हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कॉन्ग्रेस को झटका देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने रविवार (21 अगस्त 2022) को पार्टी की चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। आनंद शर्मा ने इस्तीफे की वजह लगातार हो रहे अपमान और बहिष्कार को बताया। आनंद शर्मा ने सोनिया गाँधी को इस्तीफा भेजने के बाद इसे लेकर एक के बाद एक, दो ट्वीट भी किए।
आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश चुनाव के लिए कॉन्ग्रेस की संचालन समिति का अध्यक्ष पद भारी मन से छोड़ा है। स्वाभिमानी होने के कारण लगातार बहिष्कार और अपमान को देखते हुए उनके पास इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। हालाँकि उन्होंने यह भी कहा कि वह जीवनभर कॉन्ग्रेस सदस्य रहेंगे।
Committed to Congress ideology that runs in my blood, let there be no doubts about this! However, given the continuing exclusion and insults, as a self-respecting person- I was left with no choice. 2/2
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) August 21, 2022
उन्होंने अपने इस्तीफे को लेकर हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अपने अपमान और बहिष्कार को लेकर बात करते हुए कहा कि हिमाचल कॉन्ग्रेस के स्टीयरिंग कमेटी का प्रमुख बनाने के बावजूद आज तक उनकी भूमिका स्पष्ट नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि बीते दिनों दिल्ली और शिमला में हिमाचल चुनाव को लेकर पार्टी की कोर ग्रुप की महत्वपूर्ण बैठकों हुईं। लेकिन उसे उनमें नहीं बुलाकर उनका अपमान किया गया जिससे उनके स्वाभिमान को ठेस पहुँची।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने 51 साल पहले पार्टी को ज्वाइन किया था और आज उन्हें सिर्फ इसलिए अपमानित किया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने और गुलाम नबी आजाद ने G23 समिति के रूप में कुछ ऐसे मुद्दों को उठाया था जो कॉन्ग्रेस के नवीनीकरण और पुनरुद्धार के लिए जरूरी हैं। शर्मा ने कहा कि वह जमीन से जुड़े नेता हैं। उन्हें बदनाम किया जा रहा है।
यह पूछे जाने पर कि क्या अब तक किसी ने उनसे संपर्क किया? उन्होंने कहा, “नहीं, मुझसे कौन बात करेगा। मेरे जैसी वरिष्ठता वाले को अब तक कोई सम्मान नहीं दिया गया।” उन्होंने कहा कि अब तक पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने भी उनके पत्र का जवाब नहीं दिया है।
शर्मा ने कहा, “उनके पास मेरा लैटर है, मैं उनके जवाब का इंतजार कर रहा हूँ। मुझे यकीन है कि यह उनकी सूची में शामिल होगा। लेकिन यह दुखद है कि उन्होंने यह स्थिति तैयार होने दी। मैं उनका सम्मान करता हूँ।”
जब उनसे इसको लेकर सवाल किया गया कि कुछ कॉन्ग्रेसी का कहना है कि वह इसलिए नाराज हैं, क्योंकि उन्हें राज्यसभा में विस्तार नहीं मिला। इस पर शर्मा ने कहा कि यह बेहद अपमान की बात है कि इस बात को राज्यसभा से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने चुनाव लड़कर इसे हासिल किया, न कि ये उन्हें किसी ने दिया।
गौरतलब है कि आनंद शर्मा का इस्तीफा जी-23 समूह के एक अन्य वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद द्वारा हाल ही में जम्मू-कश्मीर में अभियान समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद आया है। गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा दोनों जी-23 समूह के प्रमुख नेता हैं जो पार्टी नेतृत्व के फैसलों के आलोचक रहे हैं।