Friday, September 13, 2024
HomeराजनीतिNCP छोड़ निकल लिए सारे संस्थापक, अकेले रह गए शरद पवार, अस्तित्व के संकट...

NCP छोड़ निकल लिए सारे संस्थापक, अकेले रह गए शरद पवार, अस्तित्व के संकट से जूझती पार्टी

पहले कई बार ऐसा देखा जाता था कि विपक्षी नेता भी सीधे तौर पर शरद पवार पर हमला करने से बचते थे लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान अमित शाह ने शरद पवार के पारम्परिक गढ़ बारामती जीतने की बात कह कर सीधा उन पर हमला किया था।

महाराष्ट्र में शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सभी संस्थापकों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है और संस्थापक सदस्यों में अब अकेले पवार ही बच गए हैं। महाराष्ट्र में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को हार मिली थी। पिछले दोनों लोकसभा चुनाव में भी पार्टी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में विफल साबित हुई है। पूर्व में एनसीपी की महाराष्ट्र के अलावा बिहार और उत्तर पूर्व के राज्यों में भी अच्छी उपस्थिति थी लेकिन अब अपने गढ़ में ही पार्टी संघर्ष कर रही है।

20 वर्ष पूर्व कॉन्ग्रेस नेतृत्व के साथ संघर्ष के बाद शरद पवार ने पूर्व लोक सभाध्यक्ष पी. संगमा और बिहार के तारिक़ अनवर के साथ मिल कर एनसीपी की स्थापना की थी। पवार और संगमा की राहें तो 2004 में ही जुदा हो गई थीं और 2019 लोकसभा चुनाव से पहले तारिक़ अनवर ने भी पवार को झटका दिया और वापस कॉन्ग्रेस में शामिल हो गए। इन्हें एनसीपी के गठन का त्रिदेव कहा गया था। अब स्थिति यह है कि शरद पवार ने 2019 में लोकसभा चुनाव ही नहीं लड़ा।

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के संस्थापक सदस्य गणेश नाइक, मधुकर पिचड़, अकोला से विधायक और पिचड़ के पुत्र वैभव पिचड़, विजय सिंह मोहिते पाटिल और उनके बेटे रणजीत सिंह पाटिल, पद्मा सिंह पाटिल और सचिन अहीर सहित कई नेताओं ने पवार का साथ छोड़ दिया है। इनमें से अधिकतर नेता भाजपा का दामन थाम रहे हैं। कई शिवसेना में भी गए हैं। ऐसे में, पवार की ढलती उम्र और गिरते स्वास्थ्य को देखते हुए एनसीपी अस्तित्व के संकट से जूझ रही है।

अगर चर्चित चेहरों की बात करें तो शरद पवार के परिवार के अलावा पार्टी में दूर-दूर तक कोई नाम नज़र नहीं आता। उनकी बेटी सुप्रिया पवार बारामती से सांसद हैं और फ़िलहाल 2019 लोकसभा चुनाव में अपने पिता का पारम्परिक गढ़ बचाने में कामयाब रही हैं। मावल लोकसभा क्षेत्र से शरद पवार के भतीजे अजीत पवार के बेटे पार्थ अजीत पवार हार गए। ऐसे में, कभी महाराष्ट्र की राजनीति के केंद्र में रहा पवार परिवार आज हाशिए पर जाने के कगार पर है।

पहले कई बार ऐसा देखा जाता था कि विपक्षी नेता भी सीधे तौर पर शरद पवार पर हमला करने से बचते थे लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान अमित शाह ने शरद पवार के पारम्परिक गढ़ बारामती जीतने की बात कह कर सीधा उन पर हमला किया था। पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार एनसीपी छोड़ कर जाने वाले नेताओं को कायर बताते हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

शराब घोटाले में जमानत तो मिल गई पर CM ऑफिस नहीं जा सकते हैं अरविंद केजरीवाल, फाइल पर साइन करने की इजाजत भी नहीं:...

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयाँ की बेंच ने यह फैसला सुनाया। केजरीवाल ने जमानत की याचिका दायर करते हुए अपनी गिरफ्तारी को भी चुनौती दी थी।

कौन थी लेडी मैकबेथ, जिससे हुई ममता बनर्जी की तुलना: बंगाल के गवर्नर अब CM के साथ साझा नहीं करेंगे मंच, सोशल बायकॉट का...

राज्यपाल बोस ने एक वीडियो जारी करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सार्वजनिक मंचों से बहिष्कार करने की बात कही है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -