महाराष्ट्र में चल रहे सियासी संकट के बीच भाजपा अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने शिवसेना और भाजपा के अलग होने के बाद अपना पहला बयान दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक साक्षात्कार में शाह ने बताया कि यह सार्वजानिक था कि उनके और शिवसेना के गठबंधन की जीत पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ही बनेंगे।
शाह बोले कि हम शिवसेना के साथ सरकार बनाने के लिए तैयार बैठे थे। चुनाव से पहले कई सभाओं में मैंने और पीएम मोदी ने खुद यह बात कही थी कि अगर भाजपा-शिवसेना गठबंधन की जीत होगी तो मुख्यमंत्री फडणवीस ही होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अब शिवसेना जो नई माँग लेकर अड़ी है, हम उसे स्वीकार नहीं कर सकते।
#WATCH Amit Shah to ANI on collapse of alliance with Shiv Sena: Before elections PM&I said many times in public that if our alliance wins then Devendra Fadnavis will be the CM, no one objected back then. Now they have come up with new demands which are not acceptable to us. pic.twitter.com/vb8XB4okI4
— ANI (@ANI) November 13, 2019
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अगर किसी भी दल के पास सरकार बनाने के लिए ज़रूरी संख्या है तो उसे सीधे राज्यपाल से संपर्क करना चाहिए, राज्यपाल ने किसी भी दल को सरकार बनाने से मना नहीं किया है।
#WATCH BJP President Amit Shah to ANI:The Governor has not denied chance to anyone(to form Govt). A learned lawyer like Kapil Sibal is putting forth childish arguments like ‘we were denied a chance to form Govt’. #Maharashtra pic.twitter.com/Aac2hpVIHD
— ANI (@ANI) November 13, 2019
भाजपा पर सरकार न बनाने का दोष मढ़ने वाले कपिल सिब्बल का नाम लेकर अमित शाह ने कहा कि उनके जैसा विद्वान वकील ऐसी बात कैसे कर सकता है कि हमें मौका नहीं दिया गया। उन्होंने सिब्बल की बात को एक बचकानी दलील बताया।
दरअसल 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। इसके बाद से ही शिवसेना और भाजपा के बीच गठबंधन टूटने के कयास लगाए जा रहे थे।
BJP President Amit Shah to ANI on President’s rule in Maharashtra: Is mudde par vipaksh rajniti kar raha hai aur ek samvidhanik pad ko is tarah se rajniti mein ghaseetna main nahi maanta loktantra ke liye swasth parampara hai. pic.twitter.com/ste4fe0LUc
— ANI (@ANI) November 13, 2019
बता दें कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भाजपा, शिवसेना और उसके बाद एनसीपी- तीनों दलों को सरकार बनाने का न्योता दिया था मगर पर्याप्त बहुमत न होने के कारण सभी दल सरकार बनाने की स्थिति में नहीं थे।
इसके बाद 7 नवम्बर को सूबे में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। महाराष्ट्र में इसे लगाए जाने को लेकर भी विपक्षी दलों ने खूब हंगामा मचाया था। इस पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि इस बात को मुद्दा बनाकर विपक्ष राजनीति कर रहा है। उन्होंने कहा, “एक संवैधानिक पद को इस तरह से राजनीति में घसीटना मैं नहीं मानता लोकतंत्र के लिए स्वस्थ परंपरा है।”