केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने 2002 के गुजरात दंगों पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने अपने और भाजपा के खिलाफ तमाम बातों को विरोधी पार्टियों के साथ मीडिया का प्रोपोगेंडा बताया। इसी के साथ उन्होंने गोधरा में जलाए गए रामसेवकों पर कॉन्ग्रेस की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने जाकिया जाफ़री को तीस्ता सीतलवाड़ के इशारे पर काम करने वाला बताया।
अमित शाह ने कहा, “PM मोदी की छवि को बदनाम करने के लिए ये पूरी साजिश रची गई थी। लेकिन आख़िरकार सत्य की जीत है। दंगों का राजनैतिक उपयोग करना ही गलत है। मोदी जी की विदेश यात्रा के दौरान उनके खिलाफ लेख लिखे जाते थे। सुप्रीम कोर्ट ने भी ये मान लिया है कि जाकिया जाफ़री किसी और के निर्देश पर काम कर रही है।”
समाचार एजेंसी ANI को दिए वीडियो इंटरव्यू में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुजरात दंगों के अलावा आरक्षण, GST, सर्जिकल स्ट्राइक, किसान आंदोलन, आतंकवाद, पाकिस्तान आदि से संबंधित मसलों पर भी अपनी बात रखी।
अमित शाह ने आगे कहा, “हमने झूठ के सामने लड़ाई लड़ी क्योंकि इतिहास कई हजार सालों तक जीवित रहता है। हमने GST, सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कई लड़ाइयाँ लड़ी हैं। मेरी पार्टी के सर्वोच्च नेता को बदनाम करने की साजिश रची गई। लेकिन उनकी हार हुई। ये PM मोदी के लिए आत्मसंतोष का विषय हो सकता है लेकिन पार्टी के बाकी कार्यकर्ताओं के लिए ये आत्मगौरव की बात है।”
#WATCH | …Basic reason for the riots was Godhra train burning. 59 people, incl a 16-day-old child, were set on fire…No parade was done, it's false. They were taken to Civil Hospital & bodies were taken by families to their homes in closed ambulances: HM on 2002 Gujarat riots. pic.twitter.com/PrFFrfVSCV
— ANI (@ANI) June 25, 2022
अपनी बात को बढ़ाते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आगे कहा, “दंगा होने का मूल कारण गोधरा में ट्रेन को जला देना था। 16 दिन की बच्ची, जो माँ की गोद में थी… उसे भी जला दिया गया। अपने हाथों से अग्नि-संस्कार किया है मैंने गोधरा में। उस ट्रेन में जले लोगों का अंतिम संस्कार अपनी आँखों से देखा। उनके शवों को एम्बुलेंस से लाया गया। उससे लोगों में दुःख और आक्रोश था। गोधरा में ट्रेन में जले लोगों के शवों की परेड निकाली गई टाइप की बातें साजिश है। गोधरा में ट्रेन को जला देने के कारण दंगे हुए थे। उसके बाद के तमाम दंगे राजनैतिक साजिश से हुए। गुजरात दंगों का कोई आधिकारिक इनपुट भी नहीं था। उस समय के जिम्मेदार लोगों ने अच्छा काम किया था।”
अमित शाह के मुताबिक, “PM मोदी को ये पहली क्लीन चिट नहीं है। नानावटी कमेटी की क्लीन चिट के बाद SIT बनी और सुप्रीम कोर्ट तक मामला गया। फिर भी हमने न्यायिक प्रक्रिया में पूरी आस्था रखी। हम न्यायिक प्रक्रिया के खिलाफ प्रदर्शन नहीं कर सकते। हम खुद चाहते थे कि हमें न्यायालय भी क्लीन चिट दे। मेरा जेल जाना मेरा सौभाग्य है। जो भी हुआ, वो भले के लिए हुआ और उसके परिणाम अच्छे आए।”