचड़ के पुत्र वैभव पिचड़, विजय सिंह मोहिते पाटिल और उनके बेटे रणजीत सिंह पाटिल, पद्मा सिंह पाटिल और सचिन अहीर सहित कई नेताओं ने पवार का साथ छोड़ दिया है। इनमें से अधिकतर नेता भाजपा का दामन थाम रहे हैं। कई शिवसेना में भी गए हैं। ऐसे में, पवार की ढलती उम्र और गिरते स्वास्थ्य को देखते हुए एनसीपी अस्तित्व के संकट से जूझ रही है।
शरद पवार ने कहा- कायर हैं NCP छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले नेता https://t.co/QuL0dnk9LY
— NDTVIndia (@ndtvindia) September 16, 2019
अगर चर्चित चेहरों की बात करें तो शरद पवार के परिवार के अलावा पार्टी में दूर-दूर तक कोई नाम नज़र नहीं आता। उनकी बेटी सुप्रिया पवार बारामती से सांसद हैं और फ़िलहाल 2019 लोकसभा चुनाव में अपने पिता का पारम्परिक गढ़ बचाने में कामयाब रही हैं। मावल लोकसभा क्षेत्र से शरद पवार के भतीजे अजीत पवार के बेटे पार्थ अजीत पवार हार गए। ऐसे में, कभी महाराष्ट्र की राजनीति के केंद्र में रहा पवार परिवार आज हाशिए पर जाने के कगार पर है।
महाराष्ट्र में चुनाव की घोषणा इसी हफ़्ते हो सकती है.
— Milind Khandekar (@milindkhandekar) September 16, 2019
शरद पवार के हवाले से ख़बर कांग्रेस और NCP 125-125 सीट पर लड़ेंगे , बाक़ी 38 सीटों पर सहयोगी.
बीजेपी और शिवसेना में अब तक सीटों का बँटवारा नहीं हुआ है. https://t.co/Nr67XVHnqo
पहले कई बार ऐसा देखा जाता था कि विपक्षी नेता भी सीधे तौर पर शरद पवार पर हमला करने से बचते थे लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान अमित शाह ने शरद पवार के पारम्परिक गढ़ बारामती जीतने की बात कह कर सीधा उन पर हमला किया था। पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार एनसीपी छोड़ कर जाने वाले नेताओं को कायर बताते हैं।