Saturday, July 27, 2024
Homeराजनीति'कमरे में हुई बात को सार्वजनिक करूँ, यह मेरी पार्टी का संस्कार नहीं, संख्या...

‘कमरे में हुई बात को सार्वजनिक करूँ, यह मेरी पार्टी का संस्कार नहीं, संख्या है तो आज ही बना लो सरकार’

अगर किसी भी दल के पास सरकार बनाने के लिए ज़रूरी संख्या है तो उसे सीधे राज्यपाल से संपर्क करना चाहिए, राज्यपाल ने किसी भी दल को सरकार बनाने से मना नहीं किया है।

महाराष्ट्र में चल रहे सियासी संकट के बीच भाजपा अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने शिवसेना और भाजपा के अलग होने के बाद अपना पहला बयान दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक साक्षात्कार में शाह ने बताया कि यह सार्वजानिक था कि उनके और शिवसेना के गठबंधन की जीत पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ही बनेंगे।

शाह बोले कि हम शिवसेना के साथ सरकार बनाने के लिए तैयार बैठे थे। चुनाव से पहले कई सभाओं में मैंने और पीएम मोदी ने खुद यह बात कही थी कि अगर भाजपा-शिवसेना गठबंधन की जीत होगी तो मुख्यमंत्री फडणवीस ही होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अब शिवसेना जो नई माँग लेकर अड़ी है, हम उसे स्वीकार नहीं कर सकते।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अगर किसी भी दल के पास सरकार बनाने के लिए ज़रूरी संख्या है तो उसे सीधे राज्यपाल से संपर्क करना चाहिए, राज्यपाल ने किसी भी दल को सरकार बनाने से मना नहीं किया है।

भाजपा पर सरकार न बनाने का दोष मढ़ने वाले कपिल सिब्बल का नाम लेकर अमित शाह ने कहा कि उनके जैसा विद्वान वकील ऐसी बात कैसे कर सकता है कि हमें मौका नहीं दिया गया। उन्होंने सिब्बल की बात को एक बचकानी दलील बताया।

दरअसल 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। इसके बाद से ही शिवसेना और भाजपा के बीच गठबंधन टूटने के कयास लगाए जा रहे थे।

बता दें कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भाजपा, शिवसेना और उसके बाद एनसीपी- तीनों दलों को सरकार बनाने का न्योता दिया था मगर पर्याप्त बहुमत न होने के कारण सभी दल सरकार बनाने की स्थिति में नहीं थे।

इसके बाद 7 नवम्बर को सूबे में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। महाराष्ट्र में इसे लगाए जाने को लेकर भी विपक्षी दलों ने खूब हंगामा मचाया था। इस पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि इस बात को मुद्दा बनाकर विपक्ष राजनीति कर रहा है। उन्होंने कहा, “एक संवैधानिक पद को इस तरह से राजनीति में घसीटना मैं नहीं मानता लोकतंत्र के लिए स्वस्थ परंपरा है।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘ममता बनर्जी का ड्रामा स्क्रिप्टेड’: कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, कहा – ‘दिल्ली में संत, लेकिन बंगाल में शैतान’

अधीर ने यह भी कहा कि चुनाव हो या न हो, बंगाल में जिस तरह की अराजकता का सामना करना पड़ रहा है, वो अभूतपूर्व है।

जैसा राजदीप सरदेसाई ने कहा, वैसा ममता बनर्जी ने किया… बीवी बनी सांसद तो ‘पत्रकारिता’ की आड़ में TMC के लिए बना रहे रणनीति?...

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कुछ ऐसा किया है, जिसकी भविष्यवाणी TMC सांसद सागरिका घोष के शौहर राजदीप सरदेसाई ने पहले ही कर दी थी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -