विपक्षी पार्टियों द्वारा लंबे समय से सदन में दिल्ली हिंसा पर चर्चा की माँग पर बुधवार शाम को गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्षी पार्टियों के सवालों के जवाब दिए। साथ ही चर्चा के दौरान एक लंबी रिपोर्ट लोकसभा सदस्यों के सामने में पेश की है। इस दौरान अमित शाह ने दिल्ली पुलिस की पीठ थपथपाते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस ने 36 घंटे के अंदर हिंसा को काबू में किया। साथ ही शाह ने आशंका जताई कि दिल्ली हिंसा के पीछे एक गहरी साजिश रची गई थी।
Union Home Minister Shri @AmitShah‘s reply on discussion over the recent law and order situation in some parts of Delhi in Lok Sabha. https://t.co/Jagrx9Aj2U
— BJP (@BJP4India) March 11, 2020
सदन में बोलते हुए सबसे पहले अमित शाह ने दंगों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि मैं उनके परिवारों के प्रति भी संवेदनाएं व्यक्त करता हूँ। वहीं शाह ने सदन में आँकड़े पेश करते हुए कहा कि दिल्ली की जनसंख्या 1.7 करोड़ है, जबकि हिंसा की चपेट में आए इलाके की आबादी 20 लाख है। दिल्ली पुलिस ने हिंसा को नियंत्रित किया और 36 घंटे के अंदर उस पर काबू पाया। उन्होंने गौर फरमाते हुए कहा कि हिंसा में यह सुनिश्चित किया कि दंगे 4% भौगोलिक क्षेत्र और दिल्ली के 13% क्षेत्र तक ही बने रहें। उन्होंने यह भी दावा किया कि 25 फरवरी में रात 11 बजे के बाद के बाद अभी तक हिंसा ग्रस्त क्षेत्र में एक भी घटना नहीं हुई।
लगातार अपने ऊपर विपक्षी दलों द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि आप मुझ पर सवाल उठा सकते हैं और आपको ये अधिकार भी है, लेकिन तथ्यों के साथ तोड़-फोड़ करने का किसी को अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं श्रीमान ट्रम्प के कार्यक्रम में बैठा था, उनका कार्यक्रम पहले से तय था और मेरे संसदीय क्षेत्र में था। इसके बाद मैंने ही अजीत डोभाल जी से हिंसा वाले इलाके में जाने का अनुरोध किया और पुलिस का मनोबल बढ़ाने की बात कही।
शाह ने हेट स्पीच पर बोलते हुए कहा कि 14 दिसंबर को रामलीला मैदान में 1 पार्टी ने एंटी CAA रैली की, उसमें पार्टी की अध्यक्ष महोदया भाषण में कहती हैं कि घर से बाहर निकालों, आर-पार की लड़ाई करों, अस्तित्व का सवाल है। उसके बाद उनके एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि अभी नहीं निकलोगे तो कायर कहलाओगे। ये हेट स्पीच नहीं है तो क्या है? शाह ने वारिश पठान पर भी निशाना साधा और कहा कि जो यह कहता हो 15 करोड़ 100 करोड़ पर भारी हैं तो ये क्या है? उन्होंने यह भी कहा कि शाहीन बाग का धरना कपिल मिश्रा के बयान के बाद से नहीं बल्कि उससे बहुत पहले यानि की 15 दिसंबर से जारी है।
14 दिसंबर को रामलीला मैदान में 1 पार्टी ने anti CAA रैली की, उसमें पार्टी की अध्यक्ष महोदय भाषण में कहती हैं कि घर से बाहर निकालों, आर-पार की लड़ाई करों, अस्तित्व का सवाल है।
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उसके बाद उनके एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि अभी नहीं निकलोगे तो कायर कहलाओगे।
ये हेट स्पीच नहीं है क्या? pic.twitter.com/SgPZKMFLwm
शाह ने दिंल्ली हिंसा में उपयोग किए गए सोशल मीडिया का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सोशल मीडिया पर घटना की सच्चाई दिखाई तो दूसरी ओर कुछ लोगों ने देश में ट्रंप के आने से पहले लोगों को हिंसा के लिए भड़काया। उन्होंने यह भी साफ किया कि हिंसा में शामिल लोगों को किसी भी कीमत पर एक इंच भी बख्शा नहीं जाएगा। दोषी को इसकी सजा भुगतनी ही होगी।
अमित शाह ने दिए जवाब में आगे बताया कि दिल्ली पुलिस ने 27 फरवरी से आज तक 700 से ज्यादा FIR दर्ज की हैं और 2,647 लोगों को हिरासत में लिया है। इस दौरान शाह ने ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा कि CCTV फुटेज में व्यक्ति का चेहरा दिखाई देता है यह न तो कोई धर्म देखता है और न ही किसी के कपड़े, क्योंकि ओवैसी ने आरोप लगाया था कि एक ही धर्म के लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है। दिल्ली हिंसा पर दे रहे जवाबों के बीच शाह ने एक बार फिर CAA पर अपनी बात दोहराई और कहा कि CAA को मतदान करके पास किया था। फिर भी इसे लेकर देशभर में लोगों को गुमराह किया गया कि इससे अल्पसंख्यकों की नागरिकता चली जाएगी। मुझे बताइए कि आखिर इससे किसी की नागरिकता कैसे जा सकती है।
ओवैसी साहब ये सॉफ्टवेयर है, ये न तो धर्म और न ही कपड़े देखता है।
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वो सिर्फ और सिर्फ चेहरा और कृत्य देखता है और उससे ही उसको पकड़ता है: श्री @AmitShah pic.twitter.com/sHOL6mhy92
दिल्ली पुलिस मैदान में जूझ रही हो और उसे जाँच करके आगे भी इसके तथ्यों को कोर्ट के सामने रखना है तो ऐसे समय में हमें वास्तविकता को समझना चाहिए और पुलिस की जाँच में सहयोग करना चाहिए। इसके लिए हमने आम लोगों से मीडिया से भी अनुरोध किया है कि किसी के पास भी कोई ऐसा वीडियो फुटेज हो जिससे पुलिस को जाँच में सहायता मिल सके। उसे उपलब्ध कराएँ। इसके बाद हजारों वीडियो लोगों ने हमें दिए हैं। उम्मीद है कि इन वीडियो में से ही अंकित शर्मा के खून का भेद इसी से खुलेगा।
हमने लोगों से, मीडिया से दंगों का फुटेज मांगा है और मुझे कहते हुए आनंद है कि दिल्ली की जनता ने हजारों की तादात में पुलिस को वीडियो भेजे हैं।
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मुझे आशा है कि अंकित शर्मा के खून का भेद भी वो ही वीडियों में से बाहर आने वाला है: श्री @AmitShah pic.twitter.com/6IhdVUBhaD