बसपा सुप्रीमो मायावती ने राजस्थान के अलवर में सामूहिक दुष्कर्म के मामले में राजस्थान की कॉन्ग्रेस सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि इस घटना को कॉन्ग्रेस सरकार ने अपने राजनीतिक स्वार्थ में पीडि़त परिवार को डरा धमकाकर तब तक इस घटना को उजागर नहीं होने दिया, जब तक कि वहाँ पर मतदान नहीं हो गया। मायावती का कहना है कि वहाँ पर उनके लोगों के द्वारा काफी प्रयास के बाद सरकार पर दबाव बनाया गया, जिसके बाद सरकार कार्रवाई करने के लिए मजबूर हो गई। मायावती ने इस मामले के दोषी के खिलाफ फाँसी की सजा की माँग की है।
राजस्थान के अलवर में हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में बसपा सुप्रीमों मायावती ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार ने मतदान होने तक घटना की जानकारी को दबा के रखा.#Rajasthan #Mayawati pic.twitter.com/oOEmLIqvfA
— दूरदर्शन न्यूज़ (@DDNewsHindi) May 11, 2019
गौरतलब है कि, राजस्थान के अलवर में 26 अप्रैल को कुछ लोगों महिला का उसके पति के सामने सामूहिक बलात्कार किया गया था। इस मामले में पुलिस द्वारा पीड़ित की शिकायत देर से लिखे जाने पर काफी बवाल मचा था। जानकारी के मुताबिक, महिला ने पुलिस अधिकारियों को इस मामले में 30 अप्रैल को ही जानकारी दी थी, लेकिन 7 मई तक पुलिस ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। पीड़ित महिला के पति का कहना है कि पुलिस ने चुनाव की वजह से रिपोर्ट दर्ज करने में देरी की। बता दें कि, पुलिस ने इस मामले में सभी 6 आरोपितों- इंद्र राज गुर्जर, महेश गुर्जर, अशोक गुर्जर, हंसराज गुर्जर, छोटे लाल गुर्जर और मुकेश गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया है।
मायावती ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को राजस्थान की कॉन्ग्रेस सरकार एवं पुलिस प्रशासन के विरुद्ध भी सख्त कदम उठाना चाहिए, जिन्होंने वहाँ राजनीतिक स्वार्थ के लिए पुलिस और प्रशासन पर दबाव बनाकर इस मामले को दबाए रखा। मायावती का कहना है कि ये मामला सिर्फ एक दलित महिला से नहीं, बल्कि सभी महिलाओं से जुड़ा है।
BSP Chief Mayawati: The Election Commission is not taking appropriate action against political leaders who are making derogatory remarks against women, during the ongoing Lok Sabha elections. https://t.co/2JVPMChkzX
— ANI UP (@ANINewsUP) May 11, 2019
इसके साथ ही मायावती ने चुनाव आयोग को भी निशाने पर लिया। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ किए जा रहे अपमानजनक टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान कई नेता महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक बयान दे रहे हैं, मगर चुनाव आयोग की तरफ से उन पर किसी तरह की कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती दिख रही है। आयोग को इसका संज्ञान लेकर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।