आन्ध्र-प्रदेश सरकार ने अपने उस फैसले को बदलकर वापस पुराने नियम को लागू करने का निश्चय किया है जिसके तहत मेधावी छात्रों को दिए जाने वाले पुरस्कार का नाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर ही रहेगा। दरअसल आंध्र-प्रदेश के मौजूदा मुख्यमन्त्री जगन मोहन रेड्डी ने इस सम्मान को अपने पिता वाईएसआर रेड्डी के नाम पर करने का फैसला किया था। मगर उनके इस फैसले की काफी आलोचना हुई जिसके बाद उनकी सरकार अपने फैसले से पलट गई और इस सम्बन्ध में अपने पुराने आदेश को वापस ले लिया।
Andhra Pradesh Chief Minister YS Jaganmohan Reddy has ordered to immediately cancel the concerned GO (Government Order). He further ordered to reinstate the name of ‘Dr APJ Abdul Kalam Pratibha Puraskar Awards’. https://t.co/JVGCx3eA2L
— ANI (@ANI) November 5, 2019
मुख्यमंत्री के इसी फैसले के बाद राज्य सरकार ने 4 नवम्बर को एक नोटिस जारी किया था जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर मेधावी छात्रों को दिए जाने वाले सम्मान अब डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्रतिभा पुरस्कार की बजाय वाईएसआर विद्या पुरस्कार नाम से जाने जाएँगे। बता दें कि 11 नवम्बर को भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती पर राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। पूर्व राष्ट्रपति कलाम को भी शिक्षा और छात्रों से जुड़ाव के लिए जाना जाता है इसीलिए शिक्षा दिवस पर दिए जाने वाले सम्मान का नाम कलम पर रखा गया था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक यह पुरस्कार एमएससी परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभाशाली छात्रों को दिए जाते हैं। पूर्व राष्ट्रपति कलाम से जुड़े इस अवार्ड का नाम बदलकर अपने पिता वाईएसआर का नाम देने पर मुख्यमंत्री को आलोचना का शिकार होना पड़ा। काफी आलोचना के बाद अपने फैसले को वापस लेते हुए आंध्र-प्रदेश सरकार ने ‘डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्रतिभा पुरस्कार’ के नाम को वापस बहाल कर दिया। बता दें कि जब से आंध्र प्रदेश में जबसे वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्ववाली सरकार बनी है उसके बाद से ही प्रदेश सरकार पर सरकारी योजनाओं के नाम बदलने के आरोप लगते आ रहे हैं। प्रदेश में सरकार बनाने के बाद उन्होंने एनटीआर भरोसा का नाम बदलकर वाईएसआर पेंशन, अन्ना कैंटीन को राजन्ना कैंटीन और मध्याह्न भोजन योजना का नाम वाईएसआर अक्षय पात्र कर दिया।